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बीजेपी के करीब आ रहे राजभर! ओवैसी बोले- भाजपा-कांग्रेस को छोड़ किसी से भी गठबंधन को तैयार

उन्होंने यूपी में बीजेपी को हराना तो अपना लक्ष्य बताया ही है, इसके अलावा एक मजबूत गठबंधन बनाने पर भी जोर दिया है. उनकी नजरों में अगर विपक्ष एकजुट होगा तो यूपी में बीजेपी का सफाया किया जा सकता है.

ओवैसी का राजभर को बड़ा संकेत ओवैसी का राजभर को बड़ा संकेत
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 11:29 PM IST
  • ओवैसी का राजभर को संकेत
  • बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ने पर जोर

 उत्तर प्रदेश में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, पुराने साथी भी गिले-शिकवे भुला फिर साथ आते दिख रहे हैं. हाल ही में ओमप्रकाश राजभर ने AIMIM चीफ असुददीन ओवैसी को उस वक्त झटका दे दिया जब उन्होंने दोबारा एनडीए संग जाने के संकेत दे दिए. औपचारिक तौर पर तो कुछ नहीं हुआ, लेकिन समीकरण जरूर बदलते दिख गए. अब राजभर के बदलते रुख के बाद ओवैसी ने बड़ा बयान दिया है.

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उन्होंने यूपी में बीजेपी को हराना तो अपना लक्ष्य बताया ही है, इसके अलावा एक मजबूत गठबंधन बनाने पर भी जोर दिया है. उनकी नजरों में अगर विपक्ष एकजुट होगा तो यूपी में बीजेपी का सफाया किया जा सकता है. उन्होंने यहां तक कह दिया कि बीजेपी-कांग्रेस को छोड़ वे किसी भी दूसरी पार्टी संग गठबंधन करने को तैयार हैं.

हम इस समय ओपी राजभर की भागीदारी संकल्प मोर्चा का हिस्सा हैं. हमारी शिवपाल यादव से भी दो बार मुलाकात हो चुकी है. हमने अपनी तरफ से दोनों राजभर और शिवपाल को बता दिया है कि हम बीजेपी-कांग्रेस को छोड़ किसी से भी गठबंधन करने को तैयार हैं.

असुददीन ओवैसी, AIMIM चीफ

वहीं ओवैसी ने यूपी में बीजेपी को हराने की पूरी रणनीति भी तैयार कर ली है. उन्होंने जोर देकर कहा है कि इस समय पूरे राज्य में बीजेपी के खिलाफ जबरदस्त नाराजगी है. अगर उस नाराजगी का इस्तेमाल करना है, तो सभी को एक साथ आना ही पड़ेगा. ओवैसी ने विश्वास जताया कि जनता बीजेपी से त्रस्त हो चुकी है, हर मुद्दे पर योगी सरकार फेल रही है, ऐसे में अब एकजुट होकर उन्हें हराना चाहिए.

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अब ओवैसी का ये बयान उनकी टाइमिंग की वजह से ज्यादा मायने रखता है. कुछ दिन पहले ही जब यूपी में उनके सबसे बड़े साथी ओमप्रकाश राजभर ने फिर बीजेपी के साथ चुनाव लड़ने के संकेत दे दिए हों, ऐसे में किसी ऐसे गठबंधन को रोकना ओवैसी के लिए यूपी राजनीति में सक्रिय रहने के लिए जरूरी है. वहीं क्योंकि अभी तक शिवपाल यादव की अखिलेश यादव संग तल्खी कम नहीं हुई है, ऐसे में AIMIM चीफ उन्हें भी अपने पाले में लाना चाहते हैं.

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