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Payagpur Assembly Seat: बीजेपी के सुभाष त्रिपाठी हैं विधायक, सपा-बसपा का नहीं खुल सका खाता

पयागपुर विधानसभा सीट से बीजेपी के सुभाष त्रिपाठी विधायक हैं. इस सीट से पहले चुनाव में कांग्रेस के मुकेश श्रीवास्तव को जीत मिली थी. सपा और बसपा का यहां खाता नहीं खुल सका है.

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राम बरन चौधरी
  • बहराइच,
  • 04 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 10:08 PM IST
  • बहराइच जिले की विधानसभा सीट है पयागपुर
  • 2012 में हुआ था पहला चुनाव, जीती थी कांग्रेस

यूपी के बहराइच जिले का एक ब्लॉक और थाना क्षेत्र है पयागपुर. पयागपुर एक विधानसभा सीट भी है. पयागपुर को योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने तहसील मुख्यालय भी बना दिया है साथ ही नगर पंचायत का दर्जा भी दे दिया है. इस क्षेत्र में कोई औद्योगिक इकाई नहीं है. उच्च शिक्षा के लिए भी लोग बहराइच और गोंडा पर निर्भर हैं.

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पयागपुर विधानसभा क्षेत्र की सीमा एक तरफ गोंडा जिले से लगती है तो दूसरी तरफ श्रावस्ती जिले की श्रावस्ती विधानसभा सीट से. इस विधानसभा क्षेत्र की बहुसंख्यक आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है. पयागपुर से बहराइच और गोंडा के लिए बड़ी रेल लाइन है और साथ ही रोडवेज की बसों का भी विभिन्न स्थानों के लिए परिचालन होता है जिससे लोगों को आवागमन में सुविधा रहती है.

राजनीतिक पृष्ठभूमि

पयागपुर विधानसभा सीट 2008 में हुए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई. बहराइच सदर और कैसरगंज विधानसभा सीट के कुछ इलाकों के साथ ही फखरपुर विधानसभा क्षेत्र के इलाकों को मिलाकर पयागपुर विधानसभा सीट का गठन हुआ था. पयागपुर विधानसभा सीट के लिए पहली दफे 2012 के चुनाव में वोट डाले गए.

पयागपुर विधानसभा सीट से पहले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की ओर से सुभाष त्रिपाठी, समाजवादी पार्टी (सपा) की ओर से अरुणवीर सिंह, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के अजीत प्रताप सिंह और कांग्रेस की ओर से मुकेश श्रीवास्तव मैदान में थे. पयागपुर विधानसभा सीट से पहले चुनाव में कांग्रेस के मुकेश श्रीवास्तव विधायक निर्वाचित हुए. मुकेश ने बसपा के अजीत प्रताप सिंह को 27 हजार वोट से अधिक के अंतर से हरा दिया था. बीजेपी के सुभाष त्रिपाठी चौथे स्थान पर रहे थे.

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2017 का जनादेश

पयागपुर विधानसभा सीट से 2017 के चुनाव से पहले मुकेश श्रीवास्तव कांग्रेस छोड़कर सपा में शामिल हो गए. कांग्रेस और सपा गठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में उतरे मुकेश को इस दफे मात खानी पड़ी. मुकेश को बीजेपी के सुभाष त्रिपाठी ने हराकर 2012 में मिली हार का बदला चुकता कर लिया. बीजेपी के सुभाष त्रिपाठी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी मुकेश को 41154 वोट के बड़े अंतर से हराया था.

सामाजिक ताना-बाना

पयागपुर विधानसभा सीट को ब्राह्मण बाहुल्य सीट माना जाता है. इस विधानसभा सीट का चुनाव परिणाम निर्धारित करने में ब्राह्मण मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं. इस विधानसभा क्षेत्र में दलित और मुस्लिम मतदाता भी चुनाव परिणाम को प्रभावित करने की स्थिति में हैं. इस विधानसभा क्षेत्र में साढ़े तीन लाख से अधिक मतदाता हैं.

विधायक का रिपोर्ट कार्ड

पयागपुर से विधायक बीजेपी के सुभाष त्रिपाठी का जन्म बहराइच जिले के विशेश्वरगंज में सनी प्रकाश त्रिपाठी के घर 31 दिसंबर 1955 को हुआ था. प्रारंभिक शिक्षा के बाद सुभाष त्रिपाठी ने फैजाबाद स्थित अवध विश्वविद्यालय से 1979 में पोस्ट ग्रेजुएशन, 1981 में बीएड और 1988 में एलएलबी की पढ़ाई की. वे वकालत करने लगे. सुभाष त्रिपाठी बीजेपी से जुड़े और पार्टी में विभिन्न पदों पर कार्य किया. सुभाष त्रिपाठी को बीजेपी ने बहराइच-श्रावस्ती से विधान परिषद का टिकट दिया और वे 16 जनवरी 1998 को पहली बार विधान परिषद सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए.

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पयागपुर सीट से विधायक सुभाष त्रिपाठई की गिनती व्यवहार कुशल नेता के रूप में होती है. इनका दावा है कि 2017 से अब तक पयागपुर विधानसभा क्षेत्र में करोड़ों रुपये की लागत से विकास के कई कार्य हुए हैं. पयागपुर क्षेत्र के डायट में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे छात्रों के छात्रावास के लिए 4 करोड़ 21 लाख रुपये स्वीकृत हुए हैं. पयागपुर के शेखापुर में फायर स्टेशन का निर्माण कार्य कराया जा रहा है.

 

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