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UP चुनाव में गेमचेंजर OPS? कर्मचारी संगठनों का दावा- टूट रहा है जाति-मजहब का बंधन

UP Election OPS Movement: उत्तर प्रदेश चुनाव में पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा सबसे बड़ा बनता जा रहा है. कर्मचारी संगठनों का दावा है कि प्रदेश के सभी 13 लाख कर्मचारी OPS के पक्ष में वोट कर रहे हैं.

पोस्टल बैलेट से वोट डालते सरकारी कर्मचारी पोस्टल बैलेट से वोट डालते सरकारी कर्मचारी
विशाल कसौधन
  • लखनऊ,
  • 19 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 11:14 AM IST
  • 2013 से ही OPS को बहाल करने की हो रही है मांग
  • सपा ने किया है OPS बहाल करने का वादा

UP Election OPS Movement: लखनऊ का केके डिग्री कॉलेज, सरकारी कर्मचारियों की लाइन और पोस्टल बैलेट से वोट डालने का इंतजार. उत्तर प्रदेश में चल रहे विधानसभा चुनाव के दौरान इस बार रिकॉर्ड पोस्टल वोट डाले जा रहे हैं. इसके पीछे की वजह पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) बताई जा रही है. कर्मचारी संगठनों का दावा है कि इस बार वोट सिर्फ OPS का समर्थन करने वालों को मिलेगा.

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यूपी चुनाव में पुरानी पेंशन की बहाली की मुद्दा उन अंडर करंट में से एक है, जिसका असर पोस्टल बैलेट की बढ़ती संख्या से लगाया जा सकता है. उत्तर प्रदेश में करीब 13 लाख सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन की मांग कर रहे हैं. कर्मचारी संगठनों का कहना है कि अगर OPS लागू होता है तो 4 हजार पेंशन पाने वाले को 40 हजार तक पेंशन मिल सकता है.

कैसे शुरू हुआ OPS का आंदोलन

पुरानी पेंशन बहाली को लेकर पूरे देश में आंदोलन की शुरुआत विजय कुमार बंधु ने की. आजतक से बात करते हुए विजय कुमार बंधु ने कहा कि अटल बिहारी सरकार ने 2004 में पुरानी पेंशन स्कीम को खत्म करके नई पेंशन स्कीम लागू की थी और सभी प्रदेशों को लागू करने के लिए कहा गया था, यानी इसकी शुरुआत बीजेपी ने ही की थी.

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अपनी आपबीती बताते हुए विजय कुमार बंधु ने कहा, 'मेरी नौकरी 2005 में लगी, इस वजह से मैं पुरानी पेंशन का हकदार नहीं रहा, फिर मैंने नई पेंशन को लेकर रिसर्च शुरू किया, जिसमें कई खामियां मिलने लगी, शुरुआत में मैंने कर्मचारियों से इस बात पर बात शुरू की, लेकिन लोगों ने तवज्जो नहीं दिया.'

पुरानी पेंशन बहाली का आंदोलन चलाने वाले विजय कुमार बंधु ने कहा कि 2013 तक लोगों को सब कुछ समझ आने लगा, इसके बाद हमने कई प्रदर्शन किए, जिसमें कर्मचारियों का सहयोग मिला, 2016 में मैंने बड़ा आंदोलन शुरू किया, इसी दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात हुई तो उन्होंने पुरानी पेंशन पर बात करनी शुरू की.

अखिलेश यादव ने मान ली आधी बात, अब पूरी की बारी!

विजय कुमार बंधु की माने तो अखिलेश यादव ने पुरानी पेंशन की मांग को लेकर आधी बात मान ली थी, हमारी कोशिश थी कि पूरी तरह से पुरानी पेंशन बहाल हो जाए, लेकिन अखिलेश यादव की सरकार ही चली गई, इसके बाद बीजेपी सरकार में 2017 से 2022 के बीच पुरानी पेंशन को लेकर कोई काम नहीं हुआ.

विजय कुमार बंधु ने कहा कि हमने योगी सरकार के दौरान कई बार मांग की और आंदोलन किया, लेकिन हमारी एक भी बात नहीं सुनी गई, 2022 विधानसभा चुनाव के ऐलान से पहले समाजवादी पार्टी (सपा) ने अपने घोषणा पत्र में पुरानी पेंशन बहाली का ऐलान कर दिया, इसके बाद से यूपी सरकार ने कई बार हमसे बात करने की कोशिश की.

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बीजेपी के दावों पर विजय कुमार बंधु ने कहा, '2004 में मुलायम सिंह यादव ने पुरानी पेंशन बंद की थी, अखिलेश यादव ने अगर अब बहाल करने का ऐलान किया है तो यह खुशी की बात है, अगर किसी के पिता ने गलती की तो बेटा सुधार रहा है, पीएम नरेंद्र मोदी भी पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की गलती को सुधार सकते हैं.' 

यूपी चुनाव में OPS गेमचेंजर?

ऑल टीचर्स एंड इम्पलाईज वेलफेयर एसोसिएशन (अटेवा) के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने कहा कि प्रदेश में 13 लाख कर्मचारी हैं, जो पुरानी पेंशन की मांग कर रहे हैं, हर किसी को अपने बुढ़ापे की लाठी चाहिए, यह पूरा चुनाव पुरानी पेंशन की बहाली को लेकर ही हो रहा है, हमारी मुहिम है VoteForOPS.

विजय कुमार बंधु ने कहा कि हम कर्मचारियों के बीच मतदाता जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है, हम पिछले कई महीनों से लगातार हर जिले के कर्मचारियों से मिल रहे हैं और उनको नई और पुरानी पेंशन स्कीम के बारे में अंतर को बता रहे हैं, हम कर्मचारियों से कह रहे हैं कि आप अपने भविष्य को लेकर वोट करें.

एक लाख सफाई कर्मचारियों ने शुरू किया मुहिम

सिर्फ अटेवा ही OPS को लेकर सफाई कर्मचारी संघ भी अपनी मुहिम चला रहा है. आजतक से बात करते हुए ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ के वरिष्ठ नेता रामेंद्र श्रीवास्तव ने कहा, 'पूरे प्रदेश में एक लाख के करीब सफाई कर्मचारी हैं, जिनको पुरानी पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है, हम लोगों के बीच मतदाता जागरुकता कार्यक्रम कर रहे हैं.'

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रामेंद्र श्रीवास्तव ने कहा, '2008 में सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति हुई थी, 2013 में हमें अटेवा के जरिए नई पेंशन स्कीम के नुकसान के बारे में पता चला, इसके बाद हम भी इस मुहिम से जुड़े, कई बार सरकार से पुरानी पेंशन को बहाल करने की मांग की गई, लेकिन हमारी बात नहीं सुनी गई, इस हमारा वोट उसको ही जाएगा जो OPS बहाल करेगा.'

धर्म-जाति से बड़ा है OPS का मुद्दा?

चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ के प्रधान महासचिव और राजकीय नर्सेस संघ के प्रदेश महामंत्री अशोक कुमार ने आजतक से बात करते हुए कहा, 'हमारे संगठन से तकरीबन 2 लाख कर्मचारी जुड़े हुए हैं, हम भी 2013 से पुरानी पेंशन को आंदोलन कर रहे हैं, इस बार हमने फैसला किया है कि हम उसे ही वोट देंगे जो OPS को बहाल करेगा.'

अशोक कुमार ने कहा, 'इस विधानसभा चुनान में OPS का मुद्दा धर्म-जाति के बंधन को तोड़ रहा है, हर कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर वोट कर रहा है, न केवल कर्मचारी बल्कि उनका परिवार और अगल-बगल के लोग भी मुद्दों पर वोट कर रहे हैं, हम चाहते हैं कि लोग अपने बुनियादी मुद्दों पर वोट करें.'

SP के बाद BSP ने किया OPS बहाली का ऐलान

पुरानी पेंशन की बहाली की मांग कई सालों से की जा रही थी, लेकिन यूपी में चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी (सपा) ने बड़ा दांव चलते हुए OPS बहाली का वादा कर दिया. इसका फायदा भी उससे मिलता हुआ देख बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने भी OPS बहाली करने का ऐलान किया है. हालांकि बीजेपी अभी भी OPS की बहाली को लेकर चुप्पी साधे हुए है.

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