
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की सियासी तापिश जैसे-जैसे बढ़ रही है, वैसे-वैसे बीजेपी की राजनीतिक चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं. पूर्वांचल में बीजेपी को मात देने के लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ओमप्रकाश राजभर और संजय चौहान को साथ मिलाकर जातीय बिसात बिछाई तो सीएम योगी और पीएम मोदी ने अपने दुर्ग के सियासी समीकरण को दुरुस्त करने के लिए बड़ा दांव चल दिया है.
बीजेपी यूपी चुनाव से पहले विकास के नाम पर बड़े प्रोजेक्ट को महापुरुषों और देवी-देवताओं का नाम देकर समाज के हर वर्ग में पैठ बनाने में जुट गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सिद्धार्थनगर से सूबे को 9 मेडिकल कॉलेज की सौगात दी, जिसके जरिए बीजेपी ने सियासी और जातीय समीकरण बिठाने की कवायद की है. इन मेडिकल कॉलेज को महापुरुषों और देवी-देवताओं के नाम पर रखा गया है, जिससे पूर्वांचल से अवध और बृज के क्षेत्र की विधानसभा सीटों को साधने का दांव चला है.
पूर्वांचल में ब्राह्मणों को साधने का दांव
पूर्वांचल की सियासत में ब्राह्मण वोटर काफी अहम माने जाते हैं. बीजेपी के पहले प्रदेश अध्यक्ष रहे माधव प्रसाद त्रिपाठी के नाम पर योगी सरकार ने सिद्धार्थनगर के मेडिकल कॉलेज का नाम रखा है, जिसका पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को उद्घाटन किया. पूर्वांचल में माधव प्रसाद त्रिपाठी की ब्राह्मणों के बीच बड़ी अहमियत मानी जाती है. आरएसएस प्रचारक से लेकर जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में रहे माधव बाबू 1980 में बीजेपी के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष बने थे.
मेडिकल कॉलेज स्थापित करके बीजेपी सरकार ने पूर्वांचल के तराई के इस क्षेत्र को तमाम बीमारियों से लड़ने के लिए सक्षम तो बनाया ही, इसके साथ ही साथ मेडिकल कॉलेज को माधव प्रसाद त्रिपाठी के नाम पर रखकर पूर्वांचल के सभी ब्राह्मण समुदाय के बीच बड़ा संदेश दिया है.
देवरहा बाबा के नाम पर मेडिकल कॉलेज
बीजेपी ने इसके साथ ही साथ पूर्वांचल में देवरिया मेडिकल कॉलेज की सौगात दी, जिसका नाम महर्षि देवरहा बाबा के नाम पर रखा गया. सहज, सरल और सादा जीवन जीने वाले बाबा देवरहा का देवरिया के आसपास इलाके में काफी अहमियत और सम्मान है. आपातकाल के बाद हुए चुनाव में इंदिरा गांधी हार गईं थी, जिसके बाद कहते हैं कि वो भी देवरहा बाबा से आशीर्वाद लेने गईं. ऐसे में योगी सरकार ने महर्षि देवरहा बाबा के नाम पर देवरिया मेडिकल कॉलेज रखकर पूर्वांचल को बड़ा संदेश दिया है.
सोनेलाल पटेल के बहाने कुर्मी समाज को संदेश
बीजेपी ने गाजीपुर मेडिकल कॉलेज का नाम महर्षि विश्वामित्र के नाम पर रखा है तो मिर्जापुर मेडिकल कॉलेज का नाम मां विंध्यवासिनी के नाम किया गया है. प्रतापगढ़ मेडिकल कॉलेज का नाम अपना दल के संस्थापक डा. सोनेलाल पटेल के नाम तो जौनपुर मेडिकल कॉलेज का नाम जनसंघ के संस्थापक सदस्य पूर्व मंत्री उमानाथ सिंह के नाम से रखा गया है. बीजेपी ने जिस तरह से सोनलाल पटेल के जरिए कुर्मी समुदाय को संदेश दिया है तो उमानाथ सिंह के बहाने राजपूत वोटरों को साधे रखने का दांव चला है.
कुर्मी समाज यूपी में ओबीसी में यादव के बाद दूसरी सबसे बड़ी जाति है, जो पूर्वांचल से लेकर बुंदेलखंड, रुहेलखंड और बृज के इलाके में काफी अहम माने जाते हैं. मौजूदा समय में बीजेपी के परंपरागत वोटर हैं, जिन्हें साधने के लिए मोदी ने अपना दल (एस) की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल को अपनी कैबिनेट में भी शामिल किया था. वहीं, मिर्जापुर मेडिकल कॉलेज का नाम जिस तरह मां विंध्यवासिनी के नाम पर है, जो यूपी ही नहीं बल्कि देश भर में धार्मिक आस्था का बड़ा केंद्र माना जाता है.
बीजेपी की लोध समुदाय पर खास नजर
वहीं, पीएम मोदी ने सिद्धार्थनगर से एटा मेडिकल कॉलेज का भी उद्घाटन किया है, जिसे वीरांगना अवंतीबाई लोधी के नाम पर रखा गया है. साथ ही फतेहपुर मेडिकल कॉलेज का नाम अमर शहीद जोधा सिंह आदित्य ठाकुर दरियांव सिंह के नाम पर रखा गया है. एटा मेडिकल कॉलेज का नाम वीरांगना अवंतीबाई लोधी के नाम पर रख बीजेपी ओबीसी के लोध समुदाय को बड़ा संदेश दिया है. लोध समाज बीजेपी का हार्डकोर वोटर माने जाते हैं, जिन्हें साधे रखने के लिए योगी सरकार ने बड़ा दांव चला है.
वहीं, फतेहपुर में योगी सरकार ने मेडिकल कॉलेज बनवाकर अवध के इलाके के पिछड़े जिले के साथ-साथ बुंदेलखेड को साधने की कवायद की है. इसके अलावा सरकार ने अवध क्षेत्र के हरदोई में भी मेडिकल कॉलेज स्थापित किया है, जिसका उद्घाटन पीएम मोदी ने सिद्धार्थनगर से वर्चुअली किया है. इसके पहले राज्य सरकार ने अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर विश्वविद्यालय का शिलान्यास कर पश्चिम यूपी के जाट समुदाय को बड़ा सियासी संदेश दिया था.