
यूपी में विधानसभा चुनावों (UP Assembly elections)की चौसर बिछने के साथ ही सभी राजनीतिक पार्टियां वोटों के समीकरण में लग गई हैं. लिहाजा पूर्वांचल में सपा ब्राह्मण वोट साधने में जुट गई है. जहां पूर्वांचल की सियासत में ब्राह्मण चेहरा माने जाने वाले पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी का परिवार बसपा (BSP) के हाथी से उतरकर रविवार को समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की साइकिल की सवारी करने की तैयारी में है, तो संतकबीरनगर-खलीलाबाद से भाजपा विधायक दिग्विजय नारायण चौबे उर्फ जय चौबे भी रविवार को सपा का दामन थामेंगे.
गोरखपुर से सटे बस्ती मंडल में सपा वोटों का गणित बैठाना चाहती है. लिहाजा बीजेपी (BJP) को झटका देने के लिए भाजपा विधायक दिग्विजय नारायण चौबे (Digvijay Narayan Choubey) को अपने खेमे में लेने की तैयारी है. मसलन अब चौबे सपा के साथ राजनीतिक सफर आगे बढ़ाएंगे.
वहीं सपा में जाने की संभावनाओं के बीच बाहुबली नेता हरिशंकर तिवारी परिवार को बसपा प्रमुख मायावती ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. हरिशंकर तिवारी के छोटे बेटे विधायक विनय शंकर तिवारी, बड़े बेटे व पूर्व सांसद कुशल तिवारी और भांजा गणेश शंकर पांडे को निष्कासित कर दिया है. हरिशंकर तिवारी परिवार का सियासी ठिकाना अब सपा बनने जा रही है.
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में विपक्षी दल योगी सरकार को ब्राह्मण विरोधी के तौर पर स्थापित करने में जुटा है. ब्राह्म्ण बनाम ठाकुर की राजनीति के बीच हरिशंकर तिवारी परिवार का सपा में जाने से पूर्वांचल के समीकरण बदल सकते हैं. यह इलाका ब्राह्मण बहुल माना जाता है और हरिशंकर तिवारी पूर्वांचल में ब्राह्मणों के बड़े चेहरे हैं.