
साइकिल और पार्टी पर कब्जा जमाने के बाद मंगलवार को जब अखिलेश यादव दूसरी बार मुलायम के दरवाजे पर पहुंचे तो अंदर शिवपाल पहले से ही मौजूद थे. एक बार फिर चाचा-भतीजा और अखिलेश आमने-सामने थे. लेकिन अब वक्त और हालात बदल चुके हैं. तीनों के बीच ये मुलाकात सिर्फ पांच मिनट में खत्म हो गई. इस मुलाकात के चंद घंटे बाद मुलायम ने 38 लोगों की लिस्ट अखिलेश को भेज दी. ये वो नाम हैं, जिन्हें मुलायम चुनाव में टिकट देना चाहते हैं.
मुलायम की 38 लोगों की लिस्ट में सबसे ऊपर मुलायम की दूसरी पुत्रवधु अपर्णा यादव का नाम है. अपर्णा लखनऊ कैंट से टिकट चाहती है. इसके बाद नारद राय, अंबिका चौधरी, ओम प्रकाश सिंह, शादाब फातिमा और शिवपाल यादव की जगह उनके बेटे आदित्य यादव को जसवंतनगर से टिकट देने की मांग की है. अखिलेश की इस कसरत का मकसद ये है कि वो अब मुलायम से सीधे-सीधे अब कोई टकराव नहीं चाहते. इसकी उम्मीद ज्यादा है कि अब वो मुलायम की भेजी लिस्ट को मोटे तौर पर स्वीकार भी कर लें.
सूत्रों के मुताबिक मुलायम सिंह यादव का गुस्सा अभी पूरी तरह उतरा नहीं है. लेकिन वो अब अखिलेश के लिए कोई बड़ी मुश्किल खड़ी नहीं करना चाहते. चुनाव आयोग के फैसले के बाद मुलायम ने समर्थकों को केस मुकदमे से दूर रहने को कहा है. हालांकि पहले से फूंक-फूंक कर कदम रख रहे रामगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट में केवियट दायर कर दी. इसका मतलब ये हुआ कि अगर चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ कोई याचिका दायर की जाती है तो कोई भी एक्स-पार्टी ऑर्डर नहीं दिया जाएगा. अखिलेश यादव गुट को सुनने के बाद ही कोई आदेश दिया जा सकेगा.
अखिलेश यादव ने मंगलवार को कहा कि जल्द ही लखनऊ में गठबंधन का ऐलान होगा. उन्होंने कहा कि मतभेद कुछ ही सीटों पर थे और हमें अब लोगों के बीच जाना है. माना जा रहा है कि कुल 403 विधानसभा सीटों में से समाजवादी पार्टी कांग्रेस समेत सभी दलों के लिए करीब 135 सीटें छोड़ सकती है.
महागठबंधन में जेडीयू, आरजेडी, निषाद पार्टी, महान दल, पीस पार्टी और अनुप्रिया पटेल की मां की अगुवाई वाली अपना दल भी शामिल हो सकते हैं. यानी बिहार की तर्ज पर महागठबंधन इसबार फिर बीजेपी को पटकनी देने के इरादे से मोर्चाबंदी के मूड में है.