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Etawah Assembly Seat: 2017 में बीजेपी ने ध्वस्त किया था सपा का किला, रोचक होगी 2022 की जंग

इटावा विधानसभा सीट सपा का गढ़ रही है लेकिन 2017 के चुनाव में बीजेपी ने सपा का यह दुर्ग ध्वस्त कर विजय पताका फहराई थी.

यूपी Assembly Election 2022 इटावा सदर विधानसभा सीट यूपी Assembly Election 2022 इटावा सदर विधानसभा सीट
aajtak.in
  • इटावा,
  • 28 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 10:35 AM IST
  • इटावा सीट पर ब्राह्मण निभाते हैं निर्णायक भूमिका
  • सपा ने खारिज किए विधायक के विकास के दावे

यूपी के इटावा जिले की इटावा सदर सीट. ये विधानसभा सीट यमुना नदी के पावन तट पर स्थित है. इटावा सदर विधानसभा क्षेत्र धार्मिक और इतिहास समेटे हुए है. इस समय इस सीट से सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरिता भदौरिया विधायक हैं. इटावा सदर विधानसभा क्षेत्र में पर्यटन के लिहाज से भी काम हुए हैं. इटावा सदर विधानसभा क्षेत्र में देश की प्रतिष्ठित लायन सफारी भी बन गई है. बीजेपी विधायक सरिता भदौरिया पिछले साढ़े चार साल में कराए गए कार्य गिनवा रही हं. वहीं, दूसरी तरफ विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) भी अपने किले इटावा की इस सीट पर काबिज होने के लिए पूरा जोर लगा रही है.

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सियासी लिहाज से देखें तो इटावा सदर सीट काफी महत्वपूर्ण है. यह सीट सपा का गढ़ रही है लेकिन 2017 के चुनाव में बीजेपी ने सपा का यह दुर्ग ध्वस्त कर विजय पताका फहराया था. 2022 के चुनाव में भी बीजेपी इटावा सदर सीट पर कब्जा बरकरार रखने के लिए पूरा जोर लगा रही है, वहीं विपक्षी सपा भी अपनी खोई सीट फिर से पाने के लिए बेकरार है. इसबार के चुनाव में भी इस सीट पर बीजेपी और सपा के बीच सीधा मुकाबला होने की अटकलें लगाई जा रही हैं.

सामाजिक ताना-बाना

इटावा सदर सीट के सामाजिक ताने-बाने की बात करें तो शहर में बड़ा तबका व्यावसायियों का है जो इस सीट का परिणाम निर्धारित करने में बड़ी भूमिका निभाते हैं. जातिगत समीकरणों की बात करें तो सदर विधानसभा में हर जाति के लोग निवास करते हैं. यह सीट ब्राह्मण बाहुल्य है. इटावा सदर विधानसभा क्षेत्र में हर जाति के वोटरों की अच्छी तादाद है लेकिन ब्राह्मण निर्णायक भूमिका निभाते हैं.

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पिछले चुनाव नतीजे

साल 2017 के विधानसभा  चुनाव में इटावा सदर विधानसभा सीट से कुल 21 उम्मीदवार चुनावी रणभूमि में अपनी किस्मत आजमा रहे थे. बीजेपी ने सरिता भदौरिया पर दांव लगाया था तो वहीं सपा ने कुलदीप गुप्ता संटू, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने नरेंद्र नाथ चतुर्वेदी बल्लू और लोक दल ने आशीष राजपूत को टिकट दिया था. कड़े मुकाबले में चुनावी बाजी बीजेपी की सरिता के हाथ लगी थी. साल 2012 के चुनाव में सपा के रघुराज शाक्य विजयी रहे थे. शाक्य ने बीएसपी के महेंद्र सिंह राजपूत को हराया था. तब बीजेपी ने अशोक दुबे और कांग्रेस ने कोमल सिंह कुशवाह पर दांव लगाया था.

इटावा सदर क्षेत्र की समस्याएं एवं मुद्दे

इटावा सदर विधानसभा क्षेत्र में बिजली, पानी और सड़क की समस्या सबसे विकट है. बरसात के दिनों में शहर में होने वाले जलभराव और निकासी की समस्या से शहर हमेशा जूझता है. बसरेहर क्षेत्र में जाम की समस्या है. शहर में भी बस स्टैंड मुख्य बाजार में होने के कारण यहां के निवासियों को जाम की समस्या से निजात नहीं मिल पा रही है. हर चुनाव में ये सभी मुद्दे सियासत के केंद्र में रहते हैं लेकिन इनका समाधान नहीं हो पाता.

विधायक का रिपोर्ट कार्ड

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विधायक के रिपोर्ट कार्ड की बात करें तो विधायक सरिता भदौरिया विकास का दावा करते हुए अपने काम गिनाती हैं. सरिता भदौरिया ने दावा किया कि उदी के पास प्रसिद्ध प्राचीन कुंडेश्वर मंदिर का सुंदरीकरण कराने के साथ ही तालाबों का जीर्णोद्धार कराया. बसरेहर में जाम से मुक्ति दिलाने के लिए चार किलोमीटर लंबे बाईपास का निर्माण कार्य शुरू करा दिया है.

सरिता भदौरिया ने ये भी बताया कि पिलुआ महावीर मंदिर के पास रूरा गांव के निकट यमुना नदी पर पुल स्वीकृत करवाया है. क्षेत्र में कई स्थानों पर श्मशान घाट का निर्माण करवाया है. ग्रामीण क्षेत्रों में पार्क और स्टेडियम के भी निर्माण करवाएं हैं. पछायांगांव, नगला गौर और नगला पीर के पास सड़कों का निर्माण करवाया है. बाईपास के अतिरिक्त एक्सप्रेस वे से जोड़ने के लिए एक सड़क स्वीकृत कराई है जिसका बजट 162 करोड़ रुपये है.

सपा ने खारिज किए दावे

विधायक सरिता भदौरिया की ओर से विकास के दावे को सपा के जिलाध्यक्ष गोपाल यादव ने खारिज किया है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के सभी नेता और विधायक झूठ बोलते हैं. अगर विकास की वास्तविक स्थिति यदि है तो वह बसरेहर क्षेत्र में बाईपास का एक फुट हिस्सा भी दिखा दें जिसका निर्माण हुआ हो. अभी तक भूमि अधिग्रहण भी नहीं हुआ है. सपा के जिलाध्यक्ष ने कहा कि श्मशान घाट शहर में हमारी सरकार के कार्यकाल का बनाया हुआ है. इसके अतिरिक्त कहीं पर भी कोई दूसरा निर्माण नहीं हुआ है. पिलुआ महावीर मंदिर के पास यमुना पुल बनवाने की स्वीकृत की बात कही जा रही है जो पूरी तरह से गलत है. सरकार का चार साल से अधिक का कार्यकाल बीत चुका है. कुछ महीने बाद कोई कार्य हो नहीं पाएगा. सभी दावे फर्जी हैं.

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विविध

पर्यटन के लिहाज से इटावा का नाम अब लायन सफारी के नाम से भी जाना जाने लगा है. 350 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में बना लायन सफारी अब प्रदेश में अपना स्थान रखता है. इटावा में कई सारे धार्मिक और ऐतिहासिक पर्यटन स्थल हैं. विकास के नाम पर अंग्रेजों के समय से बना हुआ रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड हैं तो वहीं नेशनल हाईवे के जरिए यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है.

(इटावा से अमित तिवारी के इनपुट के साथ)

 

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