
उत्तर प्रदेश विधान सभा 2022 के चुनाव के तिथियों की घोषणा हो चुकी है. चुनाव को लेकर सभी पार्टियां धीरे-धीरे अपने-अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर रही हैं. मऊ जनपद की बात करें, तो मऊ में आखिरी चरण, यानी सातवें चरण में 07 मार्च को मतदान होना है. ऐसे में अभी तक भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है. वहीं, बहुजन समाज पार्टी ने मऊ की चारों विधानसभा सीटों से अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है.
मऊ सदर सीट पर 5 बार से बाहुबली मुख्तार अंसारी का कब्जा
मऊ सदर सीट की बात करें, तो इस सीट पर पिछले 5 बार से बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी का कब्जा रहा है और वर्तमान समय में वह बांदा जेल में बंद हैं. हालांकि, प्रदेश की वर्तमान सरकार के द्वारा मुख्तार अंसारी के आर्थिक साम्राज्य को तोड़ने के लिए पूरे उत्तर प्रदेश में बड़ी कानूनी कार्रवाई की गई है, बावजूद इसके अगर हम चुनावी समीकरण की बात करें, तो सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी से गठबंधन के बाद इस सीट से मुख्तार अंसारी का लड़ना तय है. जिसमें समाजवादी पार्टी मुख्तार के खिलाफ अपना कोई भी कैंडिडेट नहीं खड़ा करेगी. मुख्तार या तो सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से लड़ेंगे या फिर वह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में दिखेंगे.
बीजेपी में मुख्तार अंसारी से टक्कर लेने वालों की कमी नहीं
इस बार के चुनाव में, जहां एक तरफ मुख्तार अंसारी को हराने के लिए बीजेपी के हाई कमान सहित प्रदेश नेतृत्व तमाम तरह से प्रत्याशियों के नाम तय करने के समीकरण में जुटा है, वहीं मऊ की सदर सीट से तमाम नेताओं ने टिकट के लिए अपनी दावेदारी पेश की है. हालांकि पार्टी हाईकमान द्वारा अभी तक किसी भी नाम पर मुहर नहीं लगी है.
बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को चुनाव में टक्कर देने के लिए प्रबल दावेदारों में एक नाम शक्ति सिंह का भी है, जो दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र संघ के अध्यक्ष भी रह चुके हैं और वह युवा भी हैं. युवाओं में उनकी खासी पकड़ भी है, क्योंकि जिस दिन वह दिल्ली से मऊ आए थे उस दिन सैकड़ों गाड़ियों के काफिले ने उनका स्वागत किया था और वह भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी हैं. बीजेपी ने शक्ति सिंह को बड़ी जिम्मेदारी देते हुए, पार्टी के युवा मोर्चा का पश्चिम बंगाल का प्रभारी भी बनाया है. ऐसे में शक्ति सिंह इस चुनाव में मुख्तार को कड़ी टक्कर देने के लिए अपनी कमर कस चुके हैं और वह प्रबल दावेदारों की सूची में भी हैं. हालांकि, यह तो पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को तय करना है कि चुनाव कौन लड़ेगा.
वहीं अशोक सिंह भी मऊ सदर सीट से टिकट पाने वाले दावेदारों की सूची में शामिल हैं. अशोक सिंह के भाई मन्ना सिंह की सन 2009 में मऊ शहर कोतवाली क्षेत्र में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में मुख्तार अंसारी सहित कई लोगों को आरोपी बनाया गया था. इस मामले के बाद भी इस हत्या के मामले में गवाह रहे 2 लोगों की हत्याओं में भी मुख्तार अंसारी आरोपी हैं. अशोक सिंह द्वारा लगातार पिछले दो विधानसभा चुनावों से टिकट की दावेदारी की जा रही है, लेकिन अभी तक वह टिकट पाने में सफल नही रहे हैं. मऊ की इस दिलचस्प सीट से बजरंगी सिंह ने भी अपनी दावेदारी पेश की है. वह भाजपा के गोरखपुर क्षेत्र के क्षेत्रीय मंत्री हैं, साथ ही भारतीय जनता पार्टी के युवा नेता भी हैं. इनके अलावा वर्तमान समय में भारतीय जनता पार्टी मऊ के जिला अध्यक्ष प्रवीण गुप्ता भी इस सीट से इस बार चुनाव लड़ना चाहते हैं.
इनके अलावा, बीजेपी के जिला मंत्री सुनील यादव ने भी मऊ सदर सीट से चुनाव लड़ने की अपनी इच्छा जाहिर की है. विकास पुरुष कहे जाने वाले कल्पनाथ राय की बहू सीता राय भी महिला प्रत्याशी के रूप में अपनी दावेदारी पेश कर रही हैं. वह भाजपा महिला मोर्चा की पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष भी रह चुकी हैं.
यह तो रही बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के सामने चुनाव मैदान में आमने-सामने लड़ने के लिए अपनी दावेदारी पेश करने वालों की सूची. लेकिन इतना तय है कि प्रत्याशी कोई भी रहे, इस बार भी अगर मुख्तार अंसारी मऊ सदर सीट से चुनाव लड़ते हैं, तो निश्चित रूप से वह दूसरे दलों के प्रत्याशियों को कड़ी टक्कर देंगे. अब तो आने वाले 10 मार्च को यह तय होगा कि क्या छठवीं बार मऊ सदर सीट से मुख्तार अंसारी एक बार फिर विधायक चुने जाते हैं या फिर कोई दूसरे दल का उम्मीदवार इनको हराकर इस सीट पर चले आ रहे मुख्तार के तिलस्म को तोड़ने का काम करेगा.