
उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने किसानों की साधने की कोशिश तेज कर दी है. इसके लिए बीजेपी किसान मोर्चा की ओर से जगह-जगह किसान सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. आज लखनऊ में किसान मोर्चा की ओर से किसान सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है.
लखनऊ के शहीद पथ के पास स्थित वृंदावन योजना में बने डिफेंस एक्सपो ग्राउंड में इस किसान सम्मेलन में 20 हजार किसानों के इकट्ठा होने का दावा किया जा रहा है. तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के बीच हो रहे इस सम्मलेन पर किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर सिंह ने आजतक डिजिटल से खास बातचीत की.
सवाल- एक तरफ आप किसान सम्मेलन कर रहे हैं और दूसरी ओर किसान आंदोलन कर रहे हैं, आपको नहीं लगता कि आंदोलनरत किसानों के बीच जाकर उनके मुद्दों का हल किया जाना चाहिए?
जवाब- भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा का व्यक्तिगत मत है कि देश में कोई किसान आंदोलन नहीं चल रहा है, जो लोग धरने पर बैठे हैं वह सारे लोग संगठन के कार्यकर्ता हैं, इसको न तो किसानों का समर्थन है, न देश के आम नागरिकों का, देश के किसानों को गुमराह करने के लिए विपक्षी दलों के लोग प्रयास कर रहे हैं, जिसका सपोर्ट कोई नहीं कर रहा है.
सवाल- आप लखनऊ में किसान सम्मेलन आज करेंगे, राकेश टिकैत कह चुके हैं कि किसान लखनऊ में डेरा डालेंगे?
जवाब- यह देश, प्रदेश और किसान अब राकेश टिकैत को गंभीरता से नहीं लेता है, राकेश टिकैत दो बार चुनाव लड़े और बीजेपी प्रत्याशी के सामने उनकी जमानत जब्त हो गई थी, कुल मिलाकर खीझ मिटाने के लिए यह काम कर रहे हैं, मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि बीजेपी के साथ किसान था, है और रहेगा.
सवाल- किसान आंदोलन में गन्ना मूल्य बढ़ाने की भी मांग है, आपकी सरकार इस पर कुछ सोच रही है?
जवाब- आंदोलन का कारण यह नहीं है, तीनों कृषि कानून किसानों के हित में लाये गये हैं, कानून में दलाली रोकने का प्रावधान है, इसकी वजह से आंदोलन चल रहा है, हम बार-बार कह चुके हैं कि आंदोलनरत किसान नेता बताएं कि इन तीनों कानूनों में क्या कमी है, वह कमी नहीं बताते हैं केवल कानून खत्म करने की मांग करते हैं, हम कानून क्यों खत्म करें.
सवाल- बीजेपी किसान मोर्चा की तरफ से आंदोलन कर रहे किसानों से बातचीत की पहल की जा रही है?
जवाब- हम आज भी कहते हैं कि किसान बातचीत के लिए तैयार हों तो हम बात करने के लिए तैयार हैं, हम उनको हमेशा आमंत्रण देते हैं, किसान मोर्चा अपील करता है कि भारत सरकार वार्ता के लिए तैयार है, कृपया आंदोलनकारी तैयारी के साथ सरकार से वार्ता करें, तीन कृषि कानून की कमी बताएं या सुझाव दें, सरकार स्वीकार करने के लिए तैयार है.
सवाल- किसानों में कृषि कानून को लेकर क्यों गुस्सा है?
जवाब- कृषि कानूनों के नाम पर न गुस्सा है, न भ्रम है, इसकी आड़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है, इसके पीछे कुछ किसान संगठन और विरोध दल हैं, जिसको प्रदेश की जनता समझ चुकी है और देश के किसान भी समझ चुके हैं.
सवाल- किसानों की नाराजगी की एक और वजह 'घुमंतू पशु' हैं, सरकार इसको लेकर क्या काम कर रही है?
जवाब- यह समस्या पूरे देश की समस्या है, लेकिन उत्तर प्रदेश पहला राज्य है जिसने घुमंतू पशु के लिए गौशाला खोला है, गौ आश्रय केंद्र खोला है, उसको और व्यवस्थित करने का हम प्रयास करेंगे, लेकिन हमने (योगी सरकार) शुरुआत की है, देश के अन्य राज्यों में कोई व्यवस्था नहीं है, यहां तक की बाकी बीजेपी शासित राज्यों में भी इसके लिए कोई व्यवस्था नहीं है.
सवाल- किसान मोर्चा की ओर से आज होने वाले किसान सम्मलेन में क्या कृषि कानून का मसला उठेगा?
जवाब- नहीं, यह सम्मेलन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं के लिए उन्हें धन्यवाद ज्ञापित करने के लिए है, प्रदेश के किसान सीएम योगी को शुक्रिया कहेंगे.