उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) की तैयारियां शुरू हो गई हैं. रविवार को कांग्रेस (Congress) और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने अपने चुनाव अभियान का आगाज किया. एक ओर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने वाराणसी में किसान न्याय रैली को संबोधित किया तो दूसरी ओर सहारनपुर में अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने रैली की.
प्रियंका ने कहा, ये देश भ्रष्ट हो रहा है. जितने भी इश्तेहार, होर्डिंग लग रहे हैं, इनके पीछे जो सच्चाई है, आप जानते हैं. आप जी रहे हैं. आप बताइए आपको फसल का दाम मिलता है. गैस सिलेंडर मिलता है. आपके बच्चों को रोजगार मिलता है. तो सच्चाई क्या है और इस सच्चाई को बोलने से लोग डर क्यों रहे हैं. किस चीज से भय है. क्या हो जाएगा. समय आ गया है. चुनाव की बात नहीं है, अब देश की बात है. ये देश भाजपा के पदाधिकारियों, मंत्रियों, प्रधानमंत्री की जागीर नहीं है, ये देश आपका है. इस देश को कौन बचाएगा? कौन बचाएगा इस देश को?
उन्होंने कहा, अगर आप जागरूक नहीं बनेंगे. आप इनकी राजनीति में उलझे रहेंगे तो न आप अपने आप को बचा पाएंगे और न देश को. आप किसान हो, इस देश की आत्मा हो. मंच पर जितने भी नेता बैठे हैं, आपने बनाया है उन्हें. जो आपको आंदोलनकारी कहते हैं, आतंकवादी कहते हैं, उनको न्याय देने के लिए मजबूर करिए. कांग्रेस के जितने भी कार्यकर्ता हैं, किसी से नहीं डरते हैं. हमें जेल में डालिए, हमें मारिए, हमें कुछ भी कर लीजिए, हम लड़ते रहेंगे, जब तक गृह राज्यमंत्री इस्तीफा नहीं देंगे, हम लड़ते रहेंगे, हिलेंगे नहीं.
उन्होंने कहा, हम कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं, हमने देश की आजादी की लड़ाई लड़ी है. हमें कोई चुप नहीं कर सकता. कोई नहीं रोक सकता और जितने भी लोग मेरी बातों को सुन रहे हैं, वो अपने अंतर्मन में झांकिए और अपने आप से सिर्फ एक सवाल पूछिए कि जब से ये सरकार आई है, इन पिछले 7 सालों में क्या आपके जीवन में तरक्की आई है या नहीं? विकास आपके द्वार पर आया है या नहीं? जो वचन आपसे किए गए थे, वो निभाए गए हैं या नहीं? और इमानदारी से जवाब दीजिए. अगर आपका जवाब न है तो मेरे साथ खड़े होइए और लड़िए. परिवर्तन लाइए. अपने देश को बदलिए. क्योंकि मैं तब तक नहीं रुकूंगी जब तक परिवर्तन न आए.
प्रियंका ने आगे कहा, समझ लीजिए जब-जब मैं बात करती हूं लोगों से, एक बात उभरती है कि यहां कुछ हो नहीं रहा है. कमाई नहीं है, रोजगार नहीं है, किसान त्रस्त है, नदियों के पास रहने वाला निषाद त्रस्त है, महिला त्रस्त है, दलित त्रस्त है, लेकिन सब पूछते हैं कि दीदी मीडिया में आता है कि सब सुरक्षित हैं. लेकिन इस देश में दो लोग ही सुरक्षित हैं. एक जो भाजपा के साथ जुड़ा है और दूसरे उनके खरबपति मित्र. इस देश का न मजदूर सुरक्षित है, न मल्लाह निरक्षित है, न दलित सुरक्षित, न गरीब सुरक्षित है, न महिला सुरक्षित है, इस देश में सिर्फ प्रधानमंत्री, उनके मंत्री, उनकी पार्टी के लोग, जो सत्ता में हैं और उनके खरबपति दोस्त सुरक्षित हैं.
प्रियंका ने कहा, जब लखीमपुर में शहीद नक्षत्र सिंह के घर गई, तो पता चला कि उनका बेटा सीमा सुरक्षा बल में दाखिल हुआ है. जब मैं अगले परिवार से मिलने गई तो बताया गया कि उनके भाई-बहन सेना में देश की सेवा करते हैं. जब मैं पत्रकार रमन कश्यप के घर गई तो बताया गया कि वो वीडियो ले रहे थे, इसलिए उन्हें कुचल दिया गया. सारे परिवारों ने मुझसे कहा कि उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद नहीं है. अगर सरकार, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, गृह राज्यमंत्री, विधायक सभी मिले हुए हैं तो जनता किसके पास जाए.
प्रियंका ने कहा, आप जानते हैं कि किसान ने 9-10 महीनों से एक आंदोलन जारी रखा है. 300 दिन से अधिक ये आंदोलन चला है. 600 से ज्यादा किसान शहीद हुए हैं. ये आंदोलन इसलिए कर रहे हैं क्योंकि ये जानते हैं कि तीन कानून के जरिए उनके जमीन, आमदनी, फसल सब उनके खरबपति मित्रों के पास जाने वाली है. मोदीजी के मित्रों ने पिछले साल हिमाचल से सेब 88 रुपये किलो में खरीदा था, इस साल वही सेब 72 रुपये किलो में खरीद रहे हैं. इसलिए मनचाहे ढंग से कीमत घटा दी गई. ये स्थिति पूरे देश में होगी. जब इनके कानून लागू होंगे, तो आपकी खेती, फसल सब छीना जाएगा.
वाराणसी में प्रियंका किसान न्याय रैली को संबोधित कर रहीं है. उन्होंने कहा, कोरोना के समय लोगों को ये उम्मीद नहीं थी कि ये सरकार उनकी मदद करेगी. उसके बाद हाथरस में अपराध हुआ. सरकार ने अपराधियों को नहीं रोका. सरकार ने परिवार के सदस्यों को अपनी बेटी की चिता जलाने से रोका. उस परिवार ने मुझसे कहा कि दीदी हमें न्याय चाहिए, लेकिन हम न्याय की उम्मीद नहीं कर सकते.
उन्होंने कहा, लखीमपुर खीरी में जो हुआ. इस देश के गृह राज्यमंत्री के बेटे ने अपने गाड़ी के नीचे 6 किसानों को निर्ममता से कुचल दिया और सब परिवार, 6 के 6 परिवार कहते हैं कि हमें पैसे नहीं चाहिए, हमें मुआवजा नहीं चाहिए, हमें न्याय चाहिए. लेकिन हमें न्याय दिलवाने वाला नहीं दिख रहा है. सरकार मंत्री और उसके बेटे को बचाने में लगी रही. विपक्षी नेताओं को रोकने में लगी रही. मैंने रात में जाने की कोशिश की तो पुलिस लगी रही. लेकिन अपराधी को पकड़ने के लिए एक भी पुलिसवाला नहीं निकला. अपराधी को उन्होंने निमंत्रण भेजा.
उन्होंने कहा, आपने कहीं देखा है कि एक इंसान 6 लोगों की हत्या कर दे और उनसे पुलिस कहे कि आइए हमसे बात करिए. कभी भी किसी भी देश और दुनिया के इतिहास में नहीं हुआ होगा. यहां के मुख्यमंत्री मंच पर बैठकर उस मंत्र ी का बचाव कर रहे हैं, जिसके बेटे ने ऐसा काम किया है. जो प्रधानमंत्री लखनऊ आ सकते थे आजादी के प्रदर्शन को देखने के लिए, वो दो घंटे की दूरी पर लखीमपुर नहीं जा सकते थे उन किसानों के आंसू पोंछने के लिए. इस देश को किसान ने सींचा है. किसान के बेटे हैं जो हमारी सुरक्षा कर रहे हैं. ये देश क्या है? ये देश एक आस्था है, एक उम्मीद है, न्याय की उम्मीद पर इस देश को आजादी मिली. जब महात्मा गांधीजी आजादी की लड़ाई लड़ने गए तो उनके दिल में था कि सबको न्याय मिलना चाहिए. न्याय पर हमारा संविधान आधारित है, लेकिन इस देश में न्याय की उम्मीद सब छोड़ चुके हैं.
अखिलेश ने तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी पॉवर प्लांट के नाम नहीं ले पाते हैं और जब वो नाम नहीं ले पाते हैं तो बिजली कैसे बनाएंगे.
अखिलेश ने कहा, पहले हवाई जहाज बेच दिए. एयरपोर्ट बेच दिए. अब ट्रेनें भी बिक रहीं हैं और बाद में स्टेशन भी बिक जाएंगे. सब चीजें बेच दे रहे हैं और जब सब बिक जाएगा तो संविधान में बाबा साहब ने हमें जो अधिकार दिए हैं, उनका क्या होगा. कोई सोच सकता था कि हवाई जहाज बिक जाएंगे, पानी के जहाज जहां खड़े होते थे, वो बिक गया. याद करना अंग्रेज कारोबार करने आए थे. जो ईस्ट इंडिया कंपनी आई थी वो 2-3 चीजों का कारोबार करती थी. धीरे-धीरे कारोबार बढ़ा दिया और बाद में एक कानून इंग्लैंड में पास किया और जो कारोबार करने आई थी कंपनी वो सरकार बन गई. और देखो बीजेपी का खेल, एक-एक करके प्राइवेट कंपनी को बेच रहे हैं. हो सकता है कि एक दिन ये भी चले जाएं और कहें कि हम सरकार नहीं चलाएंगे. ये भी आउटसोर्सिंग से चलेगी. अखिलेश ने कहा, ये लोग सब बेच देंगे क्योंकि इन्हें कुर्सी चाहिए.
अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री के नाम बदलने पर तंज भी कसा. उन्होंने कहा, ये नाम बदलने वाले लोग हैं. अगर कोई मुख्यमंत्री जी से मिलने जाएगा तो जरूरी नहीं कि जब वो लौटे तो उसका वही नाम हो. ये नाम बदलकर इतिहास बदलना चाहते हैं. जो नाम बदलेगा, जो इतिहास बदलेगा, चुनाव आएगा तो उनकी सरकार बदल जाएगी.
अखिलेश ने कहा, जो लोग कुर्सी पर बैठे हैं, उनके लोगों का कारनामा लखीमपुर में देखा. जहां किसानों को कुचल दिया गया. गाड़ी के टायरों से कुचल दिया गया. किसानों को तो कुचला ही है, लेकिन उसके साथ-साथ कानून को भी कुचलने को तैयार हैं. जो लोग कानून को कुचल सकते हैं, किसान को कुचल सकते हैं, उन्हें संविधान को कुचलने में देर नहीं लगेगी.
उन्होंने कहा, किसानों को मवाली कहा जा रहा है. इनका बस चले तो ये आतंकवादी कह दें आपको. बीजेपी ने आपको कितना ही अपमानित किया होगा, लेकिन वो भी अपने संघर्ष पर डटे हुए हैं कि जब तक तीन कानून वापस नहीं होंगे, तब तक नहीं हटेंगे. यही लोकतंत्र है कि हम गद्दी पर बैठाना जानते हैं तो उतारना भी जानते हैं.
अखिलेश यादव सहारनपुर पहुंच गए हैं. यहां वो स्वर्गीय चौधरी यशपाल की 100वीं जयंती के कार्यक्रम में शामिल हुए. थोड़ी ही देर में यहां उनका भाषण भी होगा.
वाराणसी पहुंचने के बाद प्रियंका गांधी सबसे पहले काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचीं. यहां उन्हें दर्शन और पूजा की. मंदिर से बाहर आते समय मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'काशी विश्वनाथ दर्शन का चुनाव से कोई लेना देना नहीं है. यह मेरी आस्था है. जब कभी वाराणसी आती हूं तो दर्शन के लिए जरूर आती हूं.' वहीं, जब उनसे किसान रैली को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, 'किसान रैली आइए और देखिए.'
(इनपुटः रोशन जायसवाल)
पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी सहारनपुर पहुंच गए हैं. यहां अखिलेश एक चुनावी रैली को भी संबोधित करेंगे.
(इनपुटः समर्थ श्रीवास्तव)
प्रियंका गांधी वाराणसी में जगतपुर इंटर कॉलेज में किसान न्याय रैली को संबोधित भी करेंगी. उनकी रैली की सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. यहां पोस्टर लगाए गए हैं जिसमें लखीमपुर हिंसा के हत्यारों को गिरफ्तार करने की बात लिखी गई है. साथ ही केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करने और तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की गई है.
प्रियंका गांधी वाराणसी पहुंच चुकी हैं. कुछ देर पहले उनकी फ्लाइट वाराणसी एयरपोर्ट पर उतर चुकी है. यहां से प्रियंका काशी विश्वनाथ मंदिर जाएंगी और पूजा-दर्शन करेंगी.
प्रियंका गांधी दिल्ली से वाराणसी के लिए निकल चुकीं हैं. उनके साथ कांग्रेस नेता दीपेंदर हुड्डा और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी हैं. 11 बजे के आसपास प्रियंका गांधी वाराणसी पहुंच सकतीं है. सबसे पहले प्रियंका बाबा विश्वनाथ मंदिर में पूजा और दर्शन करेंगी.
जानकारी के मुताबिक, प्रियंका गांधी करीब 11.30 बजे वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचेंगी. यहां से वो सड़क मार्ग से काशी विश्वनाथ धाम पहुंचेंगी और दर्शन-पूजन के बाद दुर्गाकुंड स्थित मां दुर्गा के मंदिर में भी दर्शन-पूजन करेंगी. इसके बाद प्रियंका गांधी लंका चौराहे पर स्थित पंडित मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने भी जा सकती हैं. कार्यक्रम के मुताबिक प्रियंका गांधी दोपहर लगभग 2 बजे जगतपुर इंटर कॉलेज पहुंचेंगी.
(इनपुटः रोशन जायसवाल)
प्रियंका गांधी रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के संसदीय क्षेत्र वाराणसी (Varanasi) में होंगी. इंटर कॉलेज में आयोजित किसान न्याय रैली को संबोधित करेंगी. इससे पहले प्रियंका गांधी काशी के विभिन्न मंदिरों में दर्शन-पूजन भी करेंगी.
प्रियंका गांधी की रैली में भीड़ जुटाने के लिए कांग्रेस ने खास तरह की रणनीति भी बनाई है. बताया जा रहा है कि पूर्वांचल के हर जिले और गांव से लोगों को लाने के लिए कांग्रेस नेता और संगठन के कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी गई है. कांग्रेस ने हर न्याय पंचायत से दो बसें भर कर लोगों को लाने की जिम्मेदारी दी है. कांग्रेस के 30 हजार संगठन के लोग हैं जो इस रैली में शामिल होंगे. इसके अलावा 50 हजार पब्लिक की भीड़ जुटने का अनुमान है, इस तरह कम से कम 80 हजार की भीड़ को जुटाने का प्लान बनाया गया है.
(इनपुटः कुमार अभिषेक)
सपा प्रमुख अखिलेश यादव आज सहारनपुर के दौरे पर रहेंगे. वो स्वर्गीय चौधरी यशपाल की 100वीं जयंती के कार्यक्रम में शामिल होंगे. इसके बाद वो अन्य कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेंगे. इसके साथ ही अखिलेश एक रैली को भी संबोधित कर सकते हैं.