
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले की एक विधानसभा सीट है सिकंदराबाद विधानसभा सीट. सिकंदराबाद सीट की सीमा नोएडा और गाजियाबाद जिले की सीमा से लगी हुई है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता राम प्रकाश इसी विधानसभा क्षेत्र के निवासी थे. ये इलाका भी औद्योगिक है.
ऐतिहासिक दृष्टि से देखा जाए तो सिकंदराबाद का नाम मुगल शासक सिकंदर के नाम पर पड़ा था. यहां काफी समय से ही जरी का काम यानी कपड़े पर कढ़ाई का काम होता रहा है जो कि देश-विदेश में सप्लाई किया जाता है. जेवर एयरपोर्ट इस विधानसभा क्षेत्र से बिल्कुल नजदीक है. नोएडा के साथ ही गाजियाबाद और दिल्ली से भी सटा होने के कारण ये क्षेत्र महत्वपूर्ण हो जाता है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
सिकंदराबाद विधानसभा सीट से 1952 से 1962 तक ये सीट कांग्रेस के कब्जे में रही. 1967 में निर्दलीय प्रत्याशी रामचंद्र विकल, 1969 में निर्दलीय उम्मीदवार वीरेंद्र स्वरूप भटनागर विधानसभा पहुंचे थे. 1974 में कांग्रेस, 1977 में जनता पार्टी, 1980 और 1985 में कांग्रेस, 1989 में जनता दल और 1991 में जनता दल के उम्मीदवार चुनाव जीते थे.
साल 1993 में यहां बीजेपी को जीत मिली थी तो वहीं 1996 में सपा, 2002 और 2007 में ये सीट बसपा के खाते में गई. साल 2012 से ये सीट बीजेपी के कब्जे में है. कुल मिलाकर 17 विधानसभा चुनाव में छह दफे कांग्रेस, तीन बार बीजेपी, दो बार बीएसपी और एक बार सपा, एक बार जनता पार्टी के उम्मीदवार की जीत हुई है. दो बार निर्दलीय उम्मीदवारों पर भी यहां की जनता ने भरोसा जताया है.
2017 का जनादेश
सिकंदराबाद विधानसभा सीट से साल 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने निवर्तमान विधायक विमला सोलंकी पर ही दांव लगाया. विमला सोलंकी ने लगातार दूसरी दफे इस सीट से जीत हासिल की. विमला सोलंकी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बसपा के हाजी इमरान को पराजित किया. समाजवादी पार्टी के राहुल यादव तीसरे नंबर पर रहे थे. राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) की आशा यादव चौथे स्थान से संतोष करना पड़ा था.
सामाजिक ताना-बाना
सिकंदराबाद विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की तादाद साढ़े तीन लाख से ज्यादा है. औद्योगिक दृष्टि से विकसित क्षेत्र सिकंदराबाद का वोटिंग पैटर्न जाति-धर्म पर आधारित नहीं है. इसीका परिणाम है कि शुरुआती दौर में कांग्रेस के दबदबे को छोड़ दें तो ये सीट किसी भी दल के किले में तब्दील नहीं हो पाई. पिछले दो चुनाव में बीजेपी जीती है, ऐसे में विमला सोलंकी की नजर जीत की हैट्रिक लगाने पर होगी.
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
सिकंदराबाद विधानसभा क्षेत्र से विधायक विमला सोलंकी ग्रेजुएट हैं. उनके पति कारोबारी हैं. इलाके में उनका एक पेट्रोल पंप भी है. बुलंदशहर की जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकीं विमला सोलंकी के एक बेटे और दो बेटियों की शादी हो चुकी है. विमला सोलंकी का दावा है कि पिछले 10 साल में विधानसभा क्षेत्र की सूरत बदल गई है. हर क्षेत्र में विकास के कार्य हुए हैं.