Advertisement

UP Election: पाकिस्तान का वीडियो शेयर कर बताई गई यूपी की घटना...चुनाव में फेक न्यूज बनी पुलिस के लिए चुनौती

आचार संहिता लागू होने के बाद सोशल मीडिया पर फेक न्यूज के 800 से अधिक मामले सोशल मीडिया पर सामने आ चुके है. इनमें 150 से अधिक मामलों में पुलिस को एफआईआर तक दर्ज करनी पड़ी है.

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो
संतोष शर्मा
  • लखनऊ,
  • 03 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 3:42 PM IST
  • सोशल मीडिया पर फेक न्यूज के 800 से अधिक मामले मिले
  • पुलिस ने 150 केस दर्ज किए

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव इस बार कई मामलों में अलग है. कोरोना के चलते सोशल मीडिया प्रचार का मुख्य माध्यम बन गया है. पार्टियां सोशल मीडिया के जरिए वोटरों को लुभावने की पूरी कोशिश कर रही हैं. लेकिन इस दौरान उत्तर प्रदेश पुलिस की चुनौती काफी बढ़ गई है. दरअसल, सोशल मीडिया पर चुनाव प्रचार की आड़ में फेक न्यूज जमकर फैलाई जा रही है. 

Advertisement

आचार संहिता लागू होने के बाद सोशल मीडिया पर फेक न्यूज के 800 से अधिक मामले सोशल मीडिया पर सामने आ चुके है. इनमें 150 से अधिक मामलों में पुलिस को एफआईआर तक दर्ज करनी पड़ी है. 

पुराने वीडियो किए जा रहे वायरल

एटा के 2 साल पुराने वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है. इसमें एक बच्चे को पुलिस अधिकारी मारता हुआ दिख रहा है. इस वीडियो को ताजा वीडियो बता कर यूपी पुलिस की कार्यप्रणाली और  प्रदेश सरकार पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. जब यूपी पुलिस ने वायरल हो रहे वीडियो की जांच की तो मामला 2 साल पुराना निकला. पुलिस ने अपने UP Police Fact Check के हैंडल से सोशल मीडिया पर इसे शेयर भी किया. 

इसी तरह से 19 जनवरी 2022 को गोरखपुर में एक युवती पर एसिड अटैक की घटना ट्वीट की गई. यूपी पुलिस की सोशल मीडिया मॉनिटरिंग टीम ने जब इस वीडियो की जांच की तो वीडियो पाकिस्तान का निकला. 

Advertisement

यह 2 मामले बताते हैं कि कैसे सोशल मीडिया के जरिए अफवाह और कानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है. उत्तर प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लगने के बाद से सोशल मीडिया पर इस तरह की अफवाहों वाले ट्वीट और वीडियो तेजी से वायरल हो रही हैं.

40 से ज्यादा पुलिसकर्मी किए गए तैनात

डीजीपी मुख्यालय ने सोशल मीडिया पर चुनावी माहौल बिगाड़ने वालों से निपटने के लिए 10 पुलिसकर्मियों से सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल की शुरुआत की. लेकिन लगातार बढ़ती शिकायतों को देखते हुए आज इस सेल में 40 से ज्यादा पुलिसकर्मी सोशल मीडिया के हर प्लेटफार्म पर नजर रखने के लिए तैनात किए गए हैं. सोशल मीडिया के हर प्लेटफार्म के लिए अलग डेस्क बनाई गई है. यूपी पुलिस ने जनता से भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही किसी तस्वीर, वीडियो की सत्यता परखने के लिए @uppolicefact check के ट्विटर हैंडल का इस्तेमाल करने की सलाह दी है. 
 
डीजीपी मुख्यालय की तरफ से 10 जनवरी 2022 से 31 जनवरी 2022 यानी 21 दिनों में पुलिस को मिली ऐसी शिकायतों के आंकड़ों की बात करें तो कुल 773 शिकायतें मिली हैं. इनमें से टि्वटर पर 728, फेसबुक पर 5, व्हाट्सएप पर 32 और अन्य प्लेटफार्म पर 08 शिकायतें मिली. इन शिकायतों में 165 एफआईआर दर्ज हुई. 471 मामले की जांच की जा रही है. 120 शिकायतों को निस्तारित किया जा चुका है. 

Advertisement

इस मामले में उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की कमान संभाल रहे एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार का कहना है कि माहौल खराब करने की नियत से लगातार कोशिशें की जा रही हैं. पाकिस्तान के वीडियो को गोरखपुर का वीडियो बताकर वायरल किया जा रहा है. लगातार मॉनिटरिंग हो रही है. फैक्ट उसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर डाले जाते हैं जिस पर गलत वीडियो वायरल हो रहा है. 

वहीं इस मामले में डीजीपी मुकुल गोयल ने सभी जिलों के पुलिस अफसरों को सोशल मीडिया पर नजर रखने का निर्देश पहले ही दे दिया है. डीजीपी मुकुल गोयल कहते हैं कि सोशल मीडिया के पहुंच की वजह से राजनीतिक दल इसका इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन इसकी आड़ में तमाम लोग माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं. हर जिले की सोशल मीडिया सेल को सक्रिय कर दिया गया है. 


 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement