Advertisement

UP opinion poll: ओपिनियन पोल के खिलाफ सपा का EC को पत्र, रोक लगाने की मांग, बीजेपी ने बताया हताशा

UP election survey:: समाजवादी पार्टी की ओर से चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर शिकायत की गई है कि भाजपा के उम्मीदवार कैराना, शामली सहित अन्य जगहों पर आदर्श आचार संहिता की धज्जियां उड़ा रहे हैं.  

सपा ने चुनाव आयोग को पत्र लिख ओपिनियन पोल्स पर रोक लगाने की मांग की. (फाइल) सपा ने चुनाव आयोग को पत्र लिख ओपिनियन पोल्स पर रोक लगाने की मांग की. (फाइल)
aajtak.in
  • लखनऊ,
  • 24 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 8:40 AM IST
  • समाजवादी पार्टी पर बीजेपी ने कसा तंज
  • सपा की हार की हताशा झलक रही है: बीजेपी

समाजवादी पार्टी ने चुनाव आयोग से कुछ समाचार चैनलों पर प्रसारित होने वाले जनमत सर्वेक्षणों (Opinion Polls) को तत्काल प्रभाव से रोकने की मांग की है. मुख्य चुनाव आयुक्त को लिखे पत्र में पार्टी ने दावा किया कि ओपिनियन पोल्स का प्रसारण आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है और वे मतदाताओं को गुमराह और चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं.

समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने पत्र में लिखा है, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के चुनावों की तारीखों का ऐलान 8 जनवरी 2022 को हो गया है, पहले चरण का नामांकन समाप्त हो गया है. प्रदेश में 7 चरणों में चुनाव होगे, आखिरी चरण का मतदान 7 मार्च 2022 को होगा, जब कि मतगणना 10 मार्च 2022 को होगी, लेकिन कई न्यूज चैनल ओपिनियन पोल दिखा रहे हैं जिससे मतदाता भ्रमित हो रहा है, और चुनाव प्रभावित हो रहा है. यह कार्य आदर्श आचार संहिता का खुला उल्लंघन है.
 
पटेल ने मांग की है कि स्वतंत्र, निष्पक्ष, निर्भीक चुनाव सम्पन्न कराने के लिए न्यूज चैनलों द्वारा दिखाए जा रहे ओपिनियन पोल पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए.

Advertisement

इसके अलावा, समाजवादी पार्टी की ओर से चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर शिकायत की गई है कि भाजपा के उम्मीदवार कैराना, शामली सहित अन्य जगहों पर आदर्श आचार संहिता की धज्जियां उड़ा रहे हैं.  

सपा हार से नहीं बचेगी: बीजेपी

वहीं, उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने इसे सपा प्रमुख अखिलेश यादव की ओर हताशा करार दिया है. बीजेपी नेता ने कहा कि कभी सपा नेता चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हैं, और कभी वह डिजिटल माध्यम से चुनाव प्रचार के दौरान अपनी कमजोरी का रोना रोते हैं. अब, वह मांग कर रहे हैं कि सर्वेक्षण रोक दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, वास्तविकता यह है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता से परेशान महसूस कर रहे हैं.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement