
चुनावी मौसम में सीएम योगी आदित्यनाथ ने लाखों बच्चों को टैबलेट और फोन देकर बड़ा दांव चला. कहा भी गया कि ऐसा कदम युवाओं को पार्टी की ओर आकर्षित कर सकता है. लेकिन इस बीच अब उन छात्रों ने ही कह दिया है कि वे इन टैबलेट का इस्तेमाल करने से डरते हैं. उन्हें उनकी प्राइवेसी की चिंता सताती है.
योगी सरकार के टैबलेट पर क्यों विवाद?
दरअसल छात्रों का कहना है कि वे सरकार द्वारा दिए गए टैबलेट और मोबाइल फोन पर अपना वाट्सऐप या फिर फेसबुक नहीं खोल सकते हैं. ऐसा होने पर उन्हें आशंका है कि उनका सारा डेटा सरकार के पास चला जाएगा. इस बारे में लखनऊ यूनिवर्सिटी के एमसी के छात्र देवेंद्र त्रिपाठी बताते हैं कि टैबलेट पढ़ाई के लिए तो काफी अच्छा है लेकिन आईटी सेक्शन के तहत उनकी सारी एक्टिविटी कंट्रोल की जा सकेगी. उनके मुताबिक इसी डर की वजह से वे इस टैबलेट पर अपना वाट्सऐप लॉगइन नहीं कर रहे हैं.
निजता को लेकर छात्र चिंतित
दूसरे छात्र ने और हैरान कर देने वाली बात बताई है. उनकी माने तो दिए गए फोन के वॉलपेपर पर योगी सरकार की बड़ी तस्वीर होती है. अगर उसे बदलने का प्रयास किया जाए तो पूरा फोन ही ब्लॉक हो जाता है. उन्होंने इस बात की भी जानकारी दी है कि इस फोन के साथ कोई भी छेड़खानी कर सकता है. एक छात्र ने ये भी बताया कि इस फोन के ऊपर एक बार कोड के जरिए मैपिंग की गई है. उस मैपिंग में स्टूडेंट का पूरा डेटा उस बारकोड में डाला गया है और वह फोन किसी और के द्वारा नहीं चलाया जा सकता है. ऐसे में निजी इस्तेमाल के लिए ये फोन नहीं हैं और छात्र सिर्फ पढ़ाई का काम ही कर पाएंगे.
वैसे ये शिकायत छात्रों द्वारा कोई पहली बार नहीं की गई है. जब अखिलेश सरकार के दौरान भी टैबलेट बांटे गए थे, तब भी निजता को लेकर सवाल उठे थे. उस समय भी कहा गया था कि सरकार निजी डेटा को मॉनिटर कर सकती है. अब वहीं आरोप योगी सरकार पर भी लग रहे हैं. लेकिन किसी भी मंत्री या फिर प्रवक्ता ने कोई सफाई पेश नहीं की है.