
उत्तरप्रदेश के फतेहपुर में पीएम नरेंद्र मोदी ने संबोधन की शुरुआत कुशीनगर हादसे पर दुख जताते हुए की. पीएम ने कहा कि मैं पंजाब से आ रहा हूं. मुझे पंजाब में बहुत साल तक काम करने का अवसर मिला है. इस बार पंजाब का मिजाज देखा है. पंजाब के लोगों का भाजपा को विजयी बनाने का जो जोश देखा है वो अद्भूत है. मुझे यूपी में भी पहले दूसरे चरण में कई स्थानों पर जाने का अवसर मिला. जैसा दो चरणों में मैंने देखा है, मैं देख रहा हूं कि हर चरण में एक से बढ़कर एक ऐसे जनता जनार्दन का समर्थन बढ़ता जा रहा है. मैं यूपी के लोगों का धन्यवाद करता हूं. मैं प्रशासन का भी शुक्रगुजार हूं.
आज यहां बांदा सहित आसपास के जिलों के हजारों साथी यहां पहुंचे हैं. झांसी, ललितपुर, हमीरपुर, महोबा, रायबरेली से भी हजारों मतदाता टेक्नॉलोजी के माध्यम से वर्चुअली जुड़े हैं. मैं दूर दूर तक देख रहा हूं, कहीं पर पैर रखने की जगह नहीं है. जहां मेरी नजर पहुंच रही है लोग ही लोग नजर आ रहे हैं. आपका ये प्यार इतनी बड़ी तादात में आप हमें आशीर्वाद देने आए, आपका धन्यवाद.
ये धरती वीर वीरांगनाओं मेहनतकश किसानों की धरती है. यहां का 52 इमली पेड़ स्वतंत्रता आंदोलन में इस क्षेत्र का जीवंत उदाहरण है. आपका उत्साह आने वाले 5 चरणों के नतीजों की झलक दिखा रहा है. सारे विवाद-वाद एक तरफ और राष्ट्रवाद एक तरफ. यूपी के लोगों ने ठान लिया है कि होली आने से पहले 10 मार्च को ही रंगों वाली होली धूम-धाम से विजय वाली होली खेलेंगे. फतेहपुर बुंदलेखंड के क्षेत्र में पराक्रम वीरता ये यहां के लोगों के नसों में है. देश का सामर्थ बढ़ता देखकर यहां के लोगों का उत्साह बढ़ जाता है. लेकिन यूपी के घोर परिवारवादी हैं, उन्हें देश का पराक्रम कभी अच्छा नहीं लगा. देश कुछ भी अच्छा करता है ये परिवारवादी सवाल उठाते हैं.
कोरोना की महामारी दो साल हो गए, पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है. पूरी मानवता को संकट में डाला हुआ है. ऐसी भयंकर महामारी के बीच हम एक-एक जीवन बचाने के लिए दो साल से दिनरात काम कर रहे हैं. कोशिश कर रहे हैं. भाजपा सरकार में आपके आशीर्वाद से हमें देश की सेवा करने का मौका मिला है. भाजपा सरकार देश को मुफ्त टीका लगा रही है. घर-घर एक एक व्यक्ति को डोज मिल जाए इसके लिए पूरी मेहनत की जा रही है.
आपसे किसी ने टीके का पैसा लिया है क्या. भारत सरकार ने आपकी चिंता की है. इतना बड़ा पवित्र काम... लेकिन ये परिवारवादी क्या बोल रहे हैं. ये तो भाजपा का टीका है. आपको टीका लगा तो किसी ने कहा कि भाजपा का टीका है. ये तो कोरोना से बचने का टीका है. यूपी के लोगों ने इनकी बात अनसुनी कर दी. कभी-कभी लगता है कि टीके से दो लोग डरते हैं, एक कोरोना और दूसरे टीकाविरोधी लोग. रिकॉर्ड वैक्सीन लगवा ली. अब इन्होंने शुरू किया है कि सरकार हमारे देश गरीब है, टीकों के पीछे इतना खर्च क्यों किया जा रहा है. आपकी जिंदगी बचाने के लिए सरकार को खर्च करना चाहिए कि नहीं.. आप बताइए.
आपलोगों ने इतना प्यार और सम्मान दिया है, मुझे आपके लिए काम करना चाहिए कि नहीं, आप बताइए. ये टीका देश के वैज्ञानिकों ने मेहनत करके तैयार किया. ये परिवारवाद वालों को टीके और मोदी और योगी से समस्या है. भाजपा की डबल इंजन की सरकार पिछले दो सालों से गरीबों को मुफ्त राशन दे रही है. दुनिया के बड़े बड़े देश अपने नागरिकों की इतनी व्यवस्था नहीं कर पाए, धनी संपन्न देश वे भी वो काम नहीं कर पाए, वो भारत ने किया है.
परिवारवादी न गरीब का भला चाहते हैं और न ही देश का: पीएम मोदी
जब गरीब के घर में राशन पहुंचता है, मेरे मन में एक ही कामना रहती थी, कोरोना का संकट भयंकर है, एक कमरे में मां बीमार हो, कोरोना की बीमारी आई हो और दूसरे कमरे से बेटा मां के पास नहीं जा सकता था. उस बीमारी में मेरे दिल में एक ही बात रहती थी कि मेरा कोई भी गरीब परिवार भूखा न रहे. लेकिन जब भारत इतना बड़ा काम कर रहा है तो ये लोग मुफ्त राशन की योजना पर सवाल खड़े कर रहे है. इसलिए आज आपके बीच मैं आया हूं. आपको जगाने आया हूं. ये लोग ऐसी बातें करेंगे, आपको गुमराह करने के लिए खेल खेलेंगे. ये गरीब का भला नहीं चाहते और न ही देश का विकास चाहते हैं.
लाल किले से मैं पहली बार पीएम बना तो कहा कि देश में माताओं, बहनों और बेटियों की पीड़ा को दूर करने के लिए शौचालय बनाने की बात कही. इन्होंने कहा कि ये शौचालय की बात कर रहा है. उन्होंने गरीबी नहीं देखी है, न माताओं बहनों को कैसी मुसीबत से गुजरना पड़ रहा है. जब शौचालय नहीं होता था तो माताओं और बेटियों को अंधेरे का इंतजार करती थी. दिन में जाने से पीड़ा सहन करती थी. इनकी पीड़ा के विषय में किसी सरकार ने सोचा क्या. वे ऐसी जगह बैठे हैं जहां से उन्हें जमीन नहीं दिखती. मैं आपके बीच से आया हूं.
आज गांव-गांव घर घर शौचालय बने हैं. यूपी की बेटियों का अभिनंदन करना चाहता हूं. यूपी की बेटियों ने कहा कि ये शौचालय नहीं, हमारी इज्जत का घर है. ये मेरा सौभाग्य है. केंद्र सरकार ने जब तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाया तो ये कानून के खिलाफ हो गए. तीन तलाक के समर्थन में खड़े हो गए. ये किस सदी में जी रहे हैं. ये कितने स्वार्थ में जुड़े हैं. जो वोट देते हैं उनका भला नहीं सोच सकते हैं. ऐसे लोगों का भरोसा किया जा सकता है.
मेरी मुस्लिम माताओं और बहनों को छोटी-छोटी बातों पर तीन तलाक दिया जाता था. वे कहां जाएंगी. उस पिता के बारे में सोचिए कि उसपर क्या गुजरती होगी. उस भाई का क्या हाल होता होगा? आप बताइए, इनकी रक्षा मुझे करनी चाहिए था कि नहीं. मैं वोट का सोचता रहूं कि देश का भी सोचूं कि नहीं. आज मुझे भारत के हर कोने में से मुस्लिम महिलाओं और बेटियों का आशीर्वाद मिल रहा है. हमारे देश में गरीबी से लड़ने की ताकत जबतक हम गरीब को सशक्त नहीं करेंगे, गरीबी दूर नहीं होने वाली है.
जिस दिन गरीब सशक्त होगा उस दिन वो गरीबी से लड़ने वाला सिपाही बन जाता है. गरीब मां को ताकत मिल गई तो गरीबी को हराने में हम कामयाब हो जाएंगे. ये काम करने के लिए मुझे आपने बैठाया है. बहनों को मुफ्त गैस कनेक्शन, हर गांव तक सड़क, पढ़ाई, दवाई, कमाई, सिंचाई जो भी हम करें, ये परिवारवादियों की नींद हराम हो गई है. मोदी मुफ्त में दवाई की व्यवस्था कर रहा है. इनको लग रहा है कि इनकी वोट बैंक जा रही है. वोट बैंक के चक्कर में ही तुमने देश को तबाह कर रखा है. यूपी में कहते थे कि एक बार सरकार बनती थी तो दूसरी बार सरकार बदल जाती थी. यूपी अब बदल चुका है. यूपी ने 2014-17-19 में समर्थन दिया. अब 2022 में भाजपा विजयी होगी, ये आपका उत्साह बता रहा है.
गरीबों के लिए काम करता हूं तो परिवारवादी मेरे इस काम को छोटा बताते हैं: मोदी
गरीबों के लिए मैं दिन रात काम करता हूं तो परिवारवादी मेरे काम को छोटा बताते हैं, ये आपके लिए छोटा होता होगा. मेरे लिए ये पुण्य का अवसर है. इनको ये भी तकलीफ... मैं कुंभ के मेले में आया तो दुनिया में कुंभ मेले की प्रतिष्ठा सफाई के कारण बढ़ी तो मैं सफाई कर्मियों का पैर धोया और उनका आशीर्वाद लिया. काशी विश्वानाथ धाम बना मेरा ध्यान मजदूरों पर था. सारे संतों और महापुरुषों के पास नहीं गया. मजदूरों का आशीर्वाद लिया, मुझे मालूम है कि ये देश के सपने पूरे करेंगे. उनके सपनों को पूरा करने के लिए मैं खुद को खपा रहा हूं.
ये लोग आत्मनिर्भर बनाने के अभियान का विरोध कर रहे हैं. फतेहपुर के वीर पराक्रमी लोग दुनिया से सामान बाहर लाकर गुजारा करेंगे क्या, ये शर्मींदगी है कि नहीं. हमें इससे बाहर आना चाहिए कि नहीं. भारत के गौरव को पाना चाहिए कि नहीं. ये देश आश्रित नहीं रहना चाहता है. मैंने लाल किले से लोकल फॉर वोकल की बात कही. मुझे लोकल कारीगरों का गुनगान करना चाहिए. आपके घर में आपके बेटे को ही मान सम्मान नहीं दोगे तो मुहल्ले के लोग देगा क्या. अपने यहां के पैदावार का सम्मान बढ़ना चाहिए कि नहीं. कांग्रेस और समाजवादी के नेता लोकल का बढ़ावा दें तो उनका नुकसान होगा क्या. लेकिन योगी और भाजपा ने काम किया तो उन्हें तकलीफ होती है.
घोर परिवारवादियों का गिरोह है, उन्हें दिक्कत आ गई कि ये मलाई नहीं खा सकते हैं. फेतहपुर में लोहे का सामान उसका जयजयकार केरल तमिलानाडु में होना चाहिए कि नहीं. यहां का पेड़ा दुनिया में मशहूर होना चाहिए कि नहीं. यहां के बेडशीट भारत के बाजार में बिकना चाहिए कि नहीं. हमारे बांदा के पत्थर के कलाकारी को विश्व में पहचान दिलानी चाहिए कि नहीं. मैं आपका झंडा लेकर घूम रहा हूं. बुंदलेखंड तो अपने खिलौने के लिए मशहूर रहा है. हमारी जनजाति भाई बहनों का हस्तशिल्प पूरे दुनिया में मशहूर रहा है.
जब मैं वोकल होने की बात करता हूं तो ये परिवारवादियों को दर्द होता है. असल में इनकी समस्या है कि अगर देश के गरीब दलित पिछड़े को साधन और शक्ति मिल गई तो ये वोट बैंक की राजनीति करने वाले इनकी सारी राजनीति धरी की धरी रह जाएगी. यहां के कई कृषि उत्पाद के लिए ये क्षेत्र मशहूर है. आप बताइए, दशकों तक घोर परिवारवादी यहां सत्ता में आए, छोटे किसानों के लिए कुछ भी किया क्या? भाजपा किसानों के लिए नई व्यवस्था बना रहे हैं. किसानों के खाते में हजारों रुपए भेज रहे हैं. इन्होंने अपनी तिजोरियां भरी हैं. अब इन्हें यूपी के सत्ता के आसपास भी फटकने नहीं देना है.
योगी सरकार अब माफिया का इलाज कर रही है: मोदी
यूपी में डेयरी सेक्टर के विस्तार के लिए निरंतर काम कर रहे हैं. पूरे यूपी में बायोगैस प्लांट का नेटवर्क बनाया जा रहा है. हमारा प्रयास है कि दूध न देने वाले पशुओं के गोबर से भी पशुपालक को एक्ट्रा कमाई हो. 10 मार्च दोबारा सरकार बनने के बाद ऐसे कार्यों को और भी गति दी जाएगी. आपका संकट दूर हो, इसकी चिंता हम करते हैं. फतेहपुर के लोग कभी नहीं भूल सकते हैं कि पिछली सरकार के लोग यहां कैसे-कैसे दबंगई करते थे. सरकारी जमीनों पर कब्जा यहां आम बात थी. अवैध खनन माफिया ने इस पूरे इलाके को तबाह कर दिया था. योगी सरकार अब माफिया का इलाज कर रही है.
घोर परिवारवादियों ने यहां गन्ना मिलों को बंद किया, सिंचाई के बजाए अवैध खनन माफिया को पाला. दशकों तक कई सिंचाई परियोजना को लटकाए रखा. ये हमारी सरकार है जिसने यहां के किसानों की तकलीफ को समझा. कितनी ही परियोजनाएं डबल इंजन की सरकार ने पूरी कराई है. बुंदलेखंड के किसान कितने दशकों से केन-बेतवा को लिंक करने की मांग करते थे, लेकिन ये काम पूरा करने का बीड़ा हमारी डबल इंजन की सरकार ने उठाया है. 44 हजार करोड़ की लागत की योजना से खेत-खेत तक पानी पहुंचाया जाएगा. परिवारवादियों को अगर मौका मिल गया तो उनकी दुनिया चालू रखने के लिए केन-बेतवा परियोजना में वे रोड़े अटकाएंगे. पानी के नाम पर इन्होंने क्या खेल खेला है आप जानते हैं.
आपके साथ बार-बार इन्होंने विश्वासघात किया है. दो साल के भीतर यूपी के लाखों घर के भीतर पानी पहुंच गया है. मेरी माताएं बहने नल से जल अभियान को लेकर लगातार आशीर्वाद दे रही है. भाजपा का इस क्षेत्र से स्नेह है. भाजपा ने फतेहपुर के विकास की आकांक्षा को समझा और फतेहपुर आकांक्षी जिलों में शामिल हो गया है. यूपी में भाजपा सरकार ने 1100 से ज्यादा जनऔषधी केंद्र खोले हैं. यहां के लोगों को इससे 700 करोड़ से ज्यादा फायदा हुआ है. योगी की सरकार में पहले से ज्यादा बिजली मिल रही है. हमारे लिए यूपी का हर गांव महत्वपूर्ण है. परिवारवादियों की सोच परिवार से शुरू होकर परिवार पर ही खत्म हो जाती है. इस सोच से यूपी को नहीं चलाया जा सकता है.
घोर परिवारवादियों की लिस्ट में कुछ नाम ऐसे हैं जिन्होंने दशकों तक यूपी में सरकार चलाई है. आपने जब से इन्हें सरकार से बेदखल किया है, उनकी घृणा यूपी के लिए बढ़ती जा रही है. जब पंजाब के सीएम ने यूपी के लोगों का अपमान किया तो ये परिवारवादी उनके साथ ताली बजा रहे थे. राज्य में कई एक्सप्रेस वे का काम तेजी से चल रहा है. बुंदलेखंड एक्सप्रेस वे से कोरोना काल में कई मजदूरों को काम मिला. जब ये तैयार हो जाएगा तो किसानों को भी लाभ होगा. डबल इंजन की सरकार इस क्षेत्र के शौर्य को और आगे ले जा रही है. देश को रक्षा में आत्मनिर्भर बनाने का काम बुंदलेखंड करेगा. अवध और बुंदेलखंड के तेज़ विकास के लिए, बदला लेने वाले नहीं, ज़मीन पर बदलाव करने वाले चाहिए. परिवारवाद को बढ़ावा देने वाले नहीं, पलायन को रोकने वाले चाहिए. सिर्फ घोषणा करके सो जाने वाले नहीं, बल्कि घोर परिश्रम करने वाले चाहिए.