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UP: योगी के खिलाफ चुनाव, अखिलेश के विरुद्ध प्रचार, 26 साल से धरने पर बैठे पूर्व शिक्षक का ऐलान

विजय सिंह पेशे से एक शिक्षक थे. उन्होंने एक दिन एक बच्चे को अपनी मां से रोटी मांगते देखा. इस घटना से वे इतने व्यथित हुए कि उनकी जिंदगी बदल गई. अब वे अपनी लड़ाई को चुनाव के मैदान में ले जा रहे हैं.

26 साल से धरने पर हैं एक शिक्षक (फोटो- इंडिया टुडे) 26 साल से धरने पर हैं एक शिक्षक (फोटो- इंडिया टुडे)
प्रभाष के दत्ता
  • नई दिल्ली,
  • 05 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 2:58 PM IST
  • 26 साल से इंसाफ की मुहिम
  • योगी के खिलाफ लड़ेंगे चुनाव
  • सरकारी जमीन को मुक्त कराने की कोशिश

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 की सरगर्मी शिखर पर है. इस चुनाव में एक शख्स ऐसा है जिसने अकेले ही उत्तर प्रदेश के दो VVIP को चुनौती देने की ठान ली है. यूपी विधानसभा चुनाव में इस बार एक व्यक्ति सीएम योगी आदित्यनाथ और पूर्व सीएम अखिलेश यादव को चुनौती देने जा रहा है. उत्तर प्रदेश के एक पूर्व स्कूल शिक्षक विजय सिंह ने कहा है कि वह इस बार गोरखपुर शहरी सीट से योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे और करहल विधानसभा क्षेत्र में अखिलेश यादव के खिलाफ प्रचार करेंगे. 

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कौन हैं विजय सिंह? क्यों सीएम योगी के खिलाफ उनकी दावेदारी मायने रखती है? दरअसल विजय सिंह एक भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता हैं, जो मुजफ्फरनगर में पिछले 26 साल से धरने पर बैठे हैं और भू माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि भू माफियाओं ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हजारों एकड़ जमीन पर कब्जा कर लिया है. 

9 फरवरी को पर्चा दाखिल करेंगे विजय सिंह

विजय सिंह ने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा, "हां, मैंने घोषणा की है कि मैं विधानसभा चुनाव लड़ूंगा. मैं 9 फरवरी को गोरखपुर शहरी सीट के लिए नामांकन दाखिल करूंगा." बता दें कि 11 फरवरी गोरखपुर शहरी सीट के लिए नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख है, जहां 3 मार्च को मतदान होना है. इसी सीट से सीएम योगी आदित्यनाथ चुनाव लड़ रहे हैं उन्होंने शुक्रवार को पर्चा दाखिल किया.  

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विजय सिंह ने कहा कि, "मैं लोगों को जागरूक करने के लिए चुनाव लड़ रहा हूं कि पिछले 26 वर्षों में उत्तर प्रदेश पर शासन करने वाली कोई भी पार्टी भ्रष्टाचार से लड़ने और भू-माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने के मसले पर गंभीर नहीं है."

26 साल में जवान से बुजुर्ग हो गए विजय सिंह (फोटो- आजतक)

'सबसे सस्ता चुनाव' लड़ने की तैयारी

विजय सिंह ने कहा कि वे सभी पांच राज्यों में 'सबसे सस्ता चुनाव' लड़ेंगे. उन्होंने बताया कि वे भ्रष्टाचार से लड़ने में राजनीतिक दलों और बाद की सरकारों की अनिच्छा को लोगों के सामने लाएंगे. इसके लिए वे पर्चे तैयार कर रहे हैं. 

मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान और भूगोल की पढ़ाई करने वाले स्नातक विजय सिंह ने कहा कि उनका जीवन 1990 के दशक के मध्य में एक दिन बदल गया जब वह घर से स्कूल जा रहे थे. 

जब रोटी के लिए बच्चे को तड़पते देखा...

बीएड की डिग्री लेने वाले विजय सिंह ने 25 साल से ज्यादा पुरानी घटना को याद करते हुए कहा, "मैंने एक बच्चे को रोते हुए और अपनी मां से एक रोटी मांगते देखा. वह उसे खाना नहीं दे सकती थी. मुझे यह देखकर दुख हुआ कि हजारों बीघा ग्राम सभा की जमीन मेरे गांव और उसके आसपास शक्तिशाली नेताओं ने कब्जा कर लिया था. 

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CM योगी से मिलना चाह रहे थे

इस घटना के बाद विजय सिंह जनवरी 1996 में मुजफ्फरनगर कलेक्ट्रेट के पास धरने पर बैठे थे. उन्होंने जिला अधिकारियों, राजस्व कोर्ट और मुख्यमंत्रियों को भी याचिका दी है. योगी आदित्यनाथ से भी वह मिलना चाह रहे थे, लेकिन उन्हें मुख्यमंत्री से मिलने नहीं दिया गया हां अधिकारियों ने उनके कागजात स्वीकार कर लिए. विजय सिंह कहते हैं कि "लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है, मुझे चुनाव का रास्ता अपनाने के लिए मजबूर किया."

सात लाख बीघा जमीन पर भू माफियाओं का कब्जा

जमीन पर भू माफिया के कब्जे की कहानी समझाते हुए विजय सिंह ने कहा कि ये गरीब और भूमिहीन लोगों द्वारा खेती के लिए बनाई गई सरकारी जमीनें हैं लेकिन सत्ताधारी दलों और भू-माफियाओं की मिलीभगत से गरीबों को उनके अधिकार और भोजन से वंचित कर दिया जाता है. अकेले मुजफ्फरनगर और शामली में ऐसी करीब सात लाख बीघा जमीन पर भू माफियाओं का कब्जा है. 

विजय सिंह ने कहा कि वे अखिलेश यादव का भी समर्थन नहीं कर सकते हैं.  मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने भू-माफियाओं के खिलाफ कुछ नहीं किया, उनके खिलाफ भी प्रचार करूंगा. विजय सिंह ने कहा, "मैं करहल जाऊंगा और प्रचार करूंगा. मैं लोगों को अखिलेश यादव के खिलाफ वोट करने के लिए बताने वाले पर्चे बांटूंगा. 

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परिवार भी है धरने के खिलाफ

लगभग 60 वर्ष के हो चुके विजय सिंह ने कहा कि उनकी दो बेटियां हैं, दोनों की शादी हो चुकी है, और एक बेटा भी है जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश की एक चीनी मिल में जूनियर इंजीनियर है. उन्होंने कहा कि मेरा परिवार मेरा समर्थन नहीं करता है. वे मेरे धरने के खिलाफ हैं. यह उनके लिए बहुत लंबा रहा है. विजय सिंह ने कहा कि वे अपना संघर्ष जारी रखेंगे. 


 

 

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