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UP Chunav: 'राम का नाम...' अयोध्या से बनेगा CM योगी का काम! जानें क्या कहते हैं राजनीतिक समीकरण

Uttar Pradesh Assembly Elections 2022: सदर सीट संख्या 275 से योगी आदित्यनाथ चुनाव लड़ सकते हैं. मुख्यमंत्री के सलाहकार यहां लोगों का रुख परख चुके हैं. खास बात यह है कि इस सदर सीट के ही दायरे में ही भव्य राम मंदिर और हनुमान गढ़ी का क्षेत्र भी आता है.

योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो) योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • अयोध्या,
  • 13 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 10:17 PM IST
  • बीजेपी के लिए खास है अयोध्या विधानसभा सीट
  • योगी की हिंदुत्ववादी छवि का मिलेगा फायदा

चुनाव की तारीख का ऐलान होते ही यूपी में सियासी भूचाल आया हुआ है. एक के बाद एक नेता बागी हो रहे हैं. दल बदल का खेल जारी है, जिसमें सबसे ज्यादा झटके बीजेपी को लग रहे हैं. जिस गैर यादव ओबीसी कार्ड के साथ बीजेपी मैदान पर थी, उन्हीं ओबीसी नेताओं ने अब पार्टी से दूरी बनानी शुरू कर दी है. इस बीच दिल्ली में उम्मीदवारों की लिस्ट को लेकर मंथन चल रहा है. जहां से एक बड़ी खबर सामने आई है. 

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आजतक को विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि योगी आदित्यनाथ अयोध्या से चुनाव लड़ सकते हैं. योगी के अयोध्या से चुनाव लड़ने की तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं, अब बस औपचारिक ऐलान का इंतजार बाकी है.

संतों में दिखा उत्साह
बताया जा रहा है कि सदर सीट संख्या 275 से योगी आदित्यनाथ चुनाव लड़ सकते हैं. मुख्यमंत्री के सलाहकार यहां लोगों का रुख परख चुके हैं. खास बात यह है कि इस सदर सीट के ही दायरे में ही भव्य राम मंदिर और हनुमान गढ़ी का क्षेत्र भी आता है. योगी के चुनाव लड़ने की खबर मिलने के बाद वहां उत्सव शुरू हो गया है. संतों-महंतों में गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है.

योगी के अयोध्या से चुनाव लड़ने पर बीजेपी नेता विनय कटियार ने कहा, 'कहने के लिए भले ही सरकार लखनऊ से चलती रही, मगर योगी को भक्ति की शक्ति अयोध्या से मिलती रही है, वो अयोध्या आते रहे हैं और राम के जयकारे लगाते रहे हैं.' कटियार ने कहा कि जो रिश्ता गोरखपुर से योगी आदित्यनाथ का रहा है, वैसे ही रिश्ता अब अयोध्या से बंधने जा रहा है.

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बीजेपी के लिए खास है अयोध्या की सीट
सच्चाई यह है अयोध्या से योगी आदित्यनाथ का चुनाव लड़ना बीजेपी की राजनीति को रास आने वाला फैसला होगा, क्योंकि अयोध्या सिर्फ एक सीट नहीं है, बल्कि हिंदुत्व की वो धुरी है जहां से दशकों तक बीजेपी राजनीतिक ऊर्जा पाती रही है. काशी में पीएम मोदी तो अयोध्या में योगी. हिंदू आस्था के दो बड़े केंद्र सीधे-सीधे बीजेपी से जुड़ जाएंगे. बीजेपी के एजेंडे में तो ये दोनों पहले से रहे हैं, ऐसे में योगी के अयोध्या से चुनाव लड़ने से लोगों के बीच एक बड़ा राजनीतिक संदेश जाएगा.

यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि बीजेपी का राम मंदिर आंदोलन और 1989 के लोकसभा चुनाव में दो से 86 सीटों तक पहुंच जाने के पीछे अयोध्या का ही हाथ था. हालांकि यह बात अलग है कि 2017 के चुनाव में बीजेपी अयोध्या के पड़ोसी जिले अंबेडकरनगर, आजमगढ़, जौनपुर और रायबरेली में पीछे रह गई थी. अगर इस बार योगी आदित्यनाथ अयोध्या से चुनाव लड़ते हैं तो यह पार्टी के लिए समीकरण बदलने जैसा साबित हो सकता है और पार्टी राम मंदिर मुद्दे को भुनाने की पूरी कोशिश करेगी.

आज तक ब्यूरो

 

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