
कोरोना संकट की वजह से अभी चुनावी राज्यों में रैलियों पर रोक लगी हुई है. लेकिन समाजवादी पार्टी ने अपने लखनऊ वाले कार्यक्रम में वर्चुअल रैली के नाम पर भारी भीड़ जुटा ली थी.अब चुनाव आयोग ने इस मामले का संज्ञान ले लिया है और 24 घंटे के अंदर पार्टी से जवाब मांगा गया है. इस विवाद की वजह से 2500 सपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ पहले ही शिकायत दर्ज की जा चुकी है.
अब जानकारी के लिए बता दें कि कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से पहले चुनाव आयोग ने 15 जनवरी तक रैलियों पर रोक लगा दी थी. फिर आज अब 22 जनवरी तक उस रोक को बढ़ा दिया गया है. लेकिन सपा ने 14 जनवरी को जो कार्यक्रम किया था, उसमें कोरोना प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाई गई थीं. सोशल डिस्टेंसिंग का भी ख्याल नहीं रखा गया था. इसी वजह से पहले वहां के डीएम ने जांच के आदेश दिए थे और फिर सपा के कार्यकर्ताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई. अब चुनाव आयोग ने भी सपा को नोटिस जारी कर दिया है. अगर 24 घंटे के अंदर जवाब नहीं दिया गया तो सख्त एक्शन लिया जा सकता है.
वैसे जिस रैली को लेकर इतना बवाल है वो यूपी चुनाव के लिहाज से काफी अहम रही थी. उस कार्यक्रम के जरिए समाजवादी पार्टी में ओबीसी समाज के बड़े नेता स्वामी प्रसाद मौर्य शामिल हो गए थे. उनके साथ बीजेपी से आए कई दूसरे विधायक-मंत्री भी सपा में शामिल हुए थे. ऐसे में चुनावी मौसम में पार्टी के लिए फायदा तो बड़ा रहा, लेकिन कोरोना प्रोटोकॉल टूटने की वजह से मुसीबत बढ़ गई.
आयोग सूत्रों ने पहले ही साफ कर दिया था की इस चुनाव में राजनीतिक दलों, नेताओं, कार्यकर्ताओं या फिर जनता की कोई मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. क्योंकि करते ये लोग हैं और अदालत आयोग को दोषी ठहराती है. आयोग ने भी शुक्रवार को हुई बैठक में पर्यवेक्षकों से कहा है कि वो हर जगह दिखें. मुस्तैद रहें. इस बार आयोग वीडीओ ग्राफर और माइक्रो ऑब्जरवर की संख्या भी बढ़ा चुका है. साथ ही आम सजग नागरिक को भी Cvigil मोबाइल एप का औजार दे दिया है ताकि चप्पे चप्पे पर निगहदारी रहे.