
भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने बीजेपी को चुनावी जंग में खुली चुनौती दी है. उन्होंने गोरखपुर सदर सीट से चुनाव लड़ने का एलान किया है. इसी सीट से सीएम योगी आदित्यनाथ मैदान में हैं. इसको लेकर उन्होंने कहा- यह पार्टी का फैसला है, मैं उसका सम्मान करता हूं मैं सिर्फ पार्टी का एक कार्यकर्ता हूं और मुख्यमंत्री के खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला पार्टी का है.
उन्होंने आगे कहा कि जब से चुनाव की बात आई तब से पार्टी में यह बात चल रही थी और मैंने यह तय किया था कि मुख्यमंत्री के खिलाफ लड़ने का आवेदन पार्टी के अंदर दूंगा. इस सरकार ने रासुका लगा करके मुझे महीनों तक जेल के अंदर रखा. मेरे ऊपर 100 से ज्यादा मुकदमे लगाए. हमारे कई सारे कार्यकर्ताओं को पीटा गया. हाथरस जैसी घटना हुई जिसमें हमारी बहन को आग लगा दिया गया.
आजाद ने कहा- जितना दमन इस सरकार में दलितों का हो सकता था वह हुआ, इसीलिए अब उन्हें सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है और तभी मैं चाहता था कि मुख्यमंत्री के खिलाफ चुनाव लड़ सकूं. एक बड़ी पार्टी से गठबंधन करने का अनुभव कड़वा रहा तभी हमने तय किया कि हम अपनी लड़ाई खुद लड़ेंगे. बड़ी समंदर में जाकर के खो जाने से अच्छा है कि खुद लड़ाई लड़ें यह लड़ाई बहुजन समाज की है और युवाओं की है और यह लड़ाई स्थापित दलों और ऐसे लोगों के बीच की लड़ाई है जो सड़कों पर खड़े रहते हैं.
आजाद ने कहा यह जो चुनाव लड़ रहे हैं इनमें से कोई भी लोगों के बीच नहीं जाएगा. अगर हारेंगे तो कहेंगे ईवीएम के वजह से चुनाव हार गए. इनके मेनिफेस्टो में आम जनता के हित में कोई भी लाइन नहीं है और इसीलिए हमने अपना मेनिफेस्टो जारी किया है और उसको घोषित करके हम मैदान में लड़ाई लड़ेंगे और छोटे-छोटे दलों को इकट्ठा करके हम लड़ाई लड़ेंगे.
भीम आर्मी प्रमुख ने कहा कि कांशी राम जी जिनको हम नेता मानते हैं वह कहते थे कि पहला चुनाव हारने के लिए दूसरा हराने के लिए और तीसरा जीतने के लिए. जब हम बुलंदशहर में चुनाव लड़े तो हम तीसरे नंबर पर थे और स्थापित सदस्य चौथे और पांचवे नंबर पर थे और जो हमने किया वह हमने अपनी मेहनत से किया.लोग हमें वोट देना चाहते हैं और उनकी मंशा यही है कि वह अपना वोट अपने भाई को दें. अकेले लड़कर हम यह साबित करना चाहते हैं कि जो काम हमने किया है उसमें जनता को कितना समर्थन है.
आजाद ने कहा कि एक पार्टी के साथ हमारा गठबंधन का कड़वा अनुभव रहा है इसीलिए हमने किसी और पार्टी से बात ही नहीं की, तो कोर कमेटी ने यही डिसाइड किया कि हम अकेले चुनाव लड़ेंगे.