उत्तर प्रदेश में 2022 विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए बीजेपी अपने सियासी और जातीय समीकरण को दुरुस्त करने में जुट गई है, जिसके लिए पार्टी पिछड़ों को एकजुट करने का निर्णय लिया है. बिहार के CM नीतीश कुमार के लव-कुश मॉडल के तर्ज पर बीजेपी यूपी में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह को आगे कर ओबीसी समुदाय को जोड़ने की मुहिम चलाने जा रही है. बीजेपी की नजर यूपी के गैर-यादव ओबीसी मतदाताओं पर है. देखें क्या है पिछड़ों से जुड़ने का प्लान.