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Jayant Chaudhary बोले - यह देश के अस्तित्व का चुनाव, अमित शाह के न्योते से आई साजिश की बू

RLD के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी (jayant chaudhary) ने भारतीय जनता पार्टी और गृह मंत्री अमित शाह पर हमला बोला. उन्होंने यह भी कहा कि यह चुनाव देश के अस्तित्व का चुनाव है.

RLD के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी (फाइल फोटो) RLD के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी (फाइल फोटो)
प्रीति चौधरी
  • नई दिल्ली,
  • 28 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 4:50 PM IST
  • जयंत चौधरी की RLD सपा के साथ गठबंधन में यूपी चुनाव लड़ रही है
  • जयंत चौधरी ने अमित शाह का गठबंधन का न्योता ठुकरा दिया था

UP Vidhan Sabha Chunav 2022: अखिलेश यादव संग मुजफ्फरनगर में प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले RLD के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी (jayant chaudhary) ने आजतक से बातचीत की. इस बातचीत में जयंत चौधरी ने कहा कि यह चुनाव सिर्फ मेरे लिए जरूरी नहीं है, यह चुनाव देश के अस्तित्व के लिए जरूरी है. उन्होंने बीजेपी पर भी हमला बोला. अमित शाह के 'ऑफर' पर जयंत ने कहा कि साथ आने के उस न्योते में से साजिश की बू आ रही थी.

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जयंत चौधरी ने कहा कि यूपी चुनाव 2022 में उन किसानों में चेतना जगी है जिनके साथ सालों से न्याय नहीं हुआ है और वे लोग चाहते हैं कि RLD आगे बढ़े.

शाह और बीजेपी पर साधा निशाना

अमित शाह के घर गलत चुनने वाले बयान पर जयंत चौधरी ने कहा कि शाह ने बात तो मीठी की लेकिन उसके पीछे उनकी मंशा राजनीतिक साजिश वाली लगी, जिसमें से षड्यंत्र की बू आ रही थी. बता दें कि अमित शाह ने कहा था कि जयंत चौधरी सही हैं लेकिन उन्होंने घर (सपा गठबंधन) गलत चुन लिया है. साथ ही कहा गया था कि उनके लिए बीजेपी गठबंधन के दरवाजे खुले हैं. 

यह भी पढ़ें - BJP के ऑफर पर जयंत चौधरी का जवाब- मैं कोई चवन्नी नहीं जो पलट जाऊं

इसपर जयंत ने कहा कि शाह चाहते हैं कि जाट वोट बंट जाए, जबकि RLD जाट राजनीति नहीं करती. जयंत ने आगे कहा कि शाह हमें जाट नेता का टैग देना चाहते हैं जबकि वह वहां तक ही सीमित नहीं है. साथ ही शाह अल्पसंख्यक वर्ग को गलत संदेश देना चाहते हैं. जयंत ने कहा कि शाह यह भ्रम पैदा करना चाहते हैं कि मैं चुनाव के बाद बीजेपी के साथ जा सकता हूं, इसलिए अल्पसंख्यक BSP या AIMIM को वोट दें. उन्होंने कहा कि शाह चाहते हैं कि हरियाणा की तरह जाट यूपी में भी बंट जाएं.

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जयंत बोले कि हम भाईचारे, लोगों को जोड़ने की बात कर रहे हैं. लेकिन बीजेपी कैराना पलायन आदि का जिक्र करके उस बंटवारे को जिंदा रखना चाहती है. 

बीजेपी के साथ ना जाने का फैसला जयंत चौधरी ने जल्दी तो नहीं कर लिया? इस सवाल पर जयंत ने कहा कि अभी उनकी जो उम्र है अगर वह उसमें भविष्य के हिसाब से दूरगामी फैसले नहीं लेंगे तो ठीक नहीं होगा. जयंत ने यह भी माना कि हो सकता है कि टिकट बंटवारे में उनसे कुछ गलतियां हुई हों लेकिन ऐसा होता ही है.

 

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