
उत्तर प्रदेश का मैनपुरी मयन ऋषि की तपस्थली रहा है. कहा जाता है कि मयन ऋषि की तपस्थली होने की बजह से ही यहां का नाम मैनपुरी पड़ा. मैनपुरी उद्योग शून्य है. मैनपुरी समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का गृह जिला भी है. मैनपुरी सपा का गढ़ माना जाता है. मैनपुरी जिला मुख्यालय का नगरीय इलाका मैनपुरी सदर विधानसभा सीट में आता है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
मैनपुरी सदर विधानसभा सीट सपा का गढ़ रही है. साल 1985 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के रघुवीर सिंह यादव, 1989 में जनता दल के इन्दल सिंह चौहान, 1991 और 1993 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नरेंद्र सिंह राठौर विधायक रहे. 1996 में ये सीट सपा के पाले में चली गई और पार्टी के उम्मीदवार मानिकचन्द्र यादव विजयी रहे.
मैनपुरी विधानसभा सीट से 2002 और 2007 के चुनाव में बीजेपी के अशोक चौहान विधायक रहे तो 2012 में इस सीट पर फिर साइकिल दौड़ गई. मैनपुरी विधानसभा सीट से सपा के उम्मीदवार राजकुमार उर्फ राजू यादव ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंदी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की रमा शाक्य को हरा दिया.
2017 का जनादेश
मैनपुरी सदर विधानसभा सीट से साल 2017 के चुनाव में भी सपा का कब्जा बरकरार रहा. सपा ने निवर्तमान विधायक राजकुमार यादव उर्फ राजू यादव पर ही फिर से भरोसा जताया और जनता ने भी उस भरोसे पर अपनी मुहर लगा दी. सपा प्रत्याशी राजू यादव ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बीजेपी के अशोक चौहान को नौ हजार से अधिक वोट के अंतर से पराजित कर दिया.
सामाजिक ताना-बाना
मैनपुरी सदर विधानसभा सीट पर सवा तीन लाख से अधिक मतदाता हैं. जातिगत समीकरणों की बात करें तो अनुमानों के मुताबिक मैनपुरी सदर विधानसभा क्षेत्र में करीब 21 फीसदी यादव, 15 फीसदी शाक्य, 11 फीसदी ठाकुर, आठ फीसदी ब्राह्मण, आठ फीसदी लोधी, 15 फीसदी एससी, छह फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं.
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
मैनपुरी सदर विधानसभा सीट से विधायक राजकुमार यादव उर्फ राजू यादव 47 साल के हैं. राजू यादव ग्रेजुएट हैं. साल 2012 में वे मैनपुरी सदर सीट से पहली बार चुनाव लड़े थे और विजयी रहे थे. सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के भाई प्रोफेसर रामगोपाल यादव के करीबी माने जाने वाले राजू यादव 2017 में भी विधायकी बचाए रखने में सफल रहे थे. राजू यादव की गिनती तेज-तर्रार नेताओं में होती है. पेशे से किसान राजू यादव और उनकी पत्नी के नाम 9 बैंक खाते हैं. इनके पास करीब पांच करोड़ की सम्पत्ति बताई जाती है.