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UP Election: पत्नी के मर्डर में आरोपी अमनमणि त्रिपाठी को BSP ने बनाया उम्मीदवार, जेल से जीत चुके हैं पहला चुनाव

उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले की नौतनवा विधानसभा से निर्दलीय विधायक अमन मणि त्रिपाठी को बसपा ने अपना उम्मीदवार घोषित किया है. मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में पत्नी समेत सजायाफ्ता पूर्व कैबिनेट मंत्री अमर मणि त्रिपाठी के बेटे हैं अमनमणि त्रिपाठी. बसपा प्रत्याशी पर इनकी पहली पत्नी सारा सिंह की हत्या का आरोप है.

अमनमणि त्रिपाठी जेल से चुनाव लड़ पहली बार MLA बने थे. अमनमणि त्रिपाठी जेल से चुनाव लड़ पहली बार MLA बने थे.
अमितेश त्रिपाठी
  • महराजगंज,
  • 07 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 2:28 PM IST
  • नौतनवा विधानसभा से निर्दलीय विधायक हैं अमनमणि
  • पत्नी की हत्या के आरोप में जेल जा चुके हैं अमन मणि त्रिपाठी
  • 2017 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जेल से चुनाव लड़ पहली बार MLA बने थे अमन

यूपी के महराजगंज जिले की नौतनवा विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक और पूर्व मंत्री अमरमणि के बेटे अमनमणि त्रिपाठी को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने सोमवार की देर शाम अपना प्रत्याशी घोषित किया है. 31 साल के अमनमणि को राजनीति उनके पिता अमरमणि त्रिपाठी से विरासत में मिली है. इनके पिता अमरमणि त्रिपाठी (लक्ष्मीपुर) जो अब नौतनवा विधानसभा हो गया है, से 4 बार से विधायक थे, और उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं.

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छठे चरण के चुनाव के लिए बीएसपी ने जो लिस्ट जारी की है, उसमें बलरामपुर, महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया और बलिया का नाम शामिल है.

चर्चित मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में पिता के जेल जाने के बाद अमनमणि ने राजनीति में अपना हाथ बढ़ाया था. दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से इन्होंने स्नातक की पढ़ाई की है. अमनमणि त्रिपाठी ने 16वीं विधानसभा चुनाव 2012 में अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की और नौतनवा विधानसभा सीट पर उन्होंने समाजवादी पार्टी की टिकट से चुनाव लड़ा, लेकिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस उम्मीदवार कुंवर कौशल किशोर सिंह से हार गए. 

जेल से निर्दलीय चुनाव लड़ा

इसके बाद 17वीं विधान सभा के चुनाव में अमनमणि त्रिपाठी ने एक बार फिर समाजवादी पार्टी से टिकट मांगा, लेकिन पत्नी की हत्या के मामले में फंसने के बाद सपा ने टिकट देने से इनकार कर दिया. इसके बाद उन्होंने जेल से निर्दलीय चुनाव लड़ा और सपा उम्मीदवार को हराकर पहली विधायक चुने गए. निर्दलीय रहने के बाद इस बार चुनाव नजदीक आते ही इनको भाजपा की गठबंधन निषाद पार्टी से टिकट मिलने के खूब कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन सोमवार की शाम निषाद पार्टी ने ऋषि त्रिपाठी को अपना प्रत्याशी घोषित कर अमन मणि त्रिपाठी के टिकट मिलने के कयास पर पूर्ण विराम लगा दिया.

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सास ने वीडियो जारी कर की थी टिकट न देने की अपील

महराजगंज की नौतनवा विधानसभा से भाजपा के सहयोगी दल निषाद पार्टी से टिकट मिलने की सुगबुगाहट के बीच अमनमणि की सास सीमा सिंह ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर अमन को टिकट न देने की अपील की थी. इसीलिए विवादों से बचते हुए निषाद पार्टी ने भाजपा के महामंत्री ऋषि त्रिपाठी को अपना उम्मीदवार बनाया.

पत्नी सारा हत्याकांड के आरोपी हैं अमन

निर्दलीय विधायक अमन मणि त्रिपाठी अपनी पत्नी सारा की हत्या के आरोपी हैं. इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है. उनके पिता पूर्व मंत्री अमर मणि त्रिपाठी और माता मधु मणि त्रिपाठी 2003 में लखनऊ में कवयित्री मधुमिता शुक्ला की हत्या के लिए दोषी ठहराए जाने के बाद पहले से ही जेल में सजा काट रहे हैं.

लव स्टोरी का 9 जुलाई 2015 को हुआ था अंत

बसपा के नए नवेले प्रत्यासी अमनमणि और सारा सिंह की लव स्टोरी का अंत काफी दुखद रहा. 9 जुलाई 2015 को संदिग्ध हालत में सारा सिंह की मौत हो गई, जब वह अमनमणि त्रिपाठी के साथ दोपहर में कार पर सवार होकर लखनऊ से दिल्ली की तरफ जा रही थीं. 

 

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