
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले योगी सरकार अपने मंत्रिमंडल विस्तार के जरिए सियासी और जातीय समीकरण साधने की कवायद में है. बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ पिछले सप्ताह बैठक हो चुकी हैं. वहीं, अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के चार दिवसीय यूपी दौरे के बाद योगी कैबिनेट का विस्तार किया सकता है.
सूत्रों की मानें तो योगी सरकार के कैबिनेट में 6 से 7 नए मंत्री को शामिल किया जाएगा, जिसके लिए नाम भी तय कर लिए गए हैं. संभावित मंत्रियों की सूची में हाल ही में बीजेपी में शामिल होने वाले जितिन प्रसाद का नाम शामिल हैं. इसके अलावा बीजेपी के नेताओं में पलटू राम, कृष्णा पासी, तेजपाल नागर और छत्रपाल गंगवार को मंत्री बनाया जा सकता है.
वहीं, यूपी कैबिनेट में 2 नाम और संभावित हैं, जिन्हें बीजेपी आलाकमान तय करेगा. माना जा रहा है कि शीर्ष नेतृत्व इन दोनों मंत्री पद सहयोगी दलों को दे सकता है. 2022 के चुनाव को देखते हुए नए मंत्रियों को शामिल किया जाए, लेकिन पुराने किसी भी मंत्री की कैबिनेट से छुट्टी नहीं होगी. मंत्रिमंडल में नए मंत्रियों को शामिल कर सूबे की बीजेपी सरकार जातीय और क्षेत्रीय समीकरण साधने की रणनीति है.
संभावित मंत्रियों में जिन नेताओं के नाम है, उन्हें देखते हुए साफ जाहिर है कि बीजेपी ने अपना सियासी समीकरण दुरुस्त करने का दांव चला है. ब्राह्मण समुदाय से जितिन प्रसाद को शामिल किया जा रहा है, जिनके जरिए ब्राह्मणों के साथ-साथ रुहेलखंड को साधने की रणनीति है. दलित वोटरों को साधने के लिए पलटू राम और कृष्णा पासवान को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता.
कृष्णा पासी फतेहपुर की खागा विधानसभा सीट से विधायक हैं. अवध के तमाम जिलों में पासी वोटर की संख्या अच्छी खासी है. बीजेपी ने कृष्णा पासी को मंत्री बनाकर सपा के इंद्रजीत सरोज के कार्ड के तौर पर इस्तेमाल करना चाहती है. पलटू राम बलरामपुर सदर से विधायक हैं और पासी समुदाय से आते हैं. बीजेपी इस तरह पासी समुदाय को सरकार में प्रतिनिधित्व देकर बड़ा संदेश देना चाहती है.
ओबीसी समुदाय से योगी की कैबिनेट में तेजपाल नागर और छत्रपाल गंगवार को मंत्री के तौर पर शामिल किया जा सकता है. तेजपाल नागर गुर्जर समुदाय से आते हैं जबकि छत्रपाल गंगवार कुर्मी समाज से हैं. यूपी की सियासत में ओबीसी में यह दोनों ही वोट काफी अहम हैं.
पश्चिम यूपी की करीब दो दर्जन सीटों पर गुर्जर वोटर निर्णायक भूमिका अदा करते हैं. योगी के मंत्रिमंडल में फिलहाल गुर्जर समाज से अशोक कटरिया इकलौते मंत्री हैं और अब तेजपाल नागर को मंत्री बनाया जा सकता है. बीजेपी इस तरह से पश्चिम यूपी में गुर्जर समुदाय को बड़ा सियासी संदेश देने की रणनीति बना रही है. वहीं, बरेली से आने वाले छत्रपाल गंगवार को कैबिनेट में शामिल करने को कुर्मी समुदाय को साधने का दांव माना जा रहा है.
बता दें कि योगी मंत्रिमंडल में विस्तार की चल रही अटकलों का सिलसिला अब थमने का वक्त आ गया है. सीएम योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की बुधवार को मुलाकात ने इस संभावना को और बल दे दिया है. इससे पहले 19 अगस्त को दिल्ली में बीजेपी शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठक हो चुकी हैं. बताया जा रहा है कि उस दौरान मंत्रिमंडल में विस्तार के साथ विधान परिषद सदस्य के लिए भी चार नामों पर सहमति बनी थी.
उत्तर प्रदेश सरकार में अभी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कुल 53 मंत्री हैं. इनमें 23 कैबिनेट, नौ राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 21 राज्यमंत्री हैं. ऐसे में नियम के मुताबिक अधिकतम साठ मंत्री बनाए जा सकते हैं, इसलिए सात और मंत्री बनाए जाने की गुंजाइश है. यूपी में विधानसभा चुनाव में कुछ माह ही बचे हैं. योगी सरकार और बीजेपी संगठन, दोनों ही जातीय और क्षेत्रीय संतुलन बनाने की नीति-रणनीति पर काम कर रहे हैं.