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अखिलेश का दांव! विधायक बेटे के सामने पिता को सपा से दिया टिकट, मचेगा घमासान?

आजमगढ़ की फूलपुर पवई सीट पर समाजवादी पार्टी ने मौजूद बीजेपी विधायक अरुणकांत यादव के पिता रमाकांत यादव को टिकट दिया है. माना जा रहा है कि इस बार फिर बीजेपी अरुणकांत को टिकट देगी, ऐसे में सीट पर पिता-पुत्र के बीच चुनावी जंग होने के आसार नजर आ रहे हैं.

अखिलेश यादव (फाइल फोटो- PTI) अखिलेश यादव (फाइल फोटो- PTI)
राजीव कुमार
  • आजमगढ़,
  • 28 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 5:33 PM IST
  • रमाकांत यादव को समाजवादी पार्टी ने बनाया प्रत्याशी
  • सपा ने विधायक पुत्र के सामने पिता को बनाया प्रत्याशी

उत्तर प्रदेश में चुनाव होने में बहुत अधिक समय बाकी नहीं है. ऐसे में सभी पार्टियां अपने-अपने उम्मीदवारों की लिस्ट भी शेयर कर रही हैं. इसी कड़ी में फूलपुर-पवई सीट काफी चर्चा में है. दरअसल यहां पर बीजेपी के मौजूदा विधायक के सामने समाजवादी पार्टी ने एमएलए के पिता को ही चुनावी मैदान में उतार दिया है. बीजेपी विधायक अरुणकांत यादव के पिता रमाकांत यादव को समाजवादी पार्टी ने फूलपुर से टिकट दिया है. रमाकांत यादव पांचवीं बार और सपा से दूसरी बार विधानसभा का चुनाव फूलपुर से लड़ेंगे.

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रमाकांत यादव को सपा से प्रत्याशी घोषित होते ही फूलपुर में चर्चाओं का बाजार काफी गर्म हो गया. तो वहीं काफी संख्या में क्षेत्रीय लोग उनके आवास पर पहुंचकर बधाई देने में लगे रहे. ऐसे में रमाकांत यादव के फूलपुर पवई से चुनाव लड़ने की सूचना पर उनके समर्थक एक दूसरे से चर्चा करते दिखे कि अब क्या होगा? अभी फूलपुर पवई की सीट रमाकांत यादव के पुत्र अरुणकांत यादव के पास है. 

अरुणकांत यादव इस सीट पर बीजेपी से विधायक हैं. दोबारा उन्हें ही टिकट मिलने की चर्चा क्षेत्र में चल रही है. लेकिन इसी बीच पिता के सामने उतरने से फूलपुर पवई की लड़ाई दिलचस्प होती चली जा रही है. जहां दो विरोधी दलों की रणनीति एक ही कैम्पस में होनी तय मानी जा रही है. 
 

सपा से घोषित प्रत्याशी पूर्व सांसद रमाकांत यादव कहते है कि सपा मुखिया अखिलेश यादव ने हमारे ऊपर विश्वास करके फूलपुर पवई से टिकट दिया है. इसलिए हमारी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि मैं फूलपुर पवई विधान सभा की सीट जीतकर उनके विश्वास पर खरा उतरूं, जहां तक पुत्र के खिलाफ चुनाव लड़ने की बात है तो यह बाप बेटे की आपस की बातें है. इसे हम लोग समझ लेंगे, इस पर मेरी कोई टिप्पणी नहीं रहेगी.

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तो वही पिता एवं पुत्र आमने सामने आने की स्थिति में वर्तमान विधायक अरुणकांत यादव कहते है कि मैं भाजपा में था और रहूंगा, जो जिम्मेदारी पार्टी देगी उसका निर्वहन करेंगे. चुनावी लड़ाई कोई तलवार से नहीं लड़नी है, विचारों की लड़ाई है और हमारे लिए चुनौती है और एक पिता के सामने आत्मनिर्भर बनने का मौका है, जिसका हम बखूबी निर्वहन करेंगे.


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