
Yogi Adityanath V/s Akhilesh Yadav: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए 10 फरवरी को पहले चरण की वोटिंग होगी. सीएम योगी आदित्यनाथ गोरखपुर शहर सीट से मैदान में हैं तो पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव करहल सीट से खड़े हैं. खास बात ये है कि योगी और अखिलेश दोनों ही पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं. दोनों ने ही अब तक लोकसभा और विधान परिषद का चुनाव लड़ा था.
अखिलेश और योगी आदित्यनाथ दोनों ने ही अपनी-अपनी सीट से पर्चा भर दिया है. दोनों ने हलफनामे में अपनी संपत्ति और क्रिमिनल केस की जानकारी दी है. हलफनामों में योगी ने अपनी संपत्ति 1.54 करोड़ तो अखिलेश ने 40.14 करोड़ रुपये बताई है. वहीं, योगी पर एक भी क्रिमिनल केस नहीं है तो अखिलेश पर 3 मामले दर्ज हैं.
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योगी बनाम अखिलेशः सीएम रहते कितनी बढ़ी संपत्ति?
- मुख्यमंत्री रहते योगी आदित्यनाथ की संपत्ति करीब 60 लाख रुपये बढ़ी है. प्रतिशत के लिहाज से देखें तो 61 फीसदी से ज्यादा संपत्ति बढ़ी है. 2017 में विधान परिषद चुनाव के वक्त योगी ने अपनी संपत्ति 95.98 लाख रुपये बताई थी.
- वहीं, अखिलेश यादव 2012 से 2017 तक मुख्यमंत्री रहे थे. 2012 में अखिलेश ने विधान परिषद का चुनाव लड़ा था. तब उनकी संपत्ति 8.84 करोड़ रुपये थी. उसके बाद 2019 में उन्होंने आजमगढ़ सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा. उस समय उन्होंने अपनी संपत्ति 37.78 करोड़ रुपये बताई थी. यानी, 7 साल में उनकी संपत्ति 327 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ी.
योगी बनाम अखिलेशः योगी पर एक भी केस नहीं, अखिलेश पर 3
- योगी आदित्यनाथ ने 2017 में जब हलफनामा दायर किया था, तब उन्होंने अपने ऊपर 3 आपराधिक केस होने की बात कही थी. लेकिन अब उनके ऊपर एक भी केस नहीं है. यानी सीएम रहते उनके सारे केस खत्म हो गए.
- वहीं, बात अखिलेश यादव की करें तो 2019 तक उनके खिलाफ एक भी क्रिमिनल केस नहीं था. लेकिन कुर्सी से हटते ही उनके ऊपर केस दर्ज हो गए. 2022 में उन्होंने अपने ऊपर 3 क्रिमिनल दर्ज होने की बात कही है.
योगी बनाम अखिलेशः कैसा है दोनों का सियासी सफर?
- योगी आदित्यनाथः 1998 में पहली बार गोरखपुर से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीता. मात्र 26 साल की उम्र में सांसद बने. इसके बाद 1999, 2004, 2009 और 2014 में लगातार 5 बार सांसद चुनकर आए. 2017 में योगी आदित्यनाथ यूपी के मुख्यमंत्री बने. उसके बाद उन्होंने सांसद पद से इस्तीफा दिया. इसके बाद 2017 में विधान परिषद के सदस्य चुने गए.
- अखिलेश यादवः 2000 में पहली बार कन्नौज लोकसभा सीट पर उपचुनाव लड़ा और जीते. 2004 में कन्नौज से फिर सांसद चुने गए. 2009 में तीसरी बार कन्नौज से लोकसभा सांसद बने. 2012 में यूपी के मुख्यमंत्री बने. 2012 से 2018 तक विधान परिषद के सदस्य रहे. 2019 में आजमगढ़ सीट से लोकसभा सांसद चुने गए.