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जिन्ना कुल्हाड़ी मारकर चले गए, अखिलेश ने उनका नाम लिया, बेवकूफ़ी की: मौलाना महमूद मदनी

Panchayat Aajtak Lucknow: उत्तर प्रदेश में 20 फीसदी मुस्लिम वोटर काफी अहम निर्णायक हैं, जिन्हें साधने के लिए सपा, बसपा और कांग्रेस सहित सभी दल जुटे हैं तो असदुद्दीन ओवैसी उन्हें उचित प्रतिनिधित्व देने को लेकर सक्रिय हैं. ऐसे में 2022 यूपी चुनाव में मुस्लिम वोटों के रुख को लेकर मौलाना महमूद मदनी ने सारे सवालों का बेबाकी से जवाब दिया.

मौलाना महमूद मदनी मौलाना महमूद मदनी
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 10 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 6:13 PM IST
  • यूपी में 20 फीसदी मुस्लिम वोटर काफी काफी अहम है
  • मुस्लिम वोटर यूपी की 143 सीटों पर असर रखते हैं
  • मुस्लिमों पर सपा-बसपा-कांग्रेस-AIMIM की नजर

UP Election 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का औपचारिक ऐलान हो चुका है. यूपी में 7 चरणों में चुनाव होंगे जबकि नतीजे 10 मार्च को आएंगे. सूबे में सियासी नब्ज की थाह लेने के लिए आजतक की ओर से आयोजित देश की सबसे बड़ी बहस पंचायत उत्तर प्रदेश में 'मुस्लिम समाज किसे करेगा वोट' के सवाल पर बेबाकी से मौलाना महमूद मदनी ने जवाब दिया. 

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जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्‍यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश के जिन्‍ना वाले बयान से किनारा करते हुए कहा कि मुसलमान ने जिन्ना के आईडिया को रिजेक्‍ट किया और इंडिया को चुना है. हम लोग बाइचांस नहीं बाई चॉइस इंडियन हैं. महमूद मदनी ने दो टूक कहा कि भारत को मुसलमानों ने अपनी पंसद से चुना. जिन्‍ना इंडिया के मुसलमानों के पैर पर कुल्हाड़ी मार कर गए थे. ऐसे में भारत के मुसलमानों के साथ जिन्ना को नहीं जोड़ना चाहिए. 

महमूद मदनी ने कहा कि अखिलेश यादव एक पार्टी के नेता है, उन्हें जिन्ना की कुछ बातें अच्छी लगी होंगी. जिन्ना से हमारा कोई लेना नहीं है. उसे मुसलमानों से क्यों जोड़कर देखा जा रहा है. अखिलेश यादव ने किस कॉटेंस्ट में जिन्ना का जिक्र किया है, मैं नहीं जानता है. उन्होंने आउट ऑफ कॉटेस्ट में जाकर बात की है, जो बेवकूफी की थी. यहां कुछ लोग हैं जो नाथूराम गोडसे साहब की भी तारीफ करते हैं. हालांकि, मदनी ने कहा कि हम सबके साथ साहब शब्द लगाते हैं.  

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उन्होंने कहा कि हमारे नबी (मोहम्मद साहब) के बारे को गाली दी जा रही है. ये बातें इतना बढ़ गया कि हर जगह हो रही हैं और सरकार के द्वारा उन पर कोई एक्शन नहीं हो रहा है. त्रिपुरा के मामले का उदाहारण देते हुए मौलान मदनी ने कहा कि त्रिपुरा में बकायदा जुलूस निकाला गया और गाली दी गई. इतने दिनों के बाद भी कोई कोई एक्शन नहीं हुआ. साथ ही उन्होंने कहा कि किसी भी समुदाय का कोई भी शख्स अगर अभद्र के भाषा का इस्तेमाल किसी के भी खिलाफ या किसी धर्म के महापुरुष के खिलाफ करता है तो सख्त एक्शन होना चाहिए. 

महमूद मदनी ने कहा कि त्रिपुरा के मामले पर हम केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी मिलकर आए थे और उन्होंने भरोसा दिया था कि जरूर एक्शन लेंगे, लेकिन किया हुआ. वहीं, मौलाना तौकीर रजा के बयान पर उन्होंने कि इसे उससे नहीं जोड़ा जाना चाहिए, क्योंकि उन्होंने किसी भी धर्म के बड़े या महापुरुष को गाली नहीं दी. इसके बाद भी मौलाना तौकीर रजा के लफ्जों से सहमत नहीं हूं. 

हालांकि, मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करने वाले कुछ ही लोग हैं. देश के 80 फीसदी लोग भाईचारा और सहिष्णुता में विश्वास करते हैं, लेकिन चंद लोग हैं जो नफरत फैला रहे हैं और वो लोग ही ऐसे अल्फाज का इस्तेमाल कर रहे हैं. हेट स्पीच में मदनी ने कहा कि हेट स्पीच के साथ-साथ हेट क्राइम भी बढ़ गए हैं. हेट क्राइम को काउंटर करने की जिस पर जिम्मेदारी हैं, उन्होंने आंख बंद कर रखा है. हरिद्वार वाली घटना पर एक्शन हो जाता तो तौकीर रजा हिम्मत ही नहीं कर सकते.

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महमूद मदनी ने कहा कि मुस्लिमों को जहां सही लगेंगे, वहां जाना चाहिए. मुसलमानों को किसी एक पार्टी को हराने के लिए वोट नहीं करना चाहिए. एक पार्टी के हर हाल में हराएंगे, ये कहना सही नहीं है. कोई भी एक सोसाइटी का पार्टी के खिलाफ हराने की नियत करती है तो ये गलत कदम है. उन्होंने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी की कैंडिडेट अगर कहीं अच्छे हैं तो उन्हें भी वोट करना चाहिए. पाकिस्तान की सरजमी पर जाकर ओवैसी ने जो बात की है. 

उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार में है. देश में जिस तरह से नफरत फैलाई जा रही है, वो देशद्रोह में काम है. इस पर कार्यवाई नहीं हो रही है तो हम इसका विरोध कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि राजनीति को धर्म से अलग रखना चाहिए. राजनीति को विकास और राजनीति के केंद्र में रखना चाहिए. राजनीतिक में फैसले भी धर्म से अलग होकर किए जाने चाहिए. 


 

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