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UP चुनाव: दूसरे चरण के नामांकन आज से शुरू, पश्चिमी यूपी से रुहेलखंड तक की सीटों पर छिड़ेगा दंगल

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के 9 जिलों की 55 विधानसभा सीटों पर नामांकन शुक्रवार से शुरू हो रहा है, जहां 14 फरवरी को वोटिंग होगी. पश्चिमी यूपी से लेकर रुहलेखंड इलाके की सीटों पर राजनीतिक दलों की आजमाइश होगी. यह इलाका मुस्लिम और जाट वोटों के प्रभाव वाला माना जाता है.

योगी आदित्यनाथ, अखिलेश यादव, मायावती योगी आदित्यनाथ, अखिलेश यादव, मायावती
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली ,
  • 21 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 9:01 AM IST
  • दूसरे चरण की 55 सीट पर 14 फरवरी को मतदान
  • बीजेपी के 38 विधायक तो सपा के 15, कांग्रेस के 2
  • मुस्लिम बहुल इलाके में बीजेपी के लिए कड़ी चुनौती

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की सीटों के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुक्रवार से शुरू हो रही है. दूसरे दौर में 9 जिलों की 55 विधानसभा सीटों के लिए उम्मीदवार 28 जनवरी तक नामांकन दाखिल कर सकेंगे जबकि नामांकन फार्म की जांच 29 जनवरी तक होगी और उम्मीदवारों के पास 31 जनवरी तक नामांकन वापस लेने का समय होगा. इन सभी 55 विधानसभा सीटों पर 14 फरवरी को वोट डाले जाएंगे.

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बीजेपी के पास 38 सीटें है

2022 के चुनाव में दूसरा चरण बीजेपी के लिए पहले चरण से ज्यादा चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है. पश्चिमी यूपी से लेकर रुहेलखंड इलाके की सीटों पर चुनाव होने हैं. इस चरण में सहारनपुर, बिजनौर, अमरोहा, संभल, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, बदायूं, शाहजहांपुर जिले की 55 सीटें हैं. दूसरे चरण की जिन 55 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं, उसमें 38 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है जबकि 15 सीटें सपा के पास हैं और 2 सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली थी. 

जिले स्तर पर नतीजे

सहारनपुर जिल की 7 सीट हैं, जिनमें से 4 बीजेपी, 2 कांग्रेस और 1 सपा को मिली थी. बिजनौर की 8 सीट में से 6 बीजेपी और 2 सपा के खाते में गई. अमरोहा की 4 सीट में से 3 बीजेपी और 1 सपा. संभल की 4 सीट में से 2 बीजेपी और 2 सपा. मुरादाबाद की 6 सीटों में से 2 बीजेपी और 4 सपा. रामपुर की 5 सीट में से 2 बीजेपी और 3 सपा. बरेली की सभी 9 सीट पर बीजेपी का कब्जा है. इसके अलावा बदायूं की 6 सीटों में से 5 बीजेपी और 1 सपा. ऐसे ही शाहजहांपुर की 6 सीट में से 5 बीजेपी और 1 सपा ने जीती थी. 

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मुस्लिम बहुल इलाका है

बता दें कि 2017 में हुए विधानसभा चुनाव सपा और कांग्रेस ने मिलकर लड़ा था, जिसका नतीजा रहा है कि मुरादाबाद मंडल में सपा का पलड़ा भारी रहा जबकि बाकी इलाके में बीजेपी ने सपा से ज्यादा बेहतर प्रदर्शन किए थे. बरेली में सपा का खाता नहीं खुल सका था. पिछला चुनाव सपा के खाते में आने वाली 15 सीटों में से 10 पर मुस्लिम विधायक बने थे. आजम खान का सियासी प्रभाव भी इसी इलाके में है. 

गठबंधन को मिली सफलता

दूसरे चरण में जिन इलाके की सीटों पर चुनाव है, उन पर मुस्लिम वोटर काफी माने जाते हैं. यहां जाट और मुस्लिम वोटों के साथ-साथ कुर्मी और लोध वोटर निर्णायक भूमिका में है तो सैनी-मौर्य और दलित वोटर किंगमेकर की भूमिका में है. सपा का यह पुराना गढ़ रहा है. सपा ने 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ तो 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा के साथ गठबंधन किया. दोनों चुनावों में इन 55 सीटों पर भाजपा के मुकाबले गठबंधन की सियासत को लाभ मिला था. 

हालांकि, इस बार के चुनाव में सपा, बसपा और कांग्रेस तीनों के अलग-अलग किस्मत आजमा रहे हैं. राजनीतिक समीक्षकों का दावा है कि मतों का बिखराव होगा और भाजपा को इसका लाभ मिल सकता है. बसपा ने भी इस इलाके में मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं तो कांग्रेस और असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM ने भी मुस्लिम उम्मीदवारों पर ही दांव खेला है. 

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पिछले विधानसभा चुनाव में जहां सपा और कांग्रेस को कुल 17 सीटों पर जीत मिली वहीं लोकसभा चुनाव में इस इलाके की 11 सीटों में सात सीटें बसपा-सपा गठबंधन के हिस्‍से आई थी. इनमें से चार सीटें-सहारनपुर, नगीना, बिजनौर और अमरोहा में बसपा जीती जबकि सपा को मुरादाबाद, संभल और रामपुर में तीन सीटों पर जीत मिली थी. इससे एक बात साफ है कि इस गढ़ में मुस्लिम, जाट और दलित मतदाताओं के गठजोड़ का फार्मूला कामयाब हुआ था. 

सपा का क्या होगा फायदा

पश्चिमी यूपी में सक्रिय राष्‍ट्रीय लोकदल और महान दल के साथ सपा ने गठबंधन किया है. सपा के सहयोगी दल रालोद का जाट समुदाय के बीच सियासी प्रभाव माना जाता है तो महानदल का शाक्य, सैनी, कुशवाहा, मौर्य, कोइरी बिरादरी में असर है. इसी समाज के प्रभावी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य भी अब सपा के साथ आ गए है. इस तरह से दूसरे चरण में सपा ने अपना मजबूत कैंबिनेशन बनाने की कवायद की है. 

वहीं, कांग्रेस ने रुहेलखंड में बरेलवी मुसलमानों के मौलाना और इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष तौकीर रजा खां का समर्थन ले लिया है. बरेली के मुसलमानों में तौकीर रजा का प्रभाव है, लेकिन बाकी मुसलमानों पर नहीं है. वहीं, बीजेपी अपने पुराने फॉर्मूले के जरिए चुनावी मैदान में उतरी है. साथ ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए जितिन प्रसाद के चुनावी परीक्षा इसी चरण में होगी. शाहजहांपुर उनका गृह जिला है और ब्राह्मण नेता के रूप में भाजपा ने उनको आगे किया है. 

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इन 55 सीटों पर होगा मतदान

दूसरे चरण के दौरान नौ जिलों की मुरादाबाद रूलर, मुरादाबाद नगर, कुन्दरकी, बिलारी, चंदौसी, असमोली, संभल, सुआर, चमरुआ, बिलासपुर, रामपुर, मिलक, धनेरा, नौगाव सादत, बेहट, नाकुर, सहारनपुर नगर, सहारनपुर, देवबंद, रामपुर-मनिहरण, गंगोह, नाजिबाबाद, नगीना, बरहापुर, धामपुर, नेहटौर, बिजनौर, चांदपुर, नूरपुर, कांठ, ठाकुरद्वारा, अमरोहा, हसनपुर, गुन्नौर, बिसौली, सहसवान, बिलसी, बदायूं, शेखपुर, दातागंज, बहेरी, मीरगंज, भोजीपुरा, नवाबगंज, फरीदपुर, बिथारी चैनपुर, ओनला, कतरा, जलालबादतिहार, पोवायण, शाहजहांपुर और ददरौल विधानसभा सीटों पर वोट डाले जाएंगे. 

 

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