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पूर्वांचल में कांग्रेस के पास बस एक विधायक, क्या लगा पाएंगे जीत की हैट्रिक?

एक दौर में पूर्वांचल कांग्रेस का मजबूत गढ़ हुआ करता था, लेकिन आज सिर्फ एक विधायक है. पार्टी के एकमात्र विधायक अजय कुमार लल्लू हैं, जो कुशीनगर जिले की तमकुहीराज सीट से दूसरी बार विधायक हैं और तीसरी बार चुनावी मैदान में हैं. ऐसे में क्या वो जीत की हैट्रिक लगा पाएंगे?

अजय कुमार लल्लू और प्रियंका गांधी अजय कुमार लल्लू और प्रियंका गांधी
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली ,
  • 01 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 3:02 PM IST
  • अजय कुमार लल्लू चौथी बार चुनावी मैदान में उतरे
  • पूर्वांचल में कांग्रेस के विधायक हैं अजय लल्लू
  • प्रियंका गांधी ने अजय लल्लू को जिताने की अपील की

उत्तर प्रदेश की चुनावी लड़ाई पूर्वांचल के रण में लड़ी जा रही है. मोदी लहर और योगी के गढ़ पूर्वांचल में कांग्रेस का झंडा बुलंद रखने वाले एकमात्र विधायक अजय कुमार लल्लू हैं, जो सूबे में कांग्रेस में जान डालने के लिए तीन सालों से सड़क पर संघर्ष करते नजर आए हैं. ऐसे में अब उनके इम्तिहान की घड़ी कुशीनगर जिले की तमकुहीराज सीट पर है, जहां से वो दो बार से विधायक हैं और तीसरी बार चुनावी मैदान में उतरे हैं. ऐसे में अजय कुमार लल्लू क्या इस बार जीत की हैट्रिक लगा पाएंगे? 

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कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू तीसरी बार कुशीनगर की तमकुहीराज सीट से चुनावी मैदान में उतरे हैं, लेकिन जिले के कद्दावर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया है. इसके चलते कांग्रेस की स्थिति पूर्वांचल में गड़बड़ा गई है और अजय लल्लू के सामने भी सियासी चुनौतियां खड़ी हो गई हैं. अजय लल्लू के खिलाफ बीजेपी गठबंधन के तहत निषाद पार्टी से डा. असीम कुमार, सपा से उदय नारायण गुप्ता और बसपा से संजय गुप्ता चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं. 

अजय लल्लू 2012 में बने विधायक
अजय कुमार लल्लू तमकुहीराज सीट से तीसरी बार चुनावी मैदान में उतरे हैं. उन्होंने पहला चुनाव 2007 में सेवरही विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लड़ा था, लेकिन जीत नहीं सके थे. परिसीमन के बाद तमकुहीराज सीट वजूद में आई और 2012 में अजय कुमार ने कांग्रेस के टिकट पर किस्मत आजमाई और बीजेपी के उम्मीदवार नंदकिशोर मिश्रा को 5860 वोटों से हरा कर विधायक बने. इसके बाद 2017 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर दोबारा उतरे और बीजेपी की लहर में 2012 से भी अधिक अंतर से बीजेपी प्रत्याशी जगदीश मिश्र को हराया. 

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अजय कुमार लल्लू के संघर्षों को देखते हुए कांग्रेस पार्टी ने उन्हें अक्टूबर 2019 में उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष की कमान सौंपी तो उन्होंने पार्टी में नई जान फूंकने की कवायद की. अजय कुमार अपने क्षेत्र में दलित पिछड़ों शोषित वंचित लोगों की समस्या और बाढ़ की समस्या को लेकर हमेशा धरने पर बैठ जाते थे. लोग उन्हें 'धरना कुमार' भी कहने लगे थे. ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद भी इस तेवर को अपनाए रखा, जिसके चलते कई बार उन्हें गिरफ्तार भी होना पड़ा. 

अजय लल्लू तीसरी बार चुनावी मैदान में
तमकुहीराज सीट पर जीत की हैट्रिक लगाने का मकसद लेकर अजय कुमार लल्लू उतरे हैं, लेकिन इस बार उनके सियासी राह में कांटे काफी है. बसपा से लेकर सपा तक ने वैश्य कार्ड खेला है तो बीजेपी ने निषाद पार्टी के जरिए उन्हें सियासी मात देने की रणनीति अपनाई है. ऐसे में पूर्वांचल में कांग्रेस का किला बचाए रखने के लिए अजय कुमार लल्लू पिछले छह महीने से सिर्फ अपनी ही सीट पर फोकस कर रखे हैं. प्रदेश अध्यक्ष होने के बाद उन्होंने किसी भी सीट पर प्रचार करने नहीं उतरे हैं और सिर्फ तमकुहीराज सीट पर मशक्कत रहे हैं. 

पूर्वांचल में कांग्रेस साख बचा पाएगी
पूर्वांचल की करीब आधा दर्जन सीटों पर कांग्रेस काफी अच्छा चुनाव लड़ रही है. इनमें पूर्वांचल की देवरिया जिले की रुद्रपुर सीट पर अखिलेश प्रताप सिंह, महराजगंज की फरेंदा सीट पर बिरेंद्र चौधरी, इटवा सीट पर अरशद खुर्शीद, सोहरतगढ़ सीट पर पप्पू चौधरी और तमकुहीराज सीट पर अजय कुमार लल्लू हैं. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अपने इन तमाम दिग्गज नेताओं के पक्ष में माहौल बनाने के लिए रैली की है. 

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अजय कुमार लल्लू की सीट पर सोमवार को प्रचार किया और इस दौरान प्रियंका गांधी उनेक परिवार से भी मिली. अजय कुमार लल्लू ने प्रियंका गांधी को अपनी मोटर साइकिल पर बैठाकर हेलीपैड तक छोड़ा. इससे पहले उन्होंने अजय लल्लू को जिताने की अपील की. ऐसे में देखना है कि पूर्वांचल में कांग्रेस का एकमात्र विधायक क्या अपनी जीत की हैट्रिक लगाने में कामयाब रहेगी? 

 

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