
यूपी में फिर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने की कवायद में लगी कांग्रेस पार्टी हर एक्सपेरिमेंट करने को तैयार दिख रही है. बीजेपी की तर्ज पर इस बार बड़े स्तर पर सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया जाएगा. एक ऐसी टीम का सहयोग लिया जाएगा जो कभी प्रशांत किशोर संग काम कर चुकी है.
यूपी चुनाव में कांग्रेस का 'बीजेपी स्टाइल' पर दांव
जानकारी मिली है कि कांग्रेस के लिए प्रशांत किशोर जैसी कंपनी से अलग हुए सोशल मीडिया एक्सपर्ट अब चुनावी जीत का खाका उत्तर प्रदेश में तैयार कर रहे हैं. कांग्रेस ने इसके लिए इलेक्शन मैनेजमेंट कंपनी भी पूरी मैदान मैं लगा दी है. खास बात है कि प्रशांत कुमार की टीम से अलग हुए सोशल मीडिया एक्सपर्ट कांग्रेस के साथ काम कर सरकार बनाने के लिए मेकैनिज्म सेट कर रहे हैं.
प्रशांत किशोर से अलग हुई टीम पर भरोसा
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने के लिए ये टीम पूरी तरीके से प्रतिबद्ध है. यह प्रोफेशनल एक्पर्ट टीम कभी प्रशांत किशोर के साथ काम करती थी लेकिन अब अलग होकर कांग्रेस के लिए सोशल मीडिया का काम संभाल रही है और बूथ लेवल पर मजबूती दे रही है.
कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने आईटी और सोशल मीडिया सेल को बूथ लेवल तक उतारा है. कोशिश है कि इंफॉर्मेशन को कंप्यूटर में सेव करने के बाद भावी प्रत्याशियों को उन्हीं विधानसभा और बूथ लेवल पर भेजा जाए. इस हिसाब से जो भी प्रत्याशी कांग्रेस के लिए चुनाव लड़ना चाहता है उसकी पूरी सीट का खाका प्रियंका गांधी वाड्रा के पास इस सोशल इंजीनियरिंग की मदद से पहुंचा चुका होगा.
क्या बदलाव देखने को मिलेगा?
प्रत्याशियों के लिए पहले अमूमन अपनी जाति और विशेष बल देकर किसी विधानसभा सीट पर अपना हक जताने में आसानी रहती थी लेकिन सोशल मीडिया एक्सपर्ट और प्रोफेशनल की वजह से अब उनको बूथ लेवल पर जाकर अपनी उपस्थिति दर्ज करानी पड़ेगी.
कांग्रेस के मुताबिक, प्रोफेशनल तरीके से चुनाव लड़ने के लिए सोशल मीडिया टीम को जमीन पर उतारा गया है. अब ये प्रयास कितना सफल रहता है, कांग्रेस को कितना मजबूती प्रदान करता है, ये आने वाले कुछ महीनों में साफ होना शुरू हो जाएगा.