
यूपी चुनाव में 19 प्रतिशत मुसलमानों पर अपनी नजर लगाए बैठे AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने मुजफ्फरनगर रैली में फिर इस समुदाय को साधने का प्रयास किया है. उन्होंने मुजफ्फरनगर दंगों की याद भी दिलाई है और तमाम उन पार्टियों को आड़े हाथों लिया है जिन्होंने सिर्फ वोट के लिए मुसलमानों का इस्तेमाल किया.
ओवैसी का सपा-बसपा पर निशाना
ओवैसी ने कहा कि जब समाजवादी पार्टी की सरकार थी और तब 70 मुसलमान विधायक जीत कर के आए थे तो उनसे मेरा सवाल होगा कि जब इतने विधायक मुसलमान थे तो फिर से मुजफ्फरनगर का कांड कैसे हुआ. इसलिए हुआ कि जिन पार्टियों से वह जीत कर आए थे उन पार्टियों ने मुसलमान विधायक को कमजोर बना दिया. मजलिस का उम्मीदवार अगर विधायक बनेगा तो हम उसको ताकत देंगे कि जो भी नाइंसाफी है जो चाहे मुस्लिम पर या हिन्दुओं पर हो उसकी आवाज उठाए.
वहीं क्योंकि हाल ही में टी20 वर्ल्ड कप में भारत को पाकिस्तान से हार मिली, ऐसे में ओवैसी ने इस पर भी अपने विचार रखे. उन्होंने एक तरफ शमी का बचाव किया तो वहीं पाकिस्तान को भी मुंहतोड़ जवाब दिया. AIMIM चीफ ने पाकिस्तान को भारत से पंगा ना लेने की चेतावनी दे डाली.
हमारे पड़ोसी मुल्क का एक मिनिस्टर है जो पागल है और उसने कहा कि पाकिस्तान जीता तो इस्लाम की जीत हो गई. अरे इस्लाम को क्रिकेट मैच से क्या करना है और अल्लाह का शुक्र है कि हमारे बुजुर्ग वहां नहीं गए क्योंकि हमें इन पागलों को बर्दाश्त करना पड़ता है. पाकिस्तान में तुम मलेरिया की दवा नहीं बना सकते हो, एक मोटरसाइकिल का टायर नहीं बना सकते हो इसीलिए भारत से पंगा मत लो. यह हमारे घर का मामला है, हम अपने घर में तय कर लेंगे. ना हमारा पाकिस्तान से कभी मतलब रहा है ना कभी रहेगा
मोहम्मद शमी का बचाव
अपने संबोधन में ओवैसी ने इस बात पर दुख जाहिर किया कि भारत की हार के बाद मोहम्मद शमी पर हार का ठीकरा फोड़ दिया गया. उन्होंने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि मजलिस फिरकापरस्त ताकत है. पाकिस्तान और इंडिया का क्रिकेट मैच हुआ और हमने तो नहीं कहा मोदी जी की मैच खेलो. हमने तो कहा था कि पाकिस्तान से मैच मत खेलो. लेकिन मैच हुआ और जब हिंदुस्तान मैच हार गया तो किस पर इल्जाम लगाया गया मैच को हराने का, 11 की टीम थी तो फिरका परस्ती बढ़ाने के लिए शमी पर जिम्मेदारी डाली गई.
अजीत सिंह के बहाने बड़ा संदेश
रैली में एक वक्त ऐसा भी आ गया जब ओवैसी ने जाट नेता अजीत सिंह पर तंज कसा. उन्होंने अजीत के बहाने मुसलमानों से सपा-बसपा को छोड़ने की अपील कर दी. उनके मुताबिक जब लोकसभा चुनाव में 90 प्रतिशत जाटों ने बीजेपी को वोट दिया, तो फिर मुसलमान क्यों उनका पीछा नहीं छोड़ते. उन्होंने बोला कि भारत की राजनीति की हकीकत है कि जिसकी लाठी उसी की भैंस है. लोकसभा चुनावों में 90 फ़ीसदी जाट भाइयों ने बीजेपी को वोट दिया, क्या मुसलमानों ने बीजेपी को वोट दिया तो अजीत सिंह को जाटों ने ही हराया. जाटों ने अपनों को छोड़ दिया, तुम कब तक उनके पीछे पड़े रहोगे. क्या उत्तर प्रदेश के मुसलमान उस रिवायती सियासत को छोड़ेंगे कि नहीं छोड़ेंगे. हम कब तक अपना खून बहाते रहेंगे, कब तक ख्वाबों को चकनाचूर करते रहेंगे, कब तक दिल की ख्वाहिश को सियासी पार्टियों के नेताओं के कदमों में बिछाते रहेंगे.
ओवैसी ने तल्ख अंदाज में कहा कि अब सपा-बसपा की गुलामी करने की जरूरत नहीं है. बीजेपी को जरूर हराना है, लेकिन इसके लिए किसी पार्टी के आगे झुकने की जरूरत नहीं. AIMIM चीफ की माने तो अब सिर्फ उसे वोट जाना चाहिए जो मुस्लिम के बच्चों को स्कूल भेजे, जो उनके लिए कॉलेज बनाए, जो उनकी आवाज को बुलंद करे.
योगी को दिखाया आईना
AIMIM चीफ के निशाने पर सीएम योगी आदित्यनाथ भी आए क्योंकि हाल ही में मुख्यमंत्री ने कहा था कि उनकी सरकार ने मुजफ्फरनगर का काफी विकास किया है. अब ओवैसी कहते हैं कि बाबा लंबी-लंबी छोड़ते हैं कि हम किसी मजहब के साथ अन्याय नहीं करते. मुजफ्फरनगर में जहां पर तकरीबन 40 फ़ीसदी मुसलमानों की आबादी है, यह उन 40 फ़ीसदी लोगों के लिए सिर्फ चार कम्युनिटी हेल्थ सेंटर हैं. मुजफ्फरनगर का फसाद हुआ तो इसी योगी ने 70 मामलों को वापस ले लिया.