
यूपी के गाजीपुर जिले की एक विधानसभा सीट है जमानिया. गाजीपुर जिले की जमानिया विधानसभा क्षेत्र ग्रामीण इलाकों की सीट है. यहां कृषि आधारित क्षेत्र है. इस इलाके को धान का कटोरा भी कहा जाता है और इसी विधान सभा क्षेत्र में एशिया का सबसे बड़ा गांव गहमर भी आता है. गहमर गांव सैनिकों के लिए भी अपनी पहचान रखता है.
गहमर गांव के लगभग हर घर में फौजी मिल जाएंगे. गहमर में ही शक्ति स्वरूपा मां कामाख्या देवी का प्रसिद्ध मंदिर भी है जिसकी स्थापना सन 1530 में सिकरवार वंश के राजपूतों ने खानवा युद्ध के बाद फतेहपुर सीकरी से आकर कुल देवी के रूप में की थी. आस्था का प्रतीक ये मंदिर काफी प्रसिद्ध है. मध्यकालीन मुगलिया दस्तावेजों के अनुसार औरंगजेब के काल में यहां काफी धर्म परिवर्तन भी हुए. यहां बड़ी संख्या में हिंदू और मुसलमान बिरादरी के लोग आपसी सद्भाव के साथ रहते हैं.
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गाजीपुर जिले के इस विधानसभा क्षेत्र में दो तहसील है- सेवराई और जमानियां. दिल्ली-हावड़ा रेल रुट के प्रमुख स्टेशनो में से एक जमानियां रेलवे स्टेशन काफी पुराना है. जनपद गाजीपुर के मध्य से गुजरने वाली गंगा के उस पार दक्षिण दिशा में पड़ने वाली जमानियां विधानसभा सीट का 2008 के परिसीमन में पुनर्गठन किया गया था. नए परिसीमन में दिलदारनगर विधानसभा सीट का अस्तित्व समाप्त हो गया और जमानियां विधानसभा सीट अस्तित्व में आई. ऋषि जमदग्नि से जुड़े इस क्षेत्र से उत्तर वाहिनी जीवनदायिनी गंगा बहती हैं. इस क्षेत्र की सीमाएं बिहार के कैमूर और बक्सर जिले के साथ ही यूपी के चंदौली जिले से भी लगती हैं.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
जमानिया विधानसभा सीट की राजनीतिक पृष्ठभूमि की बात करें तो साल 1985 के बाद यहां से सबसे अधिक चार बार समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवार जीते हैं. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) तीन, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के उम्मीदवार भी यहां से एक दफे विजय पाने में सफल रहे. इस विधानसभा सीट के चुनावी अतीत की बात करें तो साल 2007 में बसपा के राजकुमार सिंह गौतम इस सीट से विधानसभा पहुंचे थे.
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जमानिया विधानसभा सीट का 2008 के परिसीमन में पुनर्गठन किया गया. ने परिसीमन के बाद पहली दफे 2012 में विधानसभा चुनाव हुए. इस चुनाव में बसपा ने उमाशंकर कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया था जबकि सपा से ओमप्रकाश सिंह चुनाव मैदान में थे. सपा के ओमप्रकाश सिंह ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बसपा के उमाशंकर कुशवाहा को 29 हजार वोट से अधिक के अंतर से हरा दिया था. ओमप्रकाश सिंह अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री भी रहे.
2017 का जनादेश
जमानियां विधानसभा सीट से 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा की तत्कालीन सरकार में मंत्री ओमप्रकाश सिंह फिर से मैदान में थे. ओमप्रकाश सिंह के खिलाफ बीजेपी ने सुनीता सिंह को चुनाव मैदान में उतारा. बसपा से अतुल राय चुनावी रणभूमि में थे जो इस समय मऊ की घोसी लोकसभा सीट से सांसद हैं. बीजेपी की सुनीता सिंह ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी अतुल राय को 9264 वोट के अंतर से हरा दिया. ओमप्रकाश सिंह तीसरे स्थान पर रहे.
सामाजिक ताना-बाना
जमानियां विधानसभा सीट के सामाजिक समीकरणों की बात करें तो इस इलाके में हर जाति-वर्ग के लोग रहते हैं. नए परिसीमन के बाद ये विधानसभा क्षेत्र मुस्लिम बाहुल्य विधानसभा क्षेत्र हो गया है. अनुमानों के मुताबिक इस विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम मतदाताओं की तादाद अधिक है. कुशवाहा, यादव और दलित वर्ग के मतदाता भी इस सीट का चुनाव परिणाम निर्धारित करने में अपनी अहम भूमिका निभाते हैं.
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
जमानियां विधानसभा सीट से बीजेपी की विधायक सुनीता सिंह इलाके में विकास की गंगा बहाने के दावे कर रही हैं तो वहीं विरोधी दलों के नेता उन्हें फेल बता रहे हैं. विपक्षी दलों के नेताओं का आरोप है कि इलाके की समस्याएं जस की तस हैं.