
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां अपने चरम पर हैं. पहले चरण का मतदान संपन्न हो चुका है और तमाम राजनीतिक दलों का फोकस अब दूसरे चरण के मतदान पर है, जो 14 फरवरी को होना है. दूसरे चरण में 9 जिलों के कुल 55 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होगा. लेकिन इस दूसरे चरण के मतदान में उत्तर प्रदेश के कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है.
एक तरफ जहां योगी सरकार में मंत्री सुरेश खन्ना, गुलाबो देवी और बलदेव सिंह औलख चुनाव मैदान में हैं.वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान, पूर्व मंत्री धर्मपाल सिंह सैनी, कमाल अख्तर और महबूब अली जैसे कद्दावर नेता हैं. जिन के भाग्य का फैसला 14 तारीख को होना है.
दूसरे चरण के चुनाव मे नौ जिलों सहारनपुर, बिजनौर, मुरादाबाद, संभल, रामपुर, अमरोहा, बदायूं, बरेली और शाहजहांपुर की 55 विधानसभाओं में होने वाले मतदान मे कुल 586 उम्मीदवार मैदान में हैं. जिसमें सबसे अधिक 15-15 उम्मीदवार कांठ, बरेली कैंट और शाहजहांपुर में है. खास बात यह है कि दूसरे चरण के चुनाव में किसी विधानसभा सीट पर 15 से ज्यादा उम्मीदवार नहीं है. लिहाजा इन सभी विधानसभाओं में सिर्फ एक ईवीएम इस्तेमाल में लाई जाएगी.बताते चलें कि एक ईवीएम में 16 उम्मीदवारों के नाम शामिल किए जा सकते हैं.
दूसरे चरण में 8 विधानसभा सीटें आरक्षित श्रेणी में हैं. 2017 में हुए विधानसभा चुनाव के परिणामों की बात करें तो इनमें से 7 सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी.जबकि एक सीट सपा के खाते में गई थी. इस चरण में 8 ऐसी भी सीटें हैं जिस पर 2017 में मामूली मतों के अंतर से हार जीत का फैसला हुआ था जिसमें 5 सीटें भाजपा के खाते में गई थी और 3 सीटों पर सपा ने जीत हासिल की थी.
आइए जानते हैं कि दूसरे चरण के चुनाव में किन-किन दिग्गजों की साख दांव पर लगी हुई है.
शाहजहांपुर मे मंत्री सुरेश खन्ना की प्रतिष्ठा दांव पर!
2022 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा और रालोद- समाजवादी पार्टी का गठबंधन आमने-सामने है.शाहजहांपुर की सदर सीट से संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना चुनाव मैदान में है. जिनकी टक्कर समाजवादी पार्टी के तनवीर खान से है. बहुजन समाज पार्टी ने इस सीट पर सर्वेश चंद्र को अपना प्रत्याशी बनाया है. 2017 के चुनाव में सुरेश खन्ना ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार को 16 हजार से ज्यादा मतों से पराजित किया था.
क्या जेल में बंद आजम खान जारी रख पाएंगे जीत का सिलसिला!
इसी तरह रामपुर सदर सीट से समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आजम खान चुनाव मैदान में हैं जो सीतापुर जेल में बंद हैं और जेल से चुनाव लड़ रहे हैं. इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने आजम खान के सामने आकाश सक्सेना को अपना प्रत्याशी बनाया है वही बहुजन समाज पार्टी ने शंकर लाल सैनी को मैदान में उतारा है. माना जा रहा है कि इस बार आजम खान की राह आसान नहीं है.
भाजपा छोड़ सपा में आए धर्म सिंह सैनी को क्या मिलेगी जीत!
भाजपा सरकार में मंत्री रहे धर्म सिंह सैनी पार्टी छोड़ने के बाद सपा के टिकट पर सहारनपुर के नकुल विधानसभा से चुनाव मैदान में हैं.यहां पर उनका सामना भाजपा के मुकेश चौधरी से है. माना जा रहा है कि इस सीट पर भी कड़ी टक्कर होने वाली है.
आंवला से धर्मपाल सिंह चुनाव मैदान में
इसी तरह आंवला विधानसभा सीट पर भाजपा सरकार में मंत्री रहे धर्मपाल सिंह चुनाव मैदान में हैं. धर्मपाल सिंह का सामना समाजवादी पार्टी के राधाकृष्ण शर्मा, बहुजन समाज पार्टी के लक्ष्मण प्रसाद, और कांग्रेस के ओमवीर यादव से है. जिसकी वजह से यह सीट भी हॉट सीट में बदल गई है और धर्मपाल सिंह की राह आसान दिखाई नहीं दे रही है.
क्या सपा के महबूब अली की राह आसान होंगी!
अमरोहा सीट की बात करें तो यहां पर समाजवादी पार्टी ने पूर्व मंत्री महबूब अली को एक बार फिर अपना प्रत्याशी बनाया है. जबकि भारतीय जनता पार्टी ने राम सिंह सैनी को मैदान में उतारा है. इस सीट पर बहुजन समाज पार्टी से नावेद चुनाव मैदान में है. माना जा रहा है कि यहां पर त्रिकोणात्मक लड़ाई होगी.जिसकी वजह से महबूब अली के जीत की राह आसान नहीं दिखाई दे रही है.
क्या बलदेव सिंह औलख फिर जीत पाएंगे?
बिलासपुर विधानसभा से योगी सरकार से एकमात्र सिक्ख मंत्री बलदेव सिंह औलख चुनाव मैदान में हैं. 2017 में इन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी को हराकर जीत हासिल की थी. इस सीट पर बलदेव सिंह औलख के सामने समाजवादी पार्टी के अमरजीत सिंह, बहुजन समाज पार्टी के रामअवतार कश्यप और कांग्रेस के संजय कपूर चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं. माना जा रहा है कि 2022 का चुनाव बलदेव सिंह औलख के लिए आसान साबित नहीं होने वाला है.
संभल में गुलाबो देवी मैदान में
संभल से चंदौसी सीट से योगी सरकार में मंत्री गुलाबो देवी एक बार फिर चुनाव मैदान में हैं जिनकी टक्कर कांग्रेस के मिथिलेश,समाजवादी पार्टी के विमलेश और बहुजन समाज पार्टी के रणविजय सिंह के साथ है.