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UP Election: अखिलेश यादव से मिले भीम आर्मी के चंद्रशेखर आजाद, गठबंधन पर चर्चा

उत्तर प्रदेश चुनाव में समाजवादी पार्टी और भीम आर्मी भी साथ आ सकती हैं. भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के दफ्तर पहुंचकर अखिलेश यादव से मिले हैं.

भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद
समर्थ श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 14 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 7:50 PM IST
  • चंद्रशेखर आजाद और अखिलेश में गठबंधन और सीट शेयरिंग पर बात
  • सपा ने कई अन्य छोटे दलों से भी गठबंधन किया है

UP Election 2022: उत्तर प्रदेश चुनाव में समाजवादी पार्टी और भीम आर्मी (bhim army) भी साथ आ सकती हैं. भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के दफ्तर पहुंचकर अखिलेश यादव से मिले हैं. सूत्रों के मुताबिक, भीम आर्मी और समाजवादी पार्टी में गठबंधन और सीट बंटवारे को लेकर पिछले कुछ दिनों से बातचीत चल रही है. चंद्रशेखर गुरुवार को भी सपा दफ्तर पहुंचे थे.

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चंद्रशेखर आजाद ने पहले ही कहा था कि उनकी पार्टी ने तय किया है कि गठबंधन के साथ 2022 चुनाव में जाना चाहिए. 

यह भी पढ़ें - सपा-RLD के गठबंधन में दलबदलुओं को मिली जगह, एक दिन पहले आए अवतार भड़ाना को जेवर से टिकट

दूसरी तरफ अखिलेश यादव पहले ही कह चुके हैं कि वह छोटे दलों को मिलाकर यूपी चुनाव में बीजेपी को चुनौती देंगे. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट),राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी),अपना दल (कमेरावादी), प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया), महान दल, टीएमसी से भी समाजवादी पार्टी का गठबंधन है.

सपा बना लेगी दलित-मुस्लिम-जाट का मजबूत कॉम्बिनेशन

जयंत चौधरी के बाद अगर चंद्रशेखर भी अखिलेश यादव के साथ हाथ मिला लेते हैं तो पश्चिमी यूपी में दलित-मुस्लिम-जाट का मजबूत कॉम्बिनेशन सपा गठबंधन का बन सकता है. पूरे उत्तर प्रदेश में जाट भले ही 4 फीसदी है, लेकिन पश्चिमी यूपी में 20 फीसदी के करीब हैं. वहीं, मुस्लिम 30 से 40 फीसदी के बीच हैं और दलित समुदाय भी 25 फीसदी के ऊपर है.

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मायावती और चंद्रशेखर आजाद दलित समुदाय की एक ही जाति से आते हैं और एक ही क्षेत्र से हैं. दोनों जाटव समाज से संबंध रखते हैं. इस लिहाज से पश्चिमी यूपी में अगर सपा अपने साथ चंद्रशेखर मिलाती है तो गठबंधन में दलित समाज की भागेदारी बढ़ेगी. चंद्रशेखर के जरिए दलितों का भले ही पूरा वोट गठबंधन के साथ न आए, लेकिन हर सीट पर चार से पांच हजार वोट जरूर मिल सकता है. यह वोट सपा के लिए पश्चिमी यूपी में गेमचेंजर हो सकता है.

बता दें कि यूपी में कुल 403 सीटें हैं. यहां सात चरणों में मतदान होना है. इन चरणों के तहत 10 फरवरी, 14 फरवरी, 20 फरवरी, 23 फरवरी, 27 फरवरी, 3 मार्च और 7 मार्च को मतदान होगा. नतीजे 10 मार्च को बाकी राज्य (पंजाब, मणिपुर, उत्तराखंड और गोवा) के साथ आएंगे.

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