
यूपी में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. चुनाव से पहले सियासी दलों ने अपनी तैयारियों और रणनीति को लेकर मंथन शुरू कर दिया है. सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) भी एक्टिव मोड में आ चुकी है. बीजेपी की नजर अब दलित वोट बैंक को अपने पाले में करने पर है. बीजेपी दलितों को लुभाने में जुटी है. अब इसी कोशिश में सरकार ने आम्बेडकर कार्ड भी खेल दिया है.
विधानसभा चुनाव से ऐन पहले दलितों को लुभाने के लिए आंबेडकर स्मारक के निर्माण का ऐलान किया गया है. इस स्मारक में डॉक्टर आम्बेडकर की 25 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित किए जाने की योजना है. इस स्मारक का निर्माण यूपी की राजधानी लखनऊ में कराए जाने की योजना है. कहा जा रहा है कि लखनऊ के लोक भवन में 29 जून को आयोजित होने वाले एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इस स्मारक का शिलान्यास कर सकते हैं.
आम्बेडकर स्मारक के निर्माण को बीजेपी की ओर से मायावती की तर्ज पर दलितों को लुभाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. इस स्मारक का निर्माण लखनऊ के ऐशबाग इलाके में कराया जा सकता है. इस बड़े स्मारक में बाबा साहब भीमराव आम्बेडकर की 25 फीट की प्रतिमा के अलावा कन्वेंशन सेंटर, पुस्तकालय और अन्य दूसरी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जानी हैं.
गौरतलब है कि बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने अपने कार्यकाल में आम्बेडकर पार्क जैसे कई भव्य स्मारक लखनऊ से लेकर नोएडा तक बनवाए जो आज भी दलितों के सबसे बड़े स्मारक और प्रतीक चिह्न के तौर पर जाने जाते हैं. मायावती की ओर से स्मारक निर्माण की आलोचक रही बीजेपी भी दलित वोट बैंक में सेंधमारी के लिए अब कुछ उसी राह पर चलती नजर आ रही है.