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UP Election: जयंत संग जोड़ी को क्या नाम देंगे? अखिलेश बोले-ये दोनों किसान के बेटे हैं

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि वे और जयंत चौधरी दोनों किसान के बेटे हैं, ऐसे में वे किसानों के हित के लिए लगातार काम करने वाले हैं. दावा कर दिया गया है कि इस चुनाव में ऐतिहासिक जीत मिलने वाली है.

अखिलेश यादव और जयंत चौधरी की सयुंक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस अखिलेश यादव और जयंत चौधरी की सयुंक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 28 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 5:23 PM IST
  • अखिलेश का किसानों को वादा- काले कानून लागू नहीं होंगे
  • जयंत चौधरी बोले- बीजेपी समाज को बांटने का काम कर रही

उत्तर प्रदेश के चुनाव के लिए जयंत चौधरी की पार्टी संग गठबंधन करने वाले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आज सभी दलों और जनता को बड़ा सियासी संदेश दिया. उन्होंने कह दिया कि उनका ये गठबंधन किसानों के हित वाला गठबंधन है. उनकी माने तो इस बार दो किसान के बेटे साथ आए हैं, ऐसे में बीजेपी का सफाया होना तय है.

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अखिलेश की माने तो अगर उनकी सरकार यूपी में बन जाती है तो कभी भी काले कानूनों को राज्य में लागू नहीं होने दिया जाएगा. उन्होंने जोर देकर कहा कि गन्ना किसानों को भुगतान के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा, सिंचाई के लिए मुफ्त सुविधा दी जाएगी, बिजली की व्यवस्था दुरुस्त की जाएगी और सभी के विकास पर ध्यान रहेगा. उनकी माने तो ये वाला चुनाव किसानों का भविष्य तय करेगा, युवाओं का भविष्य तय करेगा और विकास नई लकीर खींचने का काम करेगा.

प्रेस कॉन्फ्रेंस में जयंत चौधरी ने भी बीजेपी पर निशाना साधा. उनके मुताबिक पश्चिमी यूपी सिर्फ जाटों की वजह से महत्व नहीं रखता है. बीजेपी वहां पर समाज के लोगों को बांटने का काम कर रही है. असल मुद्दों पर बहस नहीं है, सिर्फ 80 बनाम 20 फीसदी की बात हो रही है. जयंत ने साफ कर दिया कि वे बीजेपी और अमित शाह के ऑफर को कोई तवज्जो नहीं देते हैं.

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अब जानकारी के लिए बता दें कि कुछ दिन पहले ही अमित शाह ने जाट नेताओं संग एक अहम बैठक की थी. उस बैठक में उन्होंने कहा था कि जयंत लड़का अच्छा है लेकिन गलत घर चुन लिया है. उन्होंने ये भी संकेत दिए थे कि चुनाव के बाद कुछ भी हो सकता है. बीजेपी के दूसरे नेताओं ने भी जयंत को लेकर ऐसे ही बयान दिए थे. लेकिन आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जयंत ने साफ कर दिया कि उनकी पार्टी ने एक अहम फैसला लिया है और वे इस पर अडिग रहने वाले हैं.

अभी के लिए आरएलडी पश्चिमी यूपी पर अपना पूरा जोर लगा रही है. अखिलेश ने भी इसी वजह से पार्टी संग गठबंधन किया है. कोशिश है कि पहले दो चरणों में ही बीजेपी पर एक बढ़त बना ली जाए. अखिलेश मानकर चल रहे हैं कि इस चुनाव में सपा-आरएलडी के गठबंधन को ऐतिहासिक जीत मिलने वाली है.

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