
यूपी के मुरादाबाद जिले की एक विधानसभा सीट है कांठ विधानसभा सीट. ये विधानसभा सीट साल 1957 में अस्तित्व में आई थी. कांठ विधानसभा सीट की सीमा अमरोहा और बिजनौर जिले से लगती है. ये सीट सामान्य है. इस इलाके में बड़े पैमाने पर गन्ने की खेती होती है. रामगंगा के खादर के कारण जमीन भी उपजाऊ है. इस इलाके में चीनी मिल के साथ ही कई छोटे बड़े उद्योग धंधे भी हैं.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
कांठ विधानसभा सीट साल 1957 में अस्तित्व में आई थी. इस विधानसभा सीट के लिए अब तक 16 विधानसभा चुनाव हुए हैं. हर चुनाव में जनता अलग-अलग उम्मीदवारों को विधानसभा भेजती रही है. 16 विधानसभा चुनाव में यहां कि जनता ने कांग्रेस को तीन, कांग्रेस (यू) को एक, जनता पार्टी को दो, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को तीन और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को दो बार विधानसभा में अपने प्रतिनिधित्व का मौका दिया है.
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कांठ विधानसभा सीट से 1957 के पहले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के जितेंद्र प्रताप सिंह, 1962 में कांग्रेस के दाऊ दयाल खन्ना, 1967 में निर्दलीय जे सिंह विधायक बने. 1969 में नई पार्टी भारतीय क्रांति दल का उदय हुआ और इस दल के नौनिहाल सिंह ने विजय पाई. 1974 में भारतीय क्रांति दल के ही चंद्रपाल सिंह, 1977 में जनता पार्टी के हरगोविंद सिंह, 1980 में कांग्रेस (यू) से रामकिशन, 1985 में कांग्रेस से समरपाल सिंह विधायक निर्वाचित हुए.
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कांठ विधानसभा सीट से 1989 में जनता दल से चंद्रपाल सिंह, 1991 में बीजेपी के ठाकुर पाल सिंह, 1993 में जनता पार्टी के महबूब अली, 1996 में बीजेपी के राजेश कुमार सिंह, 2002 और 2007 में बसपा के रिजवान अहमद और 2012 में पीस पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे अनीस उर रहमान सैफी को विधानसभा में भेजा था.
2017 का जनादेश
कांठ विधानसभा क्षेत्र से 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने राजेश कुमार सिंह को टिकट दिया. बीजेपी के राजेश के सामने सपा से 2012 में पीस पार्टी के टिकट पर विधायक निर्वाचित हुए अनीस उर रहमान सैफी मैदान में थे. बसपा ने मीट कारोबारी नासिर कुरैशी को टिकट दिया था. बीजेपी के राजेश ने सपा के अनीस को 2348 वोट के अंतर से हरा दिया. तीसरे नंबर पर बसपा के नासिर बसपा के नासिर तीसरे स्थान पर रहे.
सामाजिक ताना-बाना
कांठ विधानसभा सीट के सामाजिक समीकरणों की बात करें तो यहां करीब तीन लाख मतदाता हैं. जातिगत आंकड़ों की बात करें तो यहां हर जाति वर्ग के मतदाता रहते हैं. पिछड़ी के साथ ही अनुसूचित जाति और जनजाति के मतदाता चुनाव परिणाम निर्धारित करने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं.
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
कांठ विधानसभा सीट से बीजेपी के विधायक 58 साल के राजेश कुमार सिंह का जन्म सेहेरपुर, एत्मादपुर में हुआ था. उन्होंने 12वीं तक की शिक्षा प्राप्त की है. राजेश कुमार सिंह की पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीतक रही है. उनके पिता नौनिहाल सिंह भी कांठ विधानसभा से विधायक रहे थे. राजेश सिंह का दावा है कि उनके कार्यकाल के दौरान इलाके में काफी विकास कार्य हुए हैं.