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Mirapur Assembly Seat: कम्बल नगरी से 2017 में जीती थी बीजेपी, 2022 में क्या होगा?

मीरापुर विधानसभा सीट के अतीत की बात करें तो ये सीट 2012 के चुनाव में अस्तित्व में आई थी. इससे पहले इस विधानसभा क्षेत्र का एक हिस्सा जानसठ विधानसभा और दूसरा हिस्सा मोरना विधानसभा क्षेत्र में आता था.

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संदीप सैनी
  • मुजफ्फरनगर,
  • 22 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 11:38 PM IST
  • बीजेपी के अवतार सिंह भड़ाना जीते थे विधानसभा चुनाव
  • दो सौ से कम वोट के अंतर से जीते थे अवतार सिंह भड़ाना 

यूपी के मुजफ्फरनगर जिले का एक पुराना कस्बा है मीरापुर. मीरापुर कस्बे के नाम पर ही एक विधानसभा सीट है मीरापुर विधानसभा सीट. इसी विधानसभा क्षेत्र में शुक्रताल भी है. मान्यता है कि करीब 5000 साल पहले शुक्रताल में ही शुकदेव स्वामी ने अभिमन्यु के पुत्र महाराज परीक्षित को पवित्र श्रीमद्भागवत कथा सुनाई थी. उत्तर भारत का ये प्रसिद्ध स्थल मुजफ्फरनगर से लगभग 28 किलोमीटर दूर गंगा किनारे स्थित है. यहां अक्षयवट भी है जिसके पत्ते कभी नहीं गिरते.

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मीरापुर विधानसभा क्षेत्र में ही शीतला माता का एक पुराना मंदिर है जो बबरा गांव में है. इसे बबरा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. बताया जाता है कि यहां पर महाभारत काल में अर्जुन के बेटे ने तपस्या की थी. इस मंदिर में हर साल होली के आठ दिन बाद एक बड़ा मेला भी लगता है जिसमें दूरदराज से श्रद्धालु आते हैं. इसी विधानसभा के सम्भालेहड़ा गांव में प्राचीन पंचमुखी महादेव मंदिर भी है. कहा जाता है कि दुनिया में तीन पंचमुखी शिवलिंग हैं जो कसोटी पत्थर के बने हैं. पहला नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर, दूसरा सम्भालेहड़ा और तीसरा राजस्थान के मेवाड़ में.

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मीरापुर विधानसभा क्षेत्र के मुख्य उद्योगों की बात करें तो ये इलाका कभी कम्बल उद्योग के लिए प्रसिद्ध था. 1971 में तत्कालीन सरकार ने यहां एक कम्बल कारखाना भी लगाया था. तत्कालीन सरकारों की गलत नीतियों के चलते मजदूरों का उत्पीड़न हुआ जिसके चलते यहां का कम्बल उद्योग भी चौपट हो गया था. यहां की चीनी मिट्टी का हंडिया उद्योग और खांड़सारी उद्योग भी कभी बहुत प्रसिद्ध रहे हैं. यहां का मुख्य व्यवसाय खेती ही है.

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राजनीतिक पृष्ठभूमि

मीरापुर विधानसभा सीट के अतीत की बात करें तो ये सीट 2012 के चुनाव में अस्तित्व में आई थी. इससे पहले इस विधानसभा क्षेत्र का एक हिस्सा जानसठ विधानसभा और दूसरा हिस्सा मोरना विधानसभा क्षेत्र में आता था. परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई मीरापुर विधानसभा सीट के लिए साल 2012 में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए. पहले चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के जमील अहमद काजमी ने लोक दल की मिथिलेश पाल को हराकर चुनाव जीता था. 

2017 का जनादेश

मीरापुर विधानसभा सीट से 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अवतार सिंह भड़ाना को टिकट दिया. बीजेपी के टिकट पर अवतार सिंह भड़ाना ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सपा के लियाकत अली को करीब दो सौ वोट के करीबी अंतर से हरा दिया था. बसपा के नवाजिश आलम तीसरे और राष्ट्रीय लोक दल की मिथिलेश पाल चौथे नंबर पर रही थीं.

सामाजिक ताना-बाना

मीरापुर विधानसभा सीट का एक हिस्सा बिजनौर जिले से लगता है तो दूसरा हिस्सा मेरठ से. जातिगत आंकड़ों की बात करें तो इस विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम, जाट, दलित, गुर्जर मतदाताओं की बहुलता है. प्रजापति, सैनी, पाल और अन्य बिरादरी के मतदाता भी इस विधानसभा क्षेत्र में अच्छी तादाद में हैं. इस विधानसभा क्षेत्र में तीन लाख से अधिक मतदाता हैं.

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विधायक का रिपोर्ट कार्ड

मीरापुर विधानसभा सीट से बीजेपी के विधायक अवतार सिंह भड़ाना ने 12वीं तक पढ़ाई की है. बताया जा रहा है कि इनका जन्म 17 दिसंबर 1957 को हरियाणा में हुआ था. अवतार सिंह भड़ाना कांग्रेस पार्टी में रहे थे और विधानसभा सदस्य निर्वाचित होने के कुछ समय बाद ही कांग्रेस में वापसी कर ली थी. विधायक अवतार सिंह भड़ाना को लेकर क्षेत्र के लोगों का कहना है कि ये जीतने के बाद दिखाई नहीं दिए.

 

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