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यूपी में चुनाव से ठीक पहले योगी कैबिनेट विस्तार के क्या हैं मायने?

उत्तर प्रदेश में आज कैबिनेट विस्तार होने की पूरी-पूरी संभावना है. कैबिनेट में 7 नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है. माना जा रहा है कि कैबिनेट विस्तार के जरिए बीजेपी उन जातियों को साधने की कोशिश करेगी, जिसका विधानसभा चुनाव में फायदा मिल सकता है.

जितिन प्रसाद और संगीता बिंद को भी कैबिनेट में मिलेगी जगह. (फाइल फोटो) जितिन प्रसाद और संगीता बिंद को भी कैबिनेट में मिलेगी जगह. (फाइल फोटो)
कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 26 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 8:09 PM IST
  • आज शाम होगा यूपी में कैबिनेट विस्तार
  • जातिगत समीकरण बैठाने की कोशिश

उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) से चंद महीनों में योगी सरकार का आखिरी कैबिनेट विस्तार (Cabinet Expansion) होने जा रहा है. बताया जा रहा है कि आज शाम 5.30 बजे के आसपास नए मंत्री शपथ भी ले सकते हैं. योगी कैबिनेट (Yogi Cabinet) को लेकर अभी तक आधिकारिक रूप से तो कुछ भी सामने नहीं आया है, लेकिन बताया जा रहा है कि 7 नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है.

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पिछले कई महीनों से यूपी में कैबिनेट विस्तार होने की चर्चा जोरों पर थी. इसको लेकर आरएसएस और सीएम योगी आदित्यनाथ के बीच भी कई मीटिंग हुई थीं. लेकिन सवाल एक ये भी उठता है कि जब विधानसभा चुनाव में कुछ चंद महीने ही बाकी हैं तो फिर कैबिनेट विस्तार की जरूरत क्यों? 

तो इसका जवाब है अगले साल विधानसभा चुनाव. दरअसल, इस कैबिनेट विस्तार के जरिए बीजेपी उन जातिगत समीकरणों को साधने की कोशिश में है, जिनका सियासी फायदा मिल सकता है. इस बार कैबिनेट में उन जातियों को जगह देने की कोशिश है जिनका प्रतिनिधित्व अभी तक कम था. कैबिनेट में पिछड़ी और अति पिछड़ी जातियों को जगह मिलना तय माना जा रहा है.

जिन सात नए चेहरों को शामिल किए जाने की संभावना है उनमें जितिन प्रसाद, संगीता बिंद, छत्रपाल गंगवार, पलटू राम, दिनेश खटिक, संजय गोंड और धर्मवीर प्रजापति के नाम हैं.
 

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ये भी पढ़ें-- UP Election 2022: बीजेपी और निषाद पार्टी साथ मिलकर लड़ेंगे यूपी विधानसभा चुनाव 2022, हुआ गठबंधन का ऐलान

क्योंकि ये योगी सरकार का आखिरी कैबिनेट विस्तार होगा, इसलिए इस बार जातीय समीकरण बैठाने की कोशिश भी हो रही है. यही वो वजह है कि इस बार जितने नाम हैं उनमें से ज्यादातर दलित जाति से हैं, जिनमें पलटू राम, दिनेश खटीक, धर्मवीर प्रजापति शामिल हैं. बरेली से छत्रपाल गंगवार भी कैबिनेट में रहेंगे. इसी इलाके से आने वाले सांसद संतोष सिंह गंगवार को हाल ही में मोदी कैबिनेट से हटाया गया है. इसी तरह कुछ महीनों पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए जितिन प्रसाद को भी कैबिनेट में जगह मिलनी तय है. जितिन प्रसाद ब्राह्मण हैं. उन्हें विधान परिषद भी भेजा जाएगा. 

ऐसा भी कह सकते हैं कि जिन जातियों को अभी तक मंत्रिमंडल में या फिर विधान परिषद में जगह नहीं मिली है, उन्हें बीजेपी इस बार जगह देने जा रही है. कैबिनेट में गाजीपुर से विधायक संगीता बिंद को भी जगह मिलनी तय मानी जा रही है. संगीता बिंद मल्लाह समुदाय से हैं. धर्मवीर प्रजापति भी दलित समुदाय से आते हैं. 

काफी वक्त से बीजेपी से नाराज चल रहे निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद को विधान परिषद का सदस्य बनाया जाएगा. चर्चा थी कि उन्हें मंत्री पद दिया जा सकता है, लेकिन उन्हें एमएलसी ही बनाया जा रहा है. कुल मिलाकर 7 मंत्री पद और 4 एमएलसी के जरिए बीजेपी जातिगत समीकरण बैठाने की कोशिश कर रही है, ताकि 2022 में होने वाले चुनाव में उसे फायदा मिल सके.

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