
सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन के अवसर पर जिस बड़े सियासी संदेश को देने की कोशिश थी, वो काम पूरा नहीं हो पाया. मुलायम के जन्मदिन के मौके पर भी शिवपाल यादव और अखिलेश के दिल नहीं मिले. दोनों ने एक मंच भी साथ में साझा नहीं किया. अब बीजेपी ने इसे बड़ा मुद्दा बनाते हुए अखिलेश यादव पर तंज कसा है.
यूपी बीजेपी ने सोशल मीडिया पर एक गाने के जरिए अखिलेश पर निशाना साधा है. ट्वीट में लिखा गया है कि जो अखिलेश यादव अपने परिवार के सगे नहीं हुए, उनसे जनता क्या उम्मीद करेगी कि वो लोगों का भला करेंगे. उनके लिए तो एक ही बात कही जा सकती है- बाप बड़ा न भैया, सबसे बड़ा रुपैया.
बीजेपी ने ली अखिलेश पर चुटकी
अब ये ट्वीट भी इसलिए किया गया क्योंकि मुलायम सिंह के जन्मदिन के दिन चाचा भतीजे अलग-अलग कार्यक्रम करते नजर आए, जिस मिलन की चर्चा पिछले कई महीनों से चल रही थी कि मुलायम सिंह के जन्मदिन के दिन दोनों एक हो सकते हैं, जन्मदिन तो गुजर गया लेकिन दोनों की मुलाकात तक नहीं हुई. शिवपाल यादव ने तो अपना दर्द सैफई की सभा में साझा किया और कहा कि अखिलेश यादव से वह 100 सीटों की मांग कर रहे हैं ताकि पुराने समाजवादी उनके साथ आए दूसरे नेता और सहयोगी दलों को उसमें एडजस्ट किया जा सके. लेकिन अखिलेश यादव नहीं सुन रहे, ऐसे में 1 हफ्ते के बाद एक बड़ा कार्यक्रम कर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी अपना फैसला लेगी.
क्या है शिवपाल की मांग?
ऐसे में परिवार की इस दूरी का बीजेपी पूरा फायदा उठाना चाहती है. इस चाचा-भतीजे की लड़ाई के जरिए जनता के बीच बड़ा सियासी संदेश देने की कोशिश हो रही है. इसी वजह से एक तरफ बीजेपी इस मुद्दे पर आक्रमक दिखाई दे रही है तो वहीं अभी अखिलेश यादव कोई भी फैसला लेते नहीं दिख रहे हैं. शिवपाल यादव ने 100 सीटों की मांग रख दी है. अपनी पार्टी के सपा में विलय तक का ऐलान कर दिया है, लेकिन क्योंकि अखिलेश कोई तवज्जो नहीं दे रहे, ऐसे में बात भी बीच में अटकती दिख रही है.
खबर है कि जिन नेताओं के लिए शिवपाल यादव टिकट मांग रहे हैं, वो हमेशा से अखिलेश के विरोधी रहे हैं, ऐसे में उन्हें अपने साथ लाना सपा प्रमुख के लिए भी मुश्किल हो रहा है. इसी वजह से चाचा संग ना दूरियां कम हो पा रही हैं और ना ही कोई समझौता होता दिख रहा है.