
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 11 जिलों की 58 सीटों पर 623 उम्मीदवारों के लिए गुरुवार को मतदान हो चुका है. पहले दौर के मतदान वाले क्षेत्र में योगी सरकार के 9 मंत्री सहित विपक्ष के कई सियासी दिग्गजों की किस्मत दांव पर पर लगी है. हाई प्रोफाइल इन सीटों पर कहीं दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर है तो कहीं कांटे की टक्कर है.
सपा के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर से लेकर अतुल प्रधान, कांग्रेस नेता प्रदीप माथुर और पंखुड़ी पाठक जैसे दिग्गज पहले चरण के दंगल में हैं. तो वहीं से बसपा से श्याम सुंदर शर्मा और मदन चौहान की भी अग्निपरीक्षा होनी है. उधर आरएलडी के मदन भैया और किरनपाल सिंह की किस्मत का फैसला भी पहले चरण में ही होना है.
कैराना सीट पर मुकाबला
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण की सबसे चर्चित कैराना सीट रही है. इस विधानसभा क्षेत्र में पलायन का मुद्दा तेजी से हावी रहा है. बीजेपी ने यहां से मृगांका सिंह को मैदान में उतारा है, जबकि सपा ने एक बार फिर मौजूदा विधायक नाहिद हसन पर भरोसा जताया है. इसके अलावा कैराना सीट पर बसपा प्रत्याशी राजेंद्र सिंह उपाध्याय और कांग्रेस प्रत्याशी हाजी अखलाक हैं.
छपरौली विधानसभा सीट
रालोद का गढ़ कही जाने वाली बागपत जिले की छपरौली में 2017 के विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोक दल से सुरेंद्र सिंह रामला ने बीजेपी के सतेंद्र सिंह को 3842 वोटों के मार्जिन से हराया था. सुरेंद्र सिंह रामला इस बार बीजेपी के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं जबकि, रालोद ने प्रोफेसर अजय कुमार को अपना प्रत्याशी बनाया है. इसके अलावा बसपा से मोहम्मद शाहिन चौधरी और कांग्रेस से युनूस चौधरी मैदान में है.
सरधना सीट पर कड़ी टक्कर
मेरठ जिले की सरधना विधानसभा सीट पर बीजेपी के टिकट पर एक बार फिर से संगीत सोम चुनावी मैदान में उतरे हैं. संगीत सोम के खिलाफ सपा से अतुल प्रधान, बसपा से संजीव कुमार धामा और कांग्रेस से सैयद रैनुद्दीन किस्मत आजमा रहे हैं. संगीत सोम पिछले दो चुनाव से लगातार जीत दर्ज कर रहे हैं.
किठौर सीट पर कड़ा मुकाबला
मेरठ जिले की किठौर विधानसभा सीट पर सपा के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर एक बार फिर से चुनावी मैदान में है. शाहिद मंजूर के खिलाफ बीजेपी ने अपने मौजूदा विधायक सत्यवीर त्यागी को उतारा है. 2017 में सत्यवीर त्यागी ने शाहिद मंजूर को सियासी मात दी थी. इस बार फिर से दोनों नेता आमने-सामने हैं. इसके अलावा बसपा से कुशलपाल मावी उर्फ केपी मावी और बसपा से बबिता गुर्जर चुनाव लड़ रही हैं.
जेवर विधानसभा सीट पर फाइट
गौतमबुद्ध नगर जिले की जेवर सीट से 2017 में बीजेपी के धीरेन्द्र सिंह ने बसपा के वेदराम भाटी को 22173 वोटों के अंतर से हराया था. बीजेपी ने 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए मौजूदा विधायक धीरेंद्र सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है. रालोद ने अवतार सिंह भड़ाना को मैदान में उतारा है, जबकि बसपा के नरेंद्र भाटी और कांग्रेस से मनोज कुमार भी चुनावी मैदान में हैं.
मथुरा विधानसभा सीट
मथुरा विधानसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला माना जा रहा है. बीजेपी ने मथुरा की सीट पर एक बार फिर श्रीकांत शर्मा पर भरोसा जताया है. श्रीकांत शर्मा ने 2017 के चुनाव में कांग्रेस के प्रदीप माथुर को हराकर जीत दर्ज की थी. कांग्रेस ने मथुरा से प्रदीप माथुर को फिर उम्मीवार बनाया है, जबकि सपा ने देवेंद्र अग्रवाल और बसपा ने सतीश शर्मा को मैदान में उतारा है.
लोनी सीट पर कांटे की लड़ाई
गाजियाबाद की लोनी विधानसभा सीट पर दो गुर्जर नेताओं के बीच बसपा के मुस्लिम प्रत्याशी ने मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है. 2017 में बीजेपी के टिकट पर जीते नंदकिशोर गुर्जर एक बार फिर से चुनाव मैदान में है, जिनके खिलाफ आरएलडी से पूर्व विधायक मदन भैया हैं. वहीं, बसपा से हाजी आकिल चौधरी और कांग्रेस ने यामीन मलिक को प्रत्याशी बनाया है.
मांट सीट पर बसपा की साख
मथुरा जिले की मांट विधानसभा सीट पर बसपा के दिग्गज नेता श्याम सुंदर शर्मा चुनावी मैदान में है. 2017 में बसपा से जीते थे और यहां पर लंबे समय से उनका कब्जा है. श्याम सुंदर शर्मा के खिलाफ सपा ने संजय लाठर को उतारा रखा है. बीजेपी ने राजेश चौधरी और कांग्रेस ने सुमन चौधरी को प्रत्याशी बना रखा है.
थाना भवन सीट पर तगड़ी टक्कर
शामली जिले की थाना भवन विधानसभा सीट पर योगी सरकार के गन्ना मंत्री सुरेश राणा की साख दांव पर लगी है. सुरेश राणा के खिलाफ आरएलडी से असरफ अली, बसपा से जहीर मलिक और कांग्रेस से सत्य श्याम सैनी चुनाव मैदान में है. इस सीट पर सुरेश राणा पिछले दो चुनाव से लगातार जीत रहे हैं, लेकिन इस बार उनके सामने कड़ी चुनौती है.
मुजफ्फरनगर सीट पर जंग
मुजफ्फरनगर विधानसभा सीट पर बीजेपी के टिकट पर योगी सरकार के मंत्री कपिल देव अग्रवाल एक बार फिर चुनावी मैदान में उतरे हैं. कपिल देव अग्रवाल के खिलाफ आरएलडी ने अजय अग्रवाल, बसपा ने पुष्पाकर पाल और कांग्रेस ने सुबोध शर्मा को उतारा है. 2017 में कपिल देव अग्रवाल चुनाव जीते थे.
नोएडा सीट पर हाईप्रोफाइल मुकाबला
पहले चरण में सभी की निगाहें नोएडा सीट पर लगी है, जहां से रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह दूसरी बार चुनावी मैदान में उतरे हैं. पंकज सिंह के खिलाफ सपा ने सुनील चौधरी को उतारा है तो कांग्रेस ने पंखुड़ी पाठक और बसपा ने कृपाराम शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया है. पंकज सिंह ने 2017 में नोएडा सीट पर एक लाख से ज्यादा वोटों से जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंचे थे.
आगरा ग्रामीण सीट पर पूर्व गवर्नर
आगरा ग्रामीण विधानसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर पूर्व राज्यपाल बेबीरानी मौर्य चुनावी मैदान में किस्मत आजमा रही हैं. बेबीरानी मौर्य के खिलाफ आरएलडी से महेश कुमार जाटव, बसपा से किरण प्रभा केसरी और कांग्रेस से उपेंद्र सिंह चुनाव में किस्मत आजमा रहे हैं. 2017 में बीजेपी ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी.