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UP election dates: यूपी में 10 फरवरी से 7 मार्च तक 7 चरणों में होगी वोटिंग, 10 मार्च को नतीजे

UP Election 2022 Dates: उत्तर प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 14 मई 2022 को पूरा हो रहा है. ऐसे में 14 मई से पहले हर हाल में विधानसभा और नई सरकार के गठन की प्रकिया पूरी होनी है. उत्तर प्रदेश में कुल 403 विधानसभा सीटें हैं.

 UP Election 2022 Dates UP Election 2022 Dates
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 08 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 5:49 PM IST
  • पहले चरण के तहत 10 फरवरी को वोटिंग होगी
  • विधानसभा का कार्यकाल 14 मई 2022 को पूरा हो रहा है
  • उत्तर प्रदेश में कुल 403 विधानसभा सीटें हैं

UP Election 2022 Dates: उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान हो गया है. शनिवार को चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस (EC press conference)  में फुल शेड्यूल जारी किया.

यूपी में 7 चरणों में चुनाव होंगे, पहले चरण के तहत 10 फरवरी को वोटिंग होगी. दूसरा चरण 14 फरवरी, तीसरा चरण 20 फरवरी, चौथा चरण 23 फरवरी, 5वां चरण 27 फरवरी, छठा चरण 3 मार्च और 7 चरण 7 मार्च को संपन्न होगा. 10 मार्च को मतगणना होगी और नतीजे आएंगे. 

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मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने बताया कि यूपी में 29 प्रतिशत वोटर पहली बार वोट डालेंगे. इस बार वोटिंग टाइमिंग एक घंटा बढ़ा दी गई है. साथ ही पदयात्रा, रोड शो, साइकिल-बाइक रैली पर 15 जनवरी तक रोक रहेगी. 

UP में 7 चरणों में होगी वोटिंग

पहला चरण- 10 फरवरी
दूसरा चरण- 14 फरवरी
तीसरा चरण- 20 फरवरी
चौथा चरण- 23 फरवरी
5वां चरण- 27 फरवरी
छठा चरण- 3 मार्च 
7वां चरण- 7 मार्च

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बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 14 मई 2022 को पूरा हो रहा है. ऐसे में 14 मई से पहले हर हाल में विधानसभा और नई सरकार के गठन की प्रकिया पूरी होनी है. उत्तर प्रदेश में कुल 403 विधानसभा सीटें हैं.

1250 मतदाताओं पर होगा एक बूथ

मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि इस बार 1250 मतदाताओं पर एक बूथ बनाया गया है. पिछले चुनाव की तुलना में 16 फीसदी बूथ बढ़ गए हैं. चुनाव आयोग ने सरकारी कर्मचारियों के अलावा 80 साल से ज्यादा उम्र के नागरिकों, दिव्यांगों और कोविड प्रभावित लोगों के लिए पोस्टल बैलेट की व्यवस्था की है. 

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उन्होंने बताया कि सभी बूथ पर पुरुष और महिला सुरक्षाकर्मी तैनात होंगे. दिव्यांगों के लिए विशेष इंतजाम होंगे हर बूथ पर. वॉलेंटियर मदद करेंगे. व्हील चेयर भी हर बूथ पर होगी. कोविड प्रभावित या कोविड संदिग्ध के घर वीडियो टीम के साथ आयोग की टीम विशेष वैन से जाएगी और वोट डलवा कर आएगी. इन्हें बैलेट पेपर से वोट डालने का अधिकार मिलेगा. 

इसके अलावा अपराधिक पृष्ठ भूमि के उम्मीदवारों के लिए अखबार टीवी और मीडिया और वेबसाइट के होम पेज पर तीन बार अलग अलग चरणों पर जानकारी सार्वजनिक करनी होगी, ताकि जनता को पता चले कि उनके उम्मीदवार कैसे हैं?

चुनाव आयोग ने और क्या कहा है?

- मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि पहली बार वोटर को चुनाव नियमों की पर्ची दी जाएगी. 
- उम्मीदवार सुविधा ऐप के जरिये ऑनलाइन नामांकन कर सकेंगे.
- चुनाव के दौरान किसी भी गलत गतिविधि के लिए Cvigil एप पर शिकायत दर्ज की जाएगी. 
- जीत के बाद विजय जुलूस पर रोक रहेगी. 
- EC का ज्यादा से ज्यादा वर्चुअल माध्यम को बढ़ावा देने पर जोर है. 
- घर-घर पांच लोगों के प्रचार की इजाजत रहेगी.

पिछले विधानसभा चुनाव में क्या रहा था?

पिछला चुनाव फरवरी-मार्च 2017 में हुआ था और बीजेपी की अगुवाई में एनडीए 325 सीटें जीतकर सत्ता में लौटी थी और योगी आदित्यनाथ 19 मार्च 2017 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. सीएम योगी बीजेपी के पहले नेता है, जिन्होंने उत्तर प्रदेश में पांच साल का कार्यकाल पूरा किया और पार्टी ने उन्हीं के चेहरे को आगे कर चुनाव लड़ रही है. ऐसे मे यह उनके लिए अग्नि परीक्षा है. 

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ऐसा है गठबंधन का गणित

बीजेपी अपना दल (एस) और निषाद पार्टी के साथ गठबंधन कर 2022 के यूपी चुनाव मैदान में उतरी है. सूबे में बीजेपी की सत्ता को बचाए रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सहित बीजेपी नेताओं ने पूरी ताकत झोंक दी है.

Election Dates 2022 Live Updates

वहीं, सपा प्रमुख अखिलेश यादव सूबे में जातीय आधार वाले छोटे दलों के साथ मिलकर बीजेपी से दो-दो हाथ करने के लिए उतरे हैं. सपा ने यूपी में आरएलडी, सुभासपा, प्रसपा, जनवादी पार्टी, महान दल सहित करीब एक दर्जन छोटे दल से गठबंधन किया. 

कांग्रेस महिला कार्ड खेल रही, मायावती ने नहीं किया गठबंधन

कांग्रेस प्रियंका गांधी की अगुवाई में यूपी चुनाव में उतरी है. प्रियंका महिला कार्ड खेल रही हैं और 40 फीसदी टिकट देने से लेकर उनके लिए तमाम घोषणाएं कर रखी है. वहीं, 2022 का चुनाव बसपा के साथ-साथ दलित राजनीति के लिए भी अहम माना जा रहा है. बसपा प्रमुख मायावती ने किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं किया है और 2007 की तरह ब्राह्मण-दलित समीकरण बनाने में जुटी हैं. इसके अलावा यूपी में असदुद्दीन ओवैसी मुस्लिम मतों के सहारे सूबे में अपने पैरे जमाने के लिए बेताब हैं.  

 

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