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यूपी चुनाव: चंदौली में सपा नेता की 'गुंडागर्दी' अखिलेश की राह में न बन जाए रोड़ा!

उत्तर प्रदेश की सत्ता में वापसी लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव तमाम कोशिशें कर रहे हैं, लेकिन उनके ही पार्टी के नेता अपनी 'गुंडागर्दी' वाली हरकतों से उनके अरमान पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं.

सपा विधायक अपने समर्थकों के साथ डिप्टीएसपी के साथ धक्का-मुक्की करते सपा विधायक अपने समर्थकों के साथ डिप्टीएसपी के साथ धक्का-मुक्की करते
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली ,
  • 06 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 2:16 PM IST
  • सपा विधायक की डिप्टी एसपी के साथ भिड़ंत
  • सपा के सामने गुंडा छवि को तोड़ने की चुनौती
  • बसपा से लेकर बीजेपी तक सपा को घेरने में जुटी

उत्तर प्रदेश की सत्ता में एक बार फिर से वापसी के लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव हरसंभव कोशिश में जुट गए हैं. सूबे में सियासी समीकरण दुरुस्त करने के लिए अखिलेश एक तरफ जातीय आधार वाले छोटे दलों के साथ गठबंधन कर रहे हैं तो दूसरी ओर अलग-अलग इलाकों का दौरा कर बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाने में जुटे हैं. हालांकि, अखिलेश की इन तमाम कोशिशों पर उनके ही पार्टी के नेता अपनी 'गुंडागर्दी' वाली हरकतों से पानी फेरते नजर आ रहे हैं, जिसे लेकर बीजेपी से लेकर बसपा तक ने एक बार फिर से सपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. 

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चंदौली में सपा नेता ने क्या किया

बता दें कि यूपी के चंदौली में सपा के विधायक प्रभु नारायण सिंह यादव और डिप्टी एसपी अनिरुद्ध सिंह के बीच कहासुनी व जमकर तू-तू मैं-मैं का वीडियो सामने आया है. इतना ही नहीं सपा विधायक ने पुलिस के साथ हाथापाई और डिप्टी एसपी के सिर के साथ अपना सिर से टक्कर भी मारी. इस घटना को लेकर सपा की छवि को बीजेपी ने गुंडागर्दी से जोड़ना शुरू कर दिया तो बसपा भी सपा को निशाने पर ले लिया है. 

सपा विधायक अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ रविवार को चंदौली दौरे पर आए सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर क्षेत्र की समस्या बताना चाहते थे. ऐसे में सपा नेता व कार्यकर्ता को सीएम से मिलने से डिप्टी एसपी रोक रहे थे. बार-बार रोकने के बाद भी नहीं रुक रहे थे और धक्का-मुक्की कर रहे थे. इस घटना पर सपा विधायक और संतोष यादव सहित 100 से 150 अन्य लोगों पर मुकदमा दर्ज हो गया है. 

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चंदौली घटना पर बीजेपी आक्रामक

सपा विधायक प्रभु नारायण यादव और पार्टी कार्यकर्ताओं की हरकतों को लेकर बीजेपी ने भी मोर्चा खोल दिया और सपा को गुंडा पार्टी बताया. यूपी बीजेपी के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा गया, 'सपा के मुखिया बदजुबानी करते हैं और उनके कार्यकर्ता पुलिस पर हाथ उठाते हैं. यह उस कहावत को चरितार्थ करते हैं कि जितना बड़ा झंडा, उसके पीछे छिपा उतना ही बड़ा सपाई गुंडा.' बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने सपा कार्यकर्ता की पुलिस के साथ बदसलूकी का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर कहा कि लाल टोपी वाले अपनी ट्रेनिंग का एक छोटा सा नमूना दिखाते हुए. 

यूपी चुनाव के सहप्रभारी व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने सपा विधायक और डिप्टी एसपी के टकराव का वीडियो शेयर करते हुए अखिलेश यादव पर निशाना साधा है. अनुराग ठाकुर ने ट्वीट कर कहा कि अखिलेश यादव यूपी की जनता से कहते नहीं थक रहे: आ रहा हूं, क्या यूपी में यही गुंडाराज, माफियाराज लाने के लिए आप आना चाहते हैं? स्थान-चंदौली, घटना-डिप्टी एसपी को पीटते सपाई और पिटाई के पर्यायवाची हैं सपाई.'

मायावती ने सपा पर खड़े किए सवाल

वहीं, बसपा प्रमुख मायावती ने भीमराव अंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर सोमवार को प्रेस कॉफ्रेंस कर चंदौली की घटना को लेकर सपा पर निशाना साधा. मायावती ने कहा, 'कल मैं देख रही थी चंदौली में समाजवादी पार्टी के लोग और उनके विधायक किस तरीके से कानून को अपने हाथ में लेकर पुलिस से दुर्व्यवहार कर रहे थे, वो किसी से छिपा नहीं है. अभी तो विजय भी नहीं मिली है, यह हाल है.

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बीजेपी से लेकर बसपा नेताओं ने जिस तरह से चंदौली की घटना को उठाया है और सपा नेताओं की गुंडागर्दी को लेकर घेरा है. इससे जाहिर है कि अखिलेश यादव के लिए टेंशन बढ़ाने वाली है. सपा के लिए उसकी गुंडागर्दी की छवि बनी है, वो एक बड़ी चुनौती रही है. 2017 में अखिलेश सरकार के सत्ता से जाने में सपा की गुंडा छवि एक अहम कारण बनी थी. 

सपा के सामने छवि बदलने की चुनौती

बसपा से लेकर बीजेपी तक सपा के राज में बढ़ी गुंडागर्दी को अहम हथियार बनाया था. बसपा ने 2007 में नारा दिया था, चढ़ गुंडों की छाती पर मुहर लगाए हाथी पर है तो बीजेपी ने 2017 में अखिलेश यादव की सरकार के खिलाफ भी कानून व्यवस्था को मुद्दा बनाया था. वहीं, अखिलेश यादव ने सपा की सपा की गुंडा छवि को बदलकर लोगों का विश्वास जीतने के लिए पांच साल पहले अपराधी छवि वाले नेताओं से दूरी बनाई थी. 

2022 की चुनाव की सरगर्मियों के बीच अखिलेश अभी तक बाहुबली नेताओं से खुद को दूर रखे हुए हैं और विकास के मुद्दों को सियासी हथियार बना रहे हैं. इतना ही नहीं छोटे-छोटे दलों के सहारे जातीय समीकरण भी सेट रहे हैं, लेकिन सपा नेताओं की गुंडागर्दी अब उनकी सियासी राह मुश्किलें खड़ी कर रही है. 

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