
यूपी की राजीति में खुद को स्थापित करने की कोशिश में लगे AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की मुसीबत लगातार बढ़ती जा रही है. गुरुवार को बाराबंकी में की गई रैली उन्हें लगातार विवादों में फंसा रही है. अब उन पर और उनके इवेंट ऑर्गेनाइजर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. आरोप है कि उनकी तरफ से राष्ट्रीय ध्वज का अपमान हुआ है.
ओवैसी ने किया राष्ट्रीय ध्वज का अपमान?
आरोप लगा है कि ओवैसी की जनसभा के दौरान मंच पर तिरंगा फहराने के बजाय लपेटा गया है. इसी वजह से नगर कोतवाली क्षेत्र थाने में ओवैसी और कार्यक्रम आयोजक मंडल के खिलाफ धारा 153A, 188, 269, 270 और महामारी अधिनियम 3 के तहत केस दर्ज किय गया है. अब महामारी अधिनियम 3 के तहत भी केस इसलिए दर्ज किया गया है क्योंकि ओवैसी पर कोरोना प्रोटोकॉल तोड़ने का आरोप है. ये भी कहा गया है कि ओवैसी ने अपने भाषण के जरिए सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने का प्रयास किया.
किस वजह से केस हुए दर्ज?
बाराबंकी के एसपी ने जारी बयान में कहा था कि ओवैसी ने कल के कार्यक्रम के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया. वहीं उनकी तरफ से भड़काऊ भाषण भी दिया गया था. एक विशेष समुदाय को भड़काने के बहाने सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश थी. इसी वजह से उन पर तमाम तरह की धाराएं लगा दी गईं. ये भी जानकारी दी गई कि भाषण के दौरान ओवैसी द्वारा पीएम मोदी और सीएम योगी को लेकर आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल हुआ था. अब शुक्रवार को उसी मालमे में ओवैसी पर राष्ट्रीय ध्वज के अपमान का आरोप लग गया है. अभी तक ओवैसी की तरफ से कोई सफाई पेश नहीं की गई है, लेकिन पुलिस ने सामने आकर विस्तार से सबकुछ समझा दिया है.
ओवैसी के विवादित बयान
ऐसे में AIMIM अध्यक्ष का चुनावी प्रचार ही विवादास्पद बन चुका है. अयोध्या पर बयान देना हो या फिर मुस्लिमों से सीधे वोट की अपील करना, कई मौकों पर वे निशाने पर आए हैं. हाल ही में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने स्पष्ट कर दिया था कि यूपी के 19 प्रतिशत मुस्लिमों को एक तरफ आना होगा. उनका इशारा साफ था कि मुस्लिम समाज उनकी पार्टी को एकतरफा वोट दे जिससे आने वाले चुनाव में उन्हें कुछ फायदा हो सके.
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