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UP Election: पूर्वांचल में क्यों फोकस कर रही है बीजेपी? पीएम मोदी का आज फिर दौरा

पीएम मोदी ने यूपी चुनाव की कमान संभाली ली है और पूरा फोकस पूर्वांचल पर केंद्रित कर दिया है. पीएम मोदी सिद्धार्थनगर और वारणसी को विकास की सौगात से नवाजेंगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 25 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 9:24 AM IST
  • पीएम मोदी ने पूर्वांचल पर केंद्रित किया फोकस
  • सिद्धार्थनगर से 9 मेडीकल कॉलेज की सौगात देंगे
  • काशी से आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना का उपहार

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे राजनीतिक दलों ने अपने सियासी अभियान भी तेज कर दिए हैं. पीएम नरेंद्र मोदी ने यूपी चुनाव की कमान संभाल ली है और पूरा फोकस पूर्वांचल पर केंद्रित कर दिया है.

पांच दिन बाद दूसरी बार पीएम मोदी सोमवार को सिद्धार्थनगर और वारणसी को विकास की सौगात से नवाजेंगे. साथ ही केंद्र व राज्य सरकार की उपलब्धियां गिनाकर मिशन 2022 को सफल बनाने की अपील करेंगे.  

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9 मेडिकल कॉलेज की सौगात

पीएम मोदी सिद्धार्थनगर से उत्तर प्रदेश को एक साथ 9 मेडिकल कॉलेज की सौगात देंगे. माधव प्रसाद त्रिपाठी चिकित्सा महाविद्यालय का लोकार्पण करने के साथ 2239 करोड़ रुपये की लागत से बने देवरिया, एटा, फतेहपुर, हरदोई, गाजीपुर, मिर्जापुर, प्रतापगढ़, जौनपुर के नवनिर्मित मेडिकल कालेजों का राज्य स्वशासी मेडिकल कालेजों का वर्चुअल लोकार्पण करेंगे.

सिद्धार्थनगर के बाद पीएम मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचेंगे, जहां से देश को आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना का उपहार देंगे. साथ ही वाराणसी की पांच हजार दो सौ करोड़ रुपये की परियोजनाओं की सौगात देंगे. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेहंदीगंज में सभा को संबोधित करने से साथ-साथ रिंग रोड-2 के पैकेज-1 सहित 32 परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगे. 

यूपी के लिए पूर्वांचल की जीत जरूरी

देश की सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर जाता है तो यूपी को जीतने के लिए पूर्वांचल को जीतना जरूरी है. इसी फॉर्मूले से लगातार दो लोकसभा और 2017 के विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें हासिल करने वाली बीजेपी मिशन-2022 के लिए पूर्वांचल में पैठ बनाने की कोशिश में है. इसी के मद्देनजर पीएम मोदी ने पूरा फोकस पूर्वांचल केंद्रित कर रखा है और चुनावी माहौल बनाने की कवायद में जुट गए हैं. 

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दरअसल, किसान आंदोलन और लखीमपुर खीरी कांड के बाद से पश्चिम यूपी, तराई बेल्ट और अवध के इलाके में सरकार के खिलाफ माहौल गर्म है. वहीं, पूर्वांचल बीजेपी का अभी भी मजबूत गढ़ माना जाता रहा है, जिसका सबसे बड़ी वजह पीएम नरेंद्र मोदी का वाराणसी का सांसद होना और गोरखपुर से सीएम योगी का होना है. 

राजभर ने बढ़ाई चुनौती

हालांकि, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओमप्रकाश राजभर और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के हाथ मिलाने के बाद बीजेपी के सामने अपने दुर्ग पूर्वांचल को बचाए रखने की चुनौती खड़ी हो गई है. इतना ही नहीं बीजेपी को लोकसभा और जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में पूर्वांचल इलाके में ही झटका लगा था. इसीलिए बीजेपी लगातार पूर्वांचल के सियासी समीकरण दुरुस्त करने में जुटी है. 

यूपी में चुनाव तारीखों के ऐलान से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पूर्वांचल में करीब छह जनसभाएं कराने की रूप रेखा खींची गई है. प्रधानमंत्री इस दौरान विकास की सौगात देंगे साथ ही केंद्र व राज्य सरकार की उपलब्धियां गिनाकर मिशन 2022 को सफल बनाने की अपील करेंगे. पीएम मोदी ने  20 अक्टूबर को भगवान बुद्ध की धरती कुशीनगर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शुभारंभ किया. 

कुशीनगर में एयरपोर्ट के साथ-साथ पीएम मोदी 478.74 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की भी सौगात दी थी. 116.21 करोड़ से तैयार 11 परियोजनाओं का लोकार्पण और 362.53 की लागत से मेडिकल कॉलेज सहित तीन परियोजनाओं का तोहफा दिया था. इसके अलावा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, गोरखपुर के खाद कारखाना मैदान में जनसभा प्रस्तावित है. इसमें खाद कारखाना व गोरखपुर एम्स का लोकार्पण भी होना है, जिसके तरीखों का ऐलान नहीं हुआ है. 

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बीजेपी का सियासी समीकरण

पूर्वांचल में बीजेपी ने अपने समीकरण को मजबूत बनाए रखने के लिए जातीय आधरित पार्टियों के साथ भी गठबंधन कर रखा है. अनुप्रिया पटेल की अपना दल (एस) और संजय निषाद की निषाद पार्टी के साथ बीजेपी मिलकर इस बार चुनावी मैदान में किस्मत आजमाएगी. बीजेपी के इन दोनों ही दलों का सियासी आधार पूर्वांचल के जिलों में है. अनुप्रिया पटेल की कुर्मी वोटों पर पकड़ है तो संजय निषाद का मल्लाह समुदाय पर. इसके अलावा बीजेपी की नजर ओम प्रकाश राजभर की पार्टी पर भी है, जिनके साथ गठबंधन फिर से किए जाने की चर्चाएं तेज हैं. इस तरह बीजेपी पूर्वांचल के सियासी रण को बीजेपी मजबूत कर रखा है. 

यूपी की 33 फीसदी सीटें पूर्वांचल में

पूर्वांचल की जंग फतह करने के बाद ही यूपी की सत्ता पर कोई पार्टी काबिज हो सकती है, क्योंकि सूबे की 33 फीसदी सीटें इसी इलाके की हैं. यूपी की 28 जिले पूर्वांचल में आते हैं, जिनमें कुल 164 विधानसभा सीटें हैं. 2017 के चुनाव में पूर्वांचल की 164 में से बीजेपी ने 115 सीट पर कब्जा जमाया था जबकि सपा ने 17, बसपा ने 14, कांग्रेस को 2 और अन्य को 16 सीटें मिली थी. हालांकि, पिछले तीन दशक में पूर्वांचल का मतदाता कभी किसी एक पार्टी के साथ नहीं रहा. वह एक चुनाव के बाद दूसरे चुनाव में एक का साथ छोड़कर दूसरे का साथ पकड़ता रहा है. यही वजह है कि बीजेपी 2022 के चुनाव में अपने गढ़ को मजबूत करने में जुट गई है. 

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मोदी का मिशन-पूर्वांचल

पीएम मोदी ने अपने चुनावी अभियान के लिए एक बार फिर पूर्वांचल की धरती को चुना है. इसके पहले पीएम ने 2014, 2019 के लोकसभा और 2017 के उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव अभियान की शुरुआत भी पूर्वांचल से की थी. मिशन-2022 का आगाज भी पूर्वांचल में कुशीनगर को इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सौगात से किया और सोमवार को सिद्धार्थनगर और काशी का दौरे के जरिए माहौल बनाएंगे. 

पूर्वांचल के गोरखपुर में एम्‍स और फर्टिलाइजर जैसी बड़ी सौगातें, गन्‍ना किसानों का भुगतान, किसानों की कर्जमाफी और सड़कों-फ्लाईओवरों का संजाल जैसी कई उपलब्धियां वे गिना सकते हैं. इसके साथ ही पीएम, सीएम योगी के कार्यकाल में यूपी के विकास को मिली रफ्तार का भी खास तौर पर उल्‍लेख कर सकते हैं.

 

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