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'साइलेंट वोटरों' पर नजर, बिहार के विनिंग फॉर्मूले को यूपी में आजमाने उतरेंगे PM मोदी

पीएम मोदी बिहार के विनिंग फॉर्मूले को यूपी विधानसभा चुनाव में आजमाने के लिए उतर रहे हैं. मंगलवार को प्रयागराज में महिला सशक्तीकरण सम्मेलन के जरिए आधी आबादी को साधने की कवायद करेंगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली ,
  • 21 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 9:23 AM IST
  • मोदी प्रयागराज में महिलाओं को देंगे सौगात
  • यूपी चुनाव में साइलेंट वोटर पर सभी की नजर
  • यूपी में पुरुष से ज्यादा महिलाएं करती हैं वोटिंग

बिहार की सत्ता में एनडीए की वापसी का ट्रंप कार्ड 'साइलेंट वोटर' साबित हुई थीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार जीत का श्रेय बीजेपी के साइलेंट वोटरों को दिया था और खुद बताया था कि ये साइलेंट वोटर कोई और नहीं बल्कि महिलाएं हैं. बिहार के इस विनिंग फॉर्मूले को पीएम मोदी यूपी विधानसभा चुनाव में आजमाने के लिए उतर रहे हैं. मंगलवार को प्रयागराज में महिला सशक्तीकरण सम्मेलन के जरिए आधी आबादी को साधने की कवायद करेंगे. 

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प्रधानमंत्री के महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम को कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के 'लड़की हूं, लड़ सकती हूं' के नारे से भी जोड़कर देखा जा रहा है. प्रियंका ने यूपी चुनाव में अपना पूरा फोकस महिला वोटरों पर केंद्रित कर रखा है. कांग्रेस सूबे में 40 फीसदी टिकट महिलाओं को देने सहित तमाम वादे कर रखे हैं. ऐसे में अब बीजेपी की नजर भी सूबे के महिला वोटरों पर है, जिन्हें साधने के लिए पीएम मोदी उतरेंगे. प्रयागराज कार्यक्रम में महिला सशक्तिकरण का संदेश देंगे और साथ कई योजनाओं के लाभार्थियों के खाते में रुपये भी ट्रांसफर करेंगे. 

सहायता समूहों के खातों में ट्रांसफर करेंगे पैसे

प्रयागराज में संगम के तट पर पीएम मोदी के कार्यक्रम में 2 लाख से ज्यादा महिलाएं आने का लक्ष्य रखा गया है, जो सूबे के 75 जिलों से जुड़ेंगी. यूपी के सभी 75 जिलों से कुल 272468 महिलाओं को बुलाया गया है. पीएम मोदी 1000 करोड़ रुपये स्व सहायता समूहों के खातों में ट्रांसफर करेंगे. जिससे स्व सहायता समूहों की लगभग 16 लाख महिला सदस्यों को फायदा होगा. इसके अलावा पीएम मोदी, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगल योजना के तहत एक लाख से ज्यादा लाभार्थियों को 20 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम भी ट्रांसफर करेंगे.

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बीजेपी ने पीएम मोदी के जरिए सूबे की महिला वोटरों के अपने साथ मजबूती से जोड़े रखने की रणनीति अपनाई है. पूर्व के चुनावों में भी महिला मतदान बीजेपी के लिए निर्णायक साबित हुआ है. आंकड़ों के अनुसार पिछले छह सालों में, महिलाएं बड़ी संख्या में बीजेपी को वोट देने के लिए सामने आई हैं. इसका नतीजा साल 2014, 2017 और 2019 में भाजपा ने महिला समर्थन से सबसे बड़ी जीत हासिल की. वहीं, अब उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में महिला लाभार्थी सम्मेलन के जरिए पीएम मोदी महिलाओं को मजबूती के साथ जोड़े रखने की प्रयास करेंगे. 

यूपी में महिला वोटर सियासी तौर पर अहम

उत्तर प्रदेश की सियासत में महिला वोटर निर्णायक भूमिका में हैं. 2020 के आंकड़े के मुताबिक यूपी में कुल 14.40 करोड़ मतदाता हैं. इसमें 7.79 करोड़ पुरुष और 6.61 करोड़ महिलाएं हैं. एक तरह से 45 फीसदी महिला फीसदी वोटर हैं. ऐसे में सभी दलों की नजर महिला वोटरों पर है. खासकर कांग्रेस इस बार के चुनाव में महिलाओं के लेकर अपना चुनावी एजेंडा सेट कर रही है. 

सूबे में मतदाताओं के रूप में महिलाओं की भागीदारी में अहम इजाफा हुआ है. पिछले तीन दशकों में महिलाओं के वोट में 15 फीसदी की वृद्धि हुई है जो की बढ़ती राजनीतिक चेतना के साथ-साथ महिलाओं की चुनावों में बढ़ती रुचि का संकेत है. इसका मतलब यह भी है कि महिलाएं राजनीतिक रूप से एक निर्णायक वोट ब्लॉक के रूप में उभर रही हैं. 

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पहली बार साल 2012 के चुनावों में अपने मताधिकार का प्रयोग करने में महिलाओं ने पुरुषों को पछाड़ दिया था, जो 2017 और 2019 में जारी रहा. यह साल 2022 की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी आधी आबादी का वोट निर्णायक साबित हो सकता है. इसीलिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के बाद अब बीजेपी भी महिला वोटरों को लेकर सक्रिय हो गए हैं. 

बीजेपी का कोर वोटबैंक महिलाएं

केंद्र में मोदी सरकार के आने के बाद सबसे ज्यादा फोकस महिला वोटरों पर रहा है. उज्ज्वला योजना, शौचालयों का निर्माण, पक्का घर, मुफ्त राशन, महिलाओं को आर्थिक मदद जैसी कई ऐसी योजनाएं हैं, जिनका सीधा लाभ महिलाओं को  होता है. मुद्रा योजना के तहत सर्वाधिक जोर अनुसूचित समाज की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने पर है. महिलाओं का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी कई योजनाओं पर विश्वास 2019 के लोकसभा चुनाव में भी दिखा है. ऐसे ही पश्चिम बंगाल चुनाव में ममता बनर्जी की जीत में भी महिला वोटरों की अहम भूमिका रही है. 

साइलेंट वोटर की सियासी ताकत को देखते हुए बीजेपी यूपी में भी महिलाओं को साधे रखने के लिए तमाम कोशिशें शहर से लेकर ग्रामीण स्तर तक कर रही हैं. बीजेपी ने हर विधानसभा में 500 महिलाओं का एक क्लब बनाया जाएगा जिसके कमल सहेली क्लब का नाम दिया गया है. 'कमल सहेली क्लब' शहरी महिलाओं के लिए तो ग्रामीण महिलाओं के लिए पार्टी ने 'ग्राम सभा चौपाल' और 'महिला चौपाल' नाम दिया है. वहीं, अब पीएम मोदी प्रयागराज में महिला सशक्तिकरण के जरिए बीजेपी के साइलेंट वोटरों के सियासी संदेश देंगे.  

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हालांकि, साल 2022 का यूपी विधानसभा चुनाव सपा के अस्तित्व के लिए काफी महत्त्वपूर्ण है. जौनपुर में समाजवादी पार्टी की विजय रथ यात्रा में दिए एक बयान में अखिलेश यादव ने साफ कर दिया कि इस बार के चुनाव के लिए महिला वोटर्स को साधना उनकी भी प्राथमिकता रहेगी. उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल में समाजवादी पार्टी ने कई ऐसे कदम उठाये हैं जो कि महिलाओं के हित में रहे हैं. 


 

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