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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी बिसात के साथ-साथ उम्मीदवारों की तलाश भी राजनीतिक दलों ने शुरू कर दिए हैं. बसपा ने कहा है कि पार्टी से चुनाव लड़ने वाले इच्छुक नेताओं को सोशल मीडिया का एक्सपीरियंस भी बताना होगा. इतना ही नहीं पार्टी संस्थापक कांशीराम और मायावती के लिटरेचर को लेकर उन्होंने सोशल मीडिया में किस तरह की काम किया है यह भी बताना होगा. इसके बाद ही बसपा से उम्मीदवारी पक्की होगी.
बसपा प्रमुख मायावती ने 2022 के विधानसभा चुनाव में हाथी के सिंबल पर लड़ने वाले इच्छुक नेताओं के लिए आवेदन पत्र जारी किया है. आवेदन पत्र में साफ तौर पर सोशल मीडिया की अपनी सक्रियता से लेकर कांशीराम के मिशन पर क्या-क्या काम है, उसका जिक्र करना होगा.
बहुजन समाज पार्टी ने उत्तर प्रदेश की सभी 403 विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशियों से आवेदन पत्र मांगे हैं, लेकिन खास बात यह है कि इस आवेदन पत्र के साथ एक कॉलम में सोशल मीडिया की डिटेल भी भरकर देनी है. इस कॉलम में बताना होगा कि सोशल मीडिया अकाउंट कितना एक्टिव है. इतना ही नहीं फेसबुक, टि्वटर जैसे अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कितने पोस्ट किए गए हैं, उसकी भी जानकारी देनी होगी.
बीएसपी के आवेदन पत्र में जो प्रत्याशी चुनाव लड़ना चाहता है, उन्हें अपने पॉलिटिकल एक्सपीरियंस और सियासी बैकग्राउंड के साथ-साथ बीएसपी की नीतियों और दलित मसीहा बाबा साहेब आंबेडकर की नीतियों से कितना परिचित हैं. इसकी भी जानकारी देनी होगी.
खास बात है कि इस बार बसपा ने सोशल मीडिया का कॉलम भी ऐड किया गया है, जिसमें पूछा गया है कि सोशल मीडिया पर जो डॉ. आंबेडकर और बहुजन समाज पार्टी की जो नीतियां है, उस पर कितना काम किया गया है और इस मिशन को लेकर सोशल मीडिया पर कितना एक्टिव रहे हैं. यह भी बताना होगा.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में लगातार देखा जा रहा है कि बसपा प्रमुख मायावती ट्विटर पर और फेसबुक पेज पर लगातार एक्टिव है. इन दिनों हर मुद्दे पर कोई न कोई ट्वीट कर सरकार को घेरती नजर आती हैं और हर मुद्दे पर अपना नजरिया रख रही हैं. ऐसे में वह पार्टी में चुनाव लड़ने वाले नेताओं से भी सोशल मीडिया के लिए उनकी डिटेल मांगी गई हैं.
बीएसपी के प्रवक्ता एमएच खान के मुताबिक, बीएसपी में हमेशा आंबेडकर और बीएसपी की नीतियों पर कार्यकर्ता काम करता रहा है. इस बार बसपा टिकट के लिए किए जाने वाले आवेदन में मायावती ने सोशल मीडिया पर पूरी तरीके से एक्टिव है उसी तरीके से आवेदन करने वाले कैंडिडेट पर भी सोशल मीडिया का एक डिटेल मांगा गया है.
उन्होंने कहा कि डा. अंबेडकर की नीतियों और बसपा संस्थापक कांशीराम और मायावती के विचारों के साथ और उनके जन्मदिन पर होने वाली एक्टिविटी का जिक्र किस लेवल पर किया गया इस बारे में जानकारी ली जा रही है. इसके पीछे उम्मीदवारों की विचाराधार को भी जांचना है.