
लखनऊ में समाजवादी पार्टी के ऑफिस में सीट शेयरिंग को लेकर चल रही बड़ी बैठक समाप्त हो गई है. बैठक में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सहयोगी दलों से चुनावी तैयारियों पर चर्चा की है. केशव देव मौर्या ने कहा है कि आज शाम तक सपा गठबंधन के प्रत्याशियों की सूची जारी होगी. उन्होंने बताया कि पहले और दूसरे चरण के चुनाव के प्रत्याशियों की सूची आज शाम तक आएगी.बता दें कि बैठक से पहले प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल यादव अपने बेटे आदित्य के साथ अखिलेश यादव से मिलने लखनऊ पहुंचे थे. बताया जा रहा है कि बैठक में आरएलडी को छोड़कर सपा की सभी सहयोगी दल मौजूद रहीं.
बैठक में शिवपाल के अलावा कृष्णा पटेल, ओपी राजभर, संजय चौहान, केशव देव मौर्य मौजूद रहेंगे. उधर, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के सीनियर नेता नवाब मलिक का कहना है कि यूपी में सपा और राकांपा का गठबंधन हो चुका है. अखिलेश यादव सीट बंटवारे का ऐलान करेंगे.
बता दें कि दिसंबर के आखिरी सप्ताह में प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव ने कहा था कि उन्होंने मान लिया है कि अखिलेश यादव ही सपा के 'नए नेताजी' हैं. इतना ही नहीं शिवपाल यादव ने बताया कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के ऐलान के बाद ही सपा और प्रसपा के बीच सीटों का बंटवारा तय हो जाएगा. हालांकि, उन्होंने कहा कि वे बस ये चाहते हैं कि उनकी पार्टी के जीतने वाले उम्मीदवारों को टिकट मिल जाए.
दरअसल, 2018 में शिवपाल यादव ने अखिलेश यादव से मनमुटाव के बाद सपा से अलग होकर नई राजनीतिक पार्टी प्रसपा का गठन किया था. शिवपाल इससे पहले मुलायम सिंह यादव को ही सपा का नेताजी बताते रहे हैं.
अखिलेश यादव बनें सीएम
उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव से जुड़े तमाम मुद्दों पर शिवपाल यादव ने आजतक से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा, हां मैंने मान लिया है कि सपा के नए नेताजी अखिलेश यादव ही हैं, मैं चाहता हूं कि वे मुख्यमंत्री बनें. शिवपाल यादव ने कहा, मैंने ही उन्हें ट्रेनिंग दी है. लेकिन अब वे परफेक्ट हो गए हैं.
अखिलेश का हर फैसला मानने को तैयार
शिवपाल यादव ने कहा, हमने पुरानी बातों को खत्म कर दिया गया. हमने सपा में 40-45 साल काम किया है. बहुत से आंदोलन हुए हैं. कई लोग इसमें शहीद भी हुए हैं. फैसला लिए जाते हैं, पार्टी को आगे बढ़ाना है, तो त्याग और संघर्ष करने पड़ते हैं. मेरे अंदर कोई मलाल नहीं है. बस सिर्फ हम अपनी बात रख देंगे. सलाह दे देंगे. फैसला अखिलेश जो भी लेंगे, हम मानने के लिए तैयार हैं.