
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस एक ओर जहां फिर से सत्ता में वापसी की कोशिशों में जुटी है तो दूसरी ओर उसे झटके भी लग रहे हैं. पार्टी को नया झटका पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लगा है जहां पूर्व सांसद और प्रियंका गांधी वाड्रा की सलाहकार समिति के सदस्य हरेंद्र मलिक ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया.
पश्चिम यूपी क्षेत्र के कद्दावर नेता और पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक ने आज मंगलवार को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है. हरेंद्र मलिक ने इस्तीफा देने का ऐलान करते हुए कहा कि वह पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे रहे हैं. और उन्होंने पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी से अनुरोध किया है कि उनका इस्तीफा स्वीकार करें.
यही नहीं उत्तर प्रदेश के कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष पंकज मलिक ने भी पार्टी छोड़ दी है. पूर्व विधायक पंकज मलिक हरेंद्र मलिक के पुत्र हैं. खबर है कि पिता-पुत्र दोनों समाजवादी पार्टी में शामिल हो सकते हैं.
एक तरफ प्रियंका गांधी वाड्रा आज लखनऊ में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए एक के बाद एक बड़े ऐलान करने में जुटी थीं तो दूसरी तरफ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का किला टूट रहा था.
प्रियंका गांधी के ऐलान के बाद इस्तीफा
प्रियंका गांधी के लखनऊ के ऐतिहासिक प्रेस कॉन्फ्रेंस जिसमें उन्होंने उत्तर प्रदेश में 40 फीसदी टिकट महिलाओं को देने का ऐलान किया उधर कुछ घंटे बाद मुजफ्फरनगर में कांग्रेस के बड़े नेता हरेंद्र मलिक ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया. सिर्फ कांग्रेस को हरेंद्र मलिक ने ही नहीं नहीं छोड़ा बल्कि उनके बेटे पंकज मलिक ने भी कांग्रेस छोड़ दी.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के सबसे बड़े जाट नेता के तौर पर हरेंद्र मलिक की पहचान थी लेकिन उन्होंने भी पार्टी छोड़ने का दिन वह चुना जिस दिन कांग्रेस पार्टी ने अपना सबसे बड़ा चुनावी ऐलान किया.
हरेंद्र मलिक पूर्व सांसद, एआईसीसी मेंबर, प्रियंका गांधी वाड्रा के सलाहकार समिति के सदस्य और पश्चिम में कांग्रेस के बड़े नेता के तौर पर अपनी पहचान रखते थे लेकिन जाट समाज से कांग्रेस का सबसे बड़ा नेता आज पार्टी छोड़ गया.
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दरअसल, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का नेतृत्व लगभग खाली होता जा रहा है. इमरान मसूद जो कि कांग्रेस के मुसलमानों के बड़े चेहरों में एक हैं वह भी पार्टी को नसीहत दे चुके हैं कि कांग्रेस को समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करना चाहिए और कहीं ना कहीं यह भी संकेत दे चुके हैं कि वह भी पार्टी को छोड़ सकते हैं ऐसे में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का कोई बड़ा नेता ऐसा नहीं बचा जिसका अपना बड़ा जनाधार हो.
कांग्रेस पार्टी किसानों को लेकर सबसे मुखर रही. किसान आंदोलन के मुद्दे उठाती रही, तीन कृषि कानूनों का विरोध करती रही बावजूद इसके उसके जाट नेता जमीनी हकीकत भांपते हुए और 2022 के चुनाव को देखते हुए पार्टी छोड़कर जा रहे हैं.
क्या सपा में होंगे शामिल
सूत्रों के मुताबिक जल्द ही पिता-पुत्र हरेंद्र मलिक और पंकज मलिक समाजवादी पार्टी में शामिल होंगे पर चर्चा यह है कि मुजफ्फरनगर के चरखावल से या बुढाना सीट से चुनाव भी लड़ सकते हैं.
हरेंद्र मलिक के पार्टी छोड़ने की चर्चा इसलिए कुछ दिनों से चल रही थी और कांग्रेस नेतृत्व को भी इस बात का आभास था. वजह साफ है कि 2022 चुनाव में कांग्रेस पार्टी बीजेपी से मुकाबला करती नहीं दिख रही और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सपा और आरएलडी का गठबंधन बेहद मजबूत होता जा रहा है.
ऐसी स्थिति में हरेंद्र मलिक और उनके बेटे पंकज मलिक इस चुनाव में कोई चांस लेने को तैयार नहीं थे. कांग्रेस और सपा का गठबंधन नहीं होगा यह भी तय हो चुका है ऐसी स्थिति में जमीनी चुनावी हकीकत भागते हुए कांग्रेस के बड़े नेता ने पार्टी को अलविदा कह दिया है.
एक तरफ प्रियंका गांधी पार्टी में जान फूंकने में लगी है दूसरी तरफ जनाधार वाले नेता चुनावी मजबूरी देखते हुए दूसरी पार्टियों का रुख कर रहे हैं ऐसे कांग्रेस के लिए चुनाव में अब अपने नेताओं को रोकना एक बड़ी चुनौती साबित हो रहा है.