
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण के लिए अधिसूचना मंगलवार यानी एक फरवरी से जारी हो रही है और साथ ही नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो रही है. अवध और तराई बेल्ट के इलाके के 11 जिलों की 60 विधानसभा सीटों पर 8 फरवरी तक नामांकन किए जाएंगे. उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों की जांच 9 फरवरी को की जाएगी जबकि 11 फरवरी तक नाम वापस लेने की आखिरी तारीख है. इस दौर की 60 सीटों पर 27 फरवरी को वोटिंग होगी. यह चरण बीजेपी और सपा की सत्ता के लिए काफी अहम माना जा रहा है.
पांचवें चरण में किस-किस जिले की सीटें
यूपी में पांचवें चरण 60 सीटों में भगवान राम की नगरी अयोध्या जिले की सीटें भी शामिल हैं, जहां नामांकन प्रक्रिया के साथ ही 11 जिलों में भी सियासी सरगर्मी और बढ़ जाएगी. पांचवें चरण के लिए सियासी दलों ने तमाम सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं. हालांकि, कुछ सीटों पर अभी भी कैंडिडेट के नाम का ऐलान नहीं सका. इसके बावजूद सूबे में सियासी तपिश काफी बढ़ गई है.
पांचवें चरण में जिन 11 जिले की 60 सीटों पर चुनाव होने हैं. इनमें गांधी परिवार का गढ़ कहे जाने वाला अमेठी जिला है तो सुल्तानपुर, अयोध्या, बाराबंकी जैसे अवध के जिले हैं तो तराई बेल्ट के बहराइच, गोंडा और श्रावस्ती जैसे अहम जिले की सीटें है. इसके अलावा प्रतापगढ़ और प्रयागराज जिलों की सीटों के साथ-साथ बुंदलेखंड के चित्रकूट जिले की भी दो सीटें शामिल हैं.
बीजेपी ने 2017 में 90 फीसदी सीटों पर पाई थी जीत
पांचवें चरण की जिन 60 विधानसभा सीटों पर चुनाव पर चुनाव हो रहे हैं, उनमें 90 फीसदी सीटों पर बीजेपी और अपना दल गठबंधन का कब्जा है. 2017 के विधानसभा चुनाव में इन 60 सीटों में से बीजेपी ने 50 सीटें जीती थी जबकि के खाते में महज 5 सीटें मिली थी. इसके अलावा कांग्रेस को एक सीट पर जीत मिली थी. वहीं, अपना दल (एस) को दो सीटें मिली थी तो दो सीटों पर निर्दलीय ने जीती थी. बीजेपी गठबंधन के पास 52 सीटें है तो बसपा यहां खाता भी नहीं खोल सकी थी.
यूपी के इस चरण के चुनाव में योगी सरकार के कई दिग्गज मंत्रियों की भी अग्निपरीक्षा है तो कुंडा में राजा भैया के लिए इस बार चुनाती है. सूबे के बदले हुए सियासी समीकरणों में बीजेपी के सामने पिछली बार की तरह नतीजे दोहराना आसान नहीं दिख रहा है तो सपा गठबंधन को बेहतर नतीजे की उम्मीद दिख रही है. ऐसे में सबसे बड़ी चुनौती कांग्रेस के सामने अमेठी में है, जहां उसके मजबूत प्रत्याशी के लिए मशकक्त करनी पड़ रही है.
पांचवें चरण की 60 विधान सभा सीटें
तिलोई, सलोन (सु) जगदीशपुर (सु)., गौरीगंज, अमेठी, इसौली, सुल्तानपुर, सदर, लम्भुआ, कादीपुर (सु), चित्रकूट, मानिकपुर, रामपुर खास, बाबागंज (सु)., कुण्डा, विश्वनाथगंज, प्रतापगढ़, पट्टी, रानीगंज, सिराथू, मंझनपुर (सु)., चायल, फाफामऊ, सोरांव (सु)., फूलपुर, प्रतापपुर, हण्डिया, मेजा, करछना, इलाहाबाद पश्चिम, इलाहाबाद उत्तर, इलाहाबाद दक्षिण, बारा (सु)., कोरांव (सु)., कुर्सी, रामनगर, बाराबंकी, जैदपुर (सु)., दरियाबाद, रूदौली, हैदरगढ़ (सु)., मिल्कीपुर (सु)., बीकापुर, अयोध्या, गोसाईगंज, बलहा (सु)., नानपारा, मटेरा, महसी, बहराइच,पयागपुर, कैसरगंज, भिंगा, श्रावस्ती, मेहनौन, गोण्डा, कटरा बाजार, कर्नलगंज, तरबगंज, मनकापुर (सु) और गौरा सीट शामिल है.